इंदौर

यातायात प्रबंधन का व्यावहारिक अभ्यास

पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज के 205 नवआरक्षकों ने संभाला शहर के 23 प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक संचालन

– यातायात प्रबंधन का व्यावहारिक अभ्यास- पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज के 205 नवआरक्षकों ने संभाला शहर के 23 प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक संचालन

– डीसीपी, यातायात प्रबंधन ने की हौसलाअफजाई

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इंदौर। पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय (PTC) मूसाखेड़ी, इंदौर में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे 205 महिला एवं पुरुष नव आरक्षकों ने इंदौर शहर के 23 प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक संचालन कर यातायात प्रबंधन का व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस पहल का उद्देश्य नव आरक्षकों को यातायात नियंत्रण, सड़क सुरक्षा, नियम पालन, तथा अनुशासन का व्यवहारिक ज्ञान प्रदान करना था।

प्रशिक्षण कार्यक्रम पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज (PTC) की पहल पर यातायात पुलिस इंदौर के सहयोग से आयोजित किया गया, जिसमें पूर्व में नव आरक्षकों को यातायात से जुड़े सिद्धांतों एवं नियमों की कक्षा में जानकारी दी गई थी। उसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए आज उन्हें मैदान पर उतरकर ट्रैफिक संचालन की वास्तविक परिस्थितियों में अभ्यास करने का अवसर प्रदान किया गया।

शहर के इन 23 चौराहों पर दी गई ड्यूटी पिपलियाहाना , रोबोट, रेडिसन, देवास नाका, सत्य साईं, विजयनगर, रसोमा, एमआर 9, एलआईजी, बापट, चंद्रगुप्त मौर्य, नौलखा, व्हाइट चर्च, गीता भवन, होमगार्ड, पलासिया, गिटार तिराहा, इंडस्ट्री हाउस, घंटाघर, हाईकोर्ट, लैंटर्न, रीगल सर्किल व मधु मिलन।

 प्रशिक्षण के मुख्य बिंदु:- स्टॉप लाइन का पालन करवाना,लेफ्ट टर्न को सुगम बनाना, ज़ेब्रा क्रॉसिंग पर पैदल यात्रियों को प्राथमिकता देना, ट्रैफिक लाइट नियमों का पालन सुनिश्चित करना, हेलमेट और सीट बेल्ट के उपयोग हेतु वाहन चालकों को समझाइश, इमरजेंसी वाहनों को सुगमता से रास्ता देना, हाथों से ट्रैफिक संचालन की व्यावहारिक ट्रेनिंग, चालानी कार्यवाही प्रक्रिया कानून व्यवस्था के दौरान यातायात प्रबंध।

डीसीपी यातायात प्रबंधन  अरविंद तिवारी  ने पिपलियाहाना चौराहे पर ड्यूटी कर रही महिला नव आरक्षकों से मुलाकात कर उनका हौसला बढ़ाया। एसीपी  हिन्दू सिंह मुवेल (यातायात जोन 3) एवं एसीपी  मनोज कुमार खत्री (यातायात जोन 2) ने संबंधित क्षेत्रों के चौराहों पर पहुँचकर नव आरक्षकों को दिशा-निर्देश दिए। डीएसपी, पीटीसी  अनिल वर्मा एवं उनकी टीम ने भी अलग-अलग चौराहों पर जाकर निरीक्षण किया तथा प्रशिक्षण की गुणवत्ता सुनिश्चित की।

अभ्यास का प्रमुख उद्देश्य नव आरक्षकों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करना, उनमें व्यवहारिक समझ विकसित करना तथा यातायात व्यवस्था के प्रति जिम्मेदारी की भावना पैदा करना है। यातायात पुलिस और पीटीसी का यह संयुक्त प्रयास आने वाले समय में सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक संचालन की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने की दिशा में एक अहम कदम सिद्ध होगा।

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