तबादला होने के बाद भी कहीं कर्मचारी ऑफिस में बैठकर काट रहे हे चांदी, सरकार के आदेश हवा में।
स्थानांतरण के बाद नही जाना चाहते कर्मचारी वही जिम्मेदार ही जमाने मे लगे फील्डिंग कर्मचारी नहीं छोड़ रहे हे कुर्सी।

आशीष यादव धार,
कहने को तो सरकार कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादले करती है। मगर सालों से जमे कर्मचारी अपने कुर्सी का मोह ना छोड़ते हुए उसी कुर्सी पर बैठने की जुगाड़ में लगे हुए है। ऐसा ही मामला इन दिनों धार जिले में भी देखने को मिल रहा हैं यहां दर्जनो विभागों के तबादले हुई उसमें में कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादले धार जिले से अन्य जिले हुई है वही कहि कर्मचारियों के स्थानांतरण जिले के अंदर ही हुआ मगर कर्मचारी जाने को राजी नही है। क्योंकि इन अधिकारी और कर्मचारियों का मोह जिले से छूटने वाला नहीं है। क्योंकि पद स्थापना के बाद से अब तक इन्होंने यही अपने वर्चस्व का बाहुबली दिखाया रिटायर भी यही होने की मन्नत कर रहे है। वही कही कर्मचारियों अधिकारियों के विदाई समारोह भी उसी ऑफिस ह्यो गई सब से ज़्यादा पुलिस के कर्मचारी उसी स्थान पर आने के लिए आमद देने के बाद वही थानों में बैठेंने को कर रहे वही ऐसा ही शिक्षा विभाग में भी हो रहा है।
धृतराष्ट्र बनकर बैठे जिम्मेदार:
कहने को तो हर विभागों में सहाब बड़े सख्त रहते है। मगर
उनके खास चाहने वालो को बचाने के लिए साहब बड़े ही नर्म हो जाते हैं। वह अपनी कला का प्रदर्शन इस तरह करते हैं कि जैसे उनके कुछ पता नही ओर उनके सामने कुछ हो ही नहीं रहा है। इन दिनों ऐसा ही मामला धार मुख्यालय के साथ जिले के अन्य कार्यालय में देखने को मिल जाता है। वहीं सरकार के आदेश का पालन न करते हुए आदेश को हवा में उड़ाया जा रहा है। ओर अधिकारी भी धृतराष्ट्र बनकर बैठे हुए नजर आ रहे हैं। वही नियम के अनुसार जो नोट अधिकारी द्वारा बनाई जाती उसमें 3 दिन ओर 7 दिन का नियम रहता है। मगर उन नियमों को घोलकर पी जाते हैं।
कुर्सी छोड़ने को तैयार नही जिम्मेदार:
ट्रांसफर की सबसे बड़ी लिस्ट जनजाति विकास विभाग
,जिला पंचायत, शिक्षा ,राजस्व ,स्वास्थ्य ,पुलिस ,महिला एवं बाल विकास वन विभाग की निकली जिसमे कर्मचारियों के तबादले हुए है इसमें अन्य विभागों से भी कर्मचारियों को यहा से वहां किया गया मगर कही कर्मचारी आज अपनी पुरानी जगह को छोड़कर दूसरी जगह जाने को तैयार नही क्योकि यहा से चले गए तो इनके द्वारा बैठाई हुई गोट खत्म हो जाएंगी ओर इनका हुक्का पानी बंद हो जायेगा और नई जगह पर फील्डिंग भरने में समय लगेगा क्योंकि वहां भी पुराने कर्मचारी बाहुबली बनकर बैठे हैं। जिसके लिए वही बैठेने के लिए जी जान लगा रहे है।
आदेश का पालन तो करवा दो साहब:
स्थांतरण होने के बाद कर्मचारियों में खल- बली मच गई है। इस बार शासकीय विभागों में ट्रांसफर को लेकर भारी उथल-पुथल मची हुई है। एक स्थान पर लंबे समय से डटे हुए कर्मचारियों पर इसका ज़्यादा असर नजर आया है।
वही प्रभारी मंत्री अंतिम मुहर लगने के बाद कर्मचारी की लिस्ट आई तो जिन लोगो के तबादले हुई उसकी स्थिति देखने लायक थी। वही अब जिन विभाग के कर्मचारी के तबादले हुए है व जाने से पहले वापस आने की तैयारी में नेताओ के पास धोख दे रहे है। वही सूत्रों की मानें तो कर्मचारी, धार सहित इंदौर और भोपाल की दौड़ लगा रहे है। वही कुछ कर्मचारीयो को नेताओ द्वारा रवानगी दिलवाई है।