सेंधवा में योग दिवस पर 32 योग क्रियाओं से स्वास्थ्य जागरूकता का संचार
योग से निरोग की ओर: पंडित मेवालाल के मार्गदर्शन में सेंधवा का सामूहिक योग अभ्यास

सेंधवा में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर मार्निंग योगा ग्रुप, गायत्री धाम और लायंस क्लब के संयुक्त तत्वावधान में निशुल्क योग शिविर का आयोजन किया गया। योग प्रशिक्षक पं. मेवालाल पाटीदार ने स्वास्थ्य लाभ के लिए विभिन्न योगासन और खानपान पर विस्तृत मार्गदर्शन दिया।
सेंधवा। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर 21 जून को मार्निंग योगा ग्रुप के तत्वावधान में गायत्री धाम, लायंस क्लब सेंधवा और जैन सोशल ग्रुप के सहयोग से निशुल्क योग शिविर का आयोजन लायंस हर्बल गार्डन में किया गया। सुबह 6 से 7:30 बजे तक चले इस कार्यक्रम की शुरुआत धरती माता की पूजा अर्चना के साथ हुई।
शिविर में मुख्य रूप से योग प्रशिक्षक पं. मेवालाल पाटीदार द्वारा 2025 की थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” के अनुरूप योग को समाज के लिए आवश्यक बताया गया। उन्होंने 32 प्रकार की योग क्रियाओं का अभ्यास करवाते हुए बताया कि ये आसन ब्लड प्रेशर, शुगर, साइटिका, माइग्रेन, पाचन तंत्र की समस्या, कमर, पीठ और पेट की बीमारियों को नियंत्रित करने में मददगार हैं। साथ ही पंडित जी ने योग के साथ खानपान पर भी मार्गदर्शन दिया।
योग सत्र के दौरान लेटकर और बैठकर किए गए प्राणायाम भी सिखाए गए। इस मौके पर पं. मेवालाल पाटीदार का महेश सोनी, अतुल पटेल और महेंद्र जैन द्वारा शाल, श्रीफल और माला से सम्मान किया गया।
कार्यक्रम के दौरान समाज सेवा में अग्रणी 7 विभूतियों का सम्मान किया गया, जिनमें रमेश पाल (रामायण महोत्सव समिति), महेंद्र जैन (जैन सोशल ग्रुप), अशोक जैन (स्थानकवासी जैन संघ), निलेश जैन (मानव सेवा समिति), महेंद्र परिहार (सुभाष चंद्र बोस रक्तदान समिति), अतुल पटेल (लायंस क्लब सेंधवा) और गोपाल शर्मा शामिल रहे।
कार्यक्रम में विश्व शांति और सामूहिक सद्भावना के लिए एक मिनट का मौन रखा गया। लायन सचिव निलेश मंगल ने योग पर स्वरचित कविता प्रस्तुत की। संचालन शीतल गांधी और आभार प्रदर्शन प्रतीक भावसार द्वारा किया गया।
इस अवसर पर गायत्री मंदिर ट्रस्ट द्वारा नि:शुल्क आयुर्वेदिक काढ़ा, रामायण महोत्सव समिति द्वारा अंकुरित अनाज, काजू-बादाम, च्यवनप्राश और मुखवास का वितरण किया गया। कार्यक्रम में भाजपा प्रवक्ता सुनील अग्रवाल, रामेश्वर पालीवाल, भीमराव पवार, रोहित गर्ग, दिलीप कानूनगो, सहित बड़ी संख्या में महिलाएं और नागरिक शामिल हुए।