इंदौर

बाणेश्वरी कावड़ यात्रा से पूरा शहर हुआ शिवमय, सुबह से शाम तक गूंजता रहा बोल बम का उदघोष –  सड़कें पटी फूलों से

राजबाड़ा पर सफाई मित्रों का सम्मान, देवी अहिल्या की प्रतिमा का दुग्धाभिषेक

बाणेश्वरी कावड़ यात्रा से पूरा शहर हुआ शिवमय, सुबह से शाम तक गूंजता रहा बोल बम का उदघोष –  सड़कें पटी फूलों से
राजबाड़ा पर सफाई मित्रों का सम्मान, देवी अहिल्या की प्रतिमा का दुग्धाभिषेक,  300 से अधिक मंचों से हुई पुष्प वर्षा

इंदौर।  श्रद्धा और आस्था से लबरेज बाणेश्वरी कावड़ यात्रा ने शुक्रवार सुबह से शाम तक शहर के मध्य एवं पश्चिम क्षेत्र को शिवमय बनाए रखा। पांच हजार से अधिक कावड़ियों का जोश देखते ही बन रहा था। यात्रा के साथ चल रही पांच प्रमुख झांकियां तो आकर्षण का केन्द्र बनी ही, जगह-जगह स्वागत मंचों से हुई पुष्प वर्षा ने भी इस यात्रा को आत्मीयता के रंग में सरोबार बनाए रखा। बैंडबाजों और ढोल-नगाड़ों से निकल रही सुर एवं स्वर लहरियों पर नाचते-थिरकते श्रद्धालुओं ने युवा कावड़ियों का जोश और उत्साह पूरे समय बनाए रखा। राज्य के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल, तुलसी सिलावट, महापौर  पुष्यमित्र भार्गव,  सांसद शंकर लालवानी,  विधायक रमेश मेंदोला, मालिनी गौड़, महेन्द्र हार्डिया, पूर्व विधायक संजय शुक्ला, गोपीकृष्ण नेमा, भाजपा नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा, जिला अध्यक्ष श्रवणसिंह चावड़ा, इंविप्रा के पूर्व अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा, हरिनारायण यादव, सूरज कैरो सहित अनेक पार्षदों ने भी यात्रा में शामिल होकर कावड़ उठाने का पुण्य लाभ प्राप्त किया। राजबाड़ा पर आयोजित कार्यक्रम में विधायक गोलू शुक्ला ने भी अपनी ओर से शहर के चुनिंदा सफाई मित्रों का शाल-श्रीफल एवं दुपट्टा भेंटकर सम्मान किया।
गत 14 जुलाई को महेश्वर से प्रारंभ हुई इस कावड़ यात्रा का शहर में तीन सौ से अधिक स्वागत मंचों और तोरण द्वारों से जोशीला स्वागत हुआ। जगह-जगह इस यात्रा के स्वागत के जबर्दस्त जोशीले और उत्साहपूर्ण दृश्य देखने को मिले। सुबह साढ़े 9 बजे द्वारका गार्डन से प्रारंभ हुई कावड़ यात्रा को राजबाड़ा तक पहुंचते-पहुंचते करीब सात घंटे का वक्त लग गया। मार्ग में हर बीस कदम की दूरी पर स्वागत मंच और तोरण द्वार लगे होने से यात्रा को  इतना समय लग गया। संध्या को करीब 6 बजे कावड़ यात्रा मरीमाता चौराहा पहुंच पाई। मोती तबेला, हरसिद्धी एवं मच्छी बाजार जैसे मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में भी शिव भक्तों और विधायक गोलू शुक्ला का आत्मीय स्वागत किया गया। यात्रा में शामिल पांच आकर्षक झांकियां भी भक्तों के लिए आकर्षण और श्रद्धा का केन्द्र बनी रही। जगह-जगह पुष्प वर्षा के दृश्य तो इतने भावपूर्ण थे कि यात्रा के गुजरने के बाद पूरी सड़कें फूलों से पटी नजर आई। हालांकि यात्रा के पीछे –पीछे सड़क साफ करने की व्यवस्था भी साथ चलती रही।  यातायात व्यवस्था को संभालने के लिए भी 50 कार्यकर्ता पूरे समय चलते रहे।
सुबह द्वारका गार्डन से कावड़ एवं कन्या पूजन के पहले विधायक गोलू शुक्ला ने इंदौर को आठवीं बार स्वच्छता में सिरमौर बनने पर बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए सभी कावड़ियों पर पुष्प वर्षा की।  यात्रा अन्नपूर्णा मंदिर पहुंची, जहां चुनरी समर्पण के बाद मंदिर के संचालक स्वामी जयेन्द्रानंद गिरि ने महामण्डलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि की ओर से उन्हें चुनरी एवं श्रीफल भेंट किए । इसके बाद तो केशरिया वस्त्रों में रंग-बिरंगी कावड़ को कांधे पर लादे श्रद्धालु बोल बम का उदघोष करते हुए महूनाका चौराहा पहुंचे, जहां विभिन्न मंचों से कावड़ यात्रियों का स्वागत किया गया। यात्रा में मुख्य रूप से अंजनेश शुक्ला, कमल शुक्ला, यश शुक्ला, रुद्राक्ष शुक्ला, जीतू यादव, चंद्रभानसिंह सोलंकी,  संदीप गोयल, गोविंद पवार, बाबा जगजीवन सहित अनेक प्रमुख कार्यकर्ता भी शामिल थे।
*मुस्लिम संगठनों द्वारा स्वागत* – यात्रा प्रभारी दीपेन्द्र सिंह सोलंकी ने बताया कि महूनाका से कलेक्टोरेट होते हुए जब यात्रा मच्छी बाजार, यशवंत रोड पहुंची तो अनेक मुस्लिम संगठनों की ओर से भी संयोजक गोलू शुक्ला को साफा बांधकर सम्मानित किया गया। सदर बाजार में भी सर्व धर्म एकता मंच एवं मुस्लिम संगठनों ने भी यात्रा का जोशीला स्वागत किया। राजबाड़ा पहुंचने पर गोलू शुक्ला एवं अन्य सह यात्रियों ने पुष्पवर्षा के बीच मां अहिल्या की प्रतिमा पर महामंडलेश्वर स्वामी रामगोपालदास के सानिध्य में दुग्धाभिषेक कर सफाई कामगारों का सम्मान भी किया गया। अहिल्या उद्यान में उन्होंने पौधा भी रोपा। राजबाड़ा पर शहर के सभी जनप्रतिनिधियों ने भी कावड़ यात्रा का स्वागत एवं पूजन किया। मार्ग में जगह-जगह विभिन्न धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों की ओर से कहीं साफा बांधा गया, कही तलवार भेंट की गई तो कही लड्डुओं एवं फलों से भी तोला गया।
*मरीमाता पर रंगारंग आतिशबाजी* – मरीमाता चौराहे पर रंगारंग आतिशबाजी का दृश्य भी देखने लायक था। यात्रा का काफिला करीब दो किलोमीटर लंबा था। संध्या को यह काफिला मरीमाता चौराहे से मौनी बाबा आश्रम होते हुए रेवती रेंज पहुंचा, जहां रात्रि विश्राम के बाद 19 को सुबह पंथपिपलई और 20 को सुबह पंथ पिपलई से उज्जैन पहुंचकर रात्रि विश्राम के बाद सोमवार 21 जुलाई को भस्म आरती के समय बाबा महाकालेश्वर का जलाभिषेक कर सभी श्रद्धालु प्रदेश में खुशहाली एवं सुख, शांति, समृद्धि के लिए प्रार्थना करेंगे।

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