बड़वाह। ग्राम सुलगांव में राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम हुआ आयोजित…

कपिल वर्मा बड़वाह। मध्य प्रदेश वॉलन्ट्री हेल्थ एसोसिएशन द्वारा राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत 10 से 19 साल के किशोर-किशोरियों के लिए स्वास्थ्य संस्थाओं में शुरू हुए उमंग स्वास्थ्य केंद्र पर राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के परामर्शदाताओ द्वारा विभिन्न किशोरावस्था की समस्याओं पर उचित परामर्श दिया जा रहा है।
जिसको लेकर शासकीय उच्चतर माध्यमिक एवं माध्यमिक विद्यालय सुलगांव में गुरुवार को राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़वाह मे बने उमंग स्वास्थ्य केंद्र बड़वाह के परामर्श दाता जितेन्द्र पटेल के द्वारा आउटरिच गतिविधि का आयोजन किया गया।
यह आयोजन प्रमुख खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेंद्र मिमरोट एवं नेशनल हेल्थ मिशन के निर्देशन पर किया गया। इस दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़वाह में संचालित उमंग स्वास्थ्य केंद्र के बारे विस्तार से बताया गया की जिसमें प्रशिक्षित परामर्शदाता जितेन्द्र पटेल के द्वारा समस्या का आंकलन कर यथायोग्य परामर्श दिया जाता है। किशोरावस्था में शारीरिक मानसिक सामाजिक व भावनात्मक विकास होता है। साथ ही मानसिक स्थिति के बार-बार बदलने का अनुभव भी होता है।
किशोरावस्था जीवन का एक महत्वपूर्ण और नाजुक चरण होता है। इस उम्र में सही विकास के लिए पोषण, शिक्षा, सही मार्गदर्शन, सहयोग एवं आसपास के लोगों से अपनेपन की भावना की आवश्यकता होती है। राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित इस केंद्र में 6 मुख्य उद्देश्यों को शामिल किया गया हैं।
जिसमें यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार, मानसिक स्वास्थ्य में वृद्धि, असंचारी बीमारियों से रोकथाम, लिंग आधारित हिंसा को रोकना, पोषण स्तर को बेहतर करना और नशीले पदार्थों की रोकथाम प्रमुख है। स्वास्थ्य केंद्र के साथ साथ स्वास्थ्य एवं पोषण दिवसों व विभिन्न आउटरीच गतिविधियों के माध्यम से भी सेवाएं दी जाती है।
केंद्र में किशोर किशोरियों की विभिन्न समस्याओं के अनुरूप परामर्श, उपचार एवं रेफरल सेवाएं दी जा रही हैं । जिनमें पोषण, एनीमिया की रोकथाम, यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य, माहवारी एवं स्वछता, असंचारी रोग, नशे के सेवन से होने वाले दुष्प्रभाव, पारिवारिक एवं व्यक्तिगत परामर्श, लिंग आधारित हिंसा एवं चोट से रोकथाम, तनाव अवसाद, आत्महत्या जैसे मानसिक अवसाद, बाल विवाह की रोकथाम, किशोरावस्था में गर्भधारण की रोकथाम एवं एमटीपी संबंधी परामर्श उपलब्ध हैं।
इस दौरान किशोरी बालिकाओं को एनीमिया सिकल सेल के विषय पर भी विस्तात रूप से बताया गया व हर तीन माह मे हीमोग्लोबिन टेस्ट करने व उचित पोषण की सलाह दी गई।