सेंधवा: यूरिया-डीएपी की कमी से हाहाकार, आंदोलन की राह पर किसान संगठन
सेंधवा में खाद की भारी किल्लत, किसान संघ ने वितरण केंद्र बंद करने की दी चेतावनी

सेंधवा; रमन बोरखड़े। सेंधवा से शुरू हुई खाद संकट की समस्या अब पूरे जिले में किसानों के लिए गंभीर चुनौती बन चुकी है। यूरिया और डीएपी की भारी कमी के कारण किसान दिनभर कतारों में खड़े हैं। किसान संघ ने चेतावनी दी है कि यदि स्थिति नहीं सुधरी तो खाद केंद्रों की तालाबंदी कर आंदोलन शुरू किया जाएगा।
खाद संकट से जूझ रहे किसान
सेंधवा सहित पूरे बड़वानी जिले में यूरिया और डीएपी खाद की भारी कमी से किसान बेहाल हैं। रिपोर्ट के अनुसार, किसानों को खाद प्राप्त करने के लिए आठ से पंद्रह दिनों तक इंतजार करना पड़ रहा है। सेंधवा के बड़े घट्य्या पट्य्या स्थित नगद वितरण केंद्र पर प्रतिदिन सैकड़ों किसान सुबह से ही कतार में लग जाते हैं, जिससे वहाँ अफरातफरी का माहौल रहता है।
बुनियादी सुविधाओं का अभाव और आंदोलन की चेतावनी
भारतीय किसान संघ के संभागीय सदस्य मंशाराम पंचोले ने बताया कि केंद्र पर प्रतिदिन 500 से 700 किसान खड़े रहते हैं, लेकिन न तो पीने के पानी की सुविधा है और न ही अन्य जरूरी व्यवस्थाएं। किसानों ने चिंता जताई है कि यदि समय पर खाद नहीं मिली, तो फसलें खराब हो जाएंगी और उन पर कर्ज का बोझ बढ़ जाएगा। किसान संघ ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि वितरण प्रणाली में शीघ्र सुधार नहीं हुआ, तो खाद केंद्रों की तालाबंदी की जाएगी और पूरे जिले में क्रमबद्ध आंदोलन शुरू होगा। इसका जिम्मेदार प्रशासन को ठहराया जाएगा।