सेंधवा: राधाकृष्ण मंदिर से राजराजेश्वर तक निकली भव्य कलश यात्रा, शिव-पार्वती सजीव रूप में रथ पर विराजे
राजराजेश्वर मंदिर में स्वामी आशुतोषानंद गिरी जी ने दी शिव महिमा की व्याख्या

सेंधवा। सावन मास में नगर में भक्ति का अद्भुत उत्सव देखने को मिला जब अग्रवाल सोशल ग्रुप एवं दादी परिवार के तत्वावधान में भव्य कलश यात्रा निकाली गई। यात्रा राधा कृष्ण मंदिर से प्रारंभ होकर नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए किला अंदर स्थित राजराजेश्वर मंदिर पहुंची। इस शोभायात्रा में पुरुष जहां सफेद वस्त्रों में सुसज्जित थे, वहीं महिलाएं पारंपरिक लाल साड़ी में आकर्षक दिखीं। यात्रा के दौरान भगवान शिव व माता पार्वती सजीव स्वरूप में रथ पर विराजमान रहे, जिनके दर्शन कर श्रद्धालु अभिभूत हुए। नगर में विभिन्न स्थानों पर पुष्प वर्षा कर यात्रा का स्वागत किया गया। शिव भजनों पर श्रद्धालुओं ने जमकर नृत्य किया।
राजराजेश्वर मंदिर प्रांगण में कथा का शुभारंभ स्वामी 1008 श्री आशुतोषानंद गिरी जी महाराज (काशी, बनारस) के प्रवचनों से हुआ। उन्होंने कहा कि शिव अनादि, अनंत और अपार हैं। ब्रह्मा, विष्णु, महेश एक ही स्वरूप के विभिन्न रूप हैं। केतकी पुष्प के झूठ के कारण उसे शिव पर चढ़ाना वर्जित है क्योंकि शिव सत्य के प्रतीक हैं। उन्होंने उपनामों के भेद से ऊपर उठने का संदेश दिया। आयोजन समिति और महिला मंडल परिवार ने नगरवासियों से सावन माह में कथा का लाभ उठाने का आग्रह किया।