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गुरुजनों के सम्मान में नेहरू स्मृति स्कूल सेंधवा में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति

सेंधवा। गुरु वह दीपक है जो हमारे जीवन के अंधकार को दूर करके हमें सफलता की राह दिखाते हैं। वह हमारे चरित्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पुरातन काल से ही भारत में गुरु को सर्वोपरि माना है। उक्त विचार शिक्षा प्रसारक समिति द्वारा संचालित नेहरु स्मृति हायर सेकेंडरी हिंदी एवम अंग्रेजी माध्यम स्कूल में गुरु पूर्णिमा पर आयोजित कार्यक्रम में संस्था अध्यक्ष बी एल जैन ने विद्यार्थियों से कहे।

उन्होंने कहा कि गुरु पूर्णिमा भारतीय संस्कृति का एक पावन पर्व है जो ज्ञान शिक्षण और मार्गदर्शन के प्रतीक गुरु को समर्पित होता है । यह दिन गुरु शिष्य परंपरा को सम्मान देने और अपने जीवन में गुरु के योगदान को याद करने का उत्तम अवसर होता है। कार्यक्रम की शुरुआत गुरु वंदना से हुई उसके पश्चात विद्यार्थियों द्वारा गुरु पर गुरु की महिमा को गीतों एवं भाषण द्वारा प्रस्तुत किया गया। जिसमें अथर्व पालीवाल, भाग्यश्री खेडकर, यश भारती, प्रतिज्ञा बहारें, मशिरा मंसूरी, इकरा मंसूरी,दर्शिता गायकवाड़, भाविका सूर्यवंशी, परिधि खरते, वंशिका शिम्पी, राजवीर चारण, यांशी सूर्यवंशी, दिव्यांशी जांगिड, मुस्कान गोस्वामी, मोक्षदा वंजारे, दिव्या चौहान, सूरज चौहान, सूरज ठाकुर, पीटर चौहान, साईं पाटिल ने गुरु की महिमा का गुणगान किया।


प्राचार्य हेमंत खेड़े, प्राचार्य राहुल मंडलोई एवं प्रधान पाठक देवेंद्र कानूनगो ने भी गुरु पूर्णिमा के अवसर पर अपने-अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि गुरु आपको ज्ञान के साथ साथ संस्कार और मूल्यों की भी शिक्षा देते है। एक शिष्य का यह कर्तव्य है कि वह अपने गुरु द्वारा दिखाए गए मार्ग का अनुसरण करे अन्यथा यह दिवस एक औपचारिक बन कर रह जाएगा।
कार्यक्रम के दौरान पूर्व अध्यक्ष पीरचंद मित्तल, दिलीप कानूनगो, उपाध्यक्ष रविंद्र सिंह मंडलोई, सचिव शैलेष कुमार जोशी, कोषाध्यक्ष गोविंद मंगल, सहसचिव दीपक लालका तथा समस्त सदस्य व शिक्षक शिक्षिकाए उपस्थित रहे।

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