54 जिलों में पहुंचा मानसून, भिंड में अब भी इंतजार — जानिए कहां-कैसी बारिश
मध्यप्रदेश में मानसून का जोर: 4 दिन तक भारी बारिश का अलर्ट जारी

भोपाल डेस्क। सत्याग्रह लाइव। मध्यप्रदेश में आखिरकार मानसून ने पूरी ताकत से दस्तक दे दी है। गुरुवार को राज्य के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया। कई जिलों में नदियों और नालों में उफान आ गया, जिससे सड़कें जलमग्न हो गईं और वाहन बहने की घटनाएं सामने आईं। मौसम विभाग ने आने वाले चार दिनों तक प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में गरज-चमक के साथ भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
नीमच से लेकर महू तक पानी ही पानी
राज्य के पश्चिमी और मध्य क्षेत्रों में गुरुवार को जमकर बारिश हुई। नीमच में नदी-नालों का जलस्तर इतना बढ़ गया कि एक उफनती पुलिया पार करने के दौरान दो बाइक सवार बह गए। हालांकि स्थानीय लोगों ने तत्परता दिखाते हुए उन्हें सुरक्षित बचा लिया। इंदौर के महू क्षेत्र में लंबे समय से सूखे पड़े पातालपानी झरने में फिर से पानी बहने लगा, जिससे स्थानीय लोग और पर्यटक उत्साहित दिखे।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
भारतीय मौसम विभाग ने अशोकनगर, दमोह, पन्ना, सतना, मैहर, रीवा और मऊगंज जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। यहां अगले 24 घंटों में 2.5 से 4.5 इंच तक बारिश की संभावना जताई गई है। वहीं भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर सहित अन्य जिलों में आंधी, बिजली गिरने और तेज बारिश की आशंका है।
प्रदेशभर में बारिश का असर
भोपाल में सुबह पांच बजे से शुरू हुई हल्की बारिश नौ बजे तक जारी रही। मंडला में रातभर दो इंच बारिश दर्ज की गई। ग्वालियर में पूरी रात रिमझिम बारिश होती रही और सुबह तक 31.3 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई। रायसेन और नर्मदापुरम जिलों में भी पूरी रात पानी गिरता रहा। नर्मदापुरम में गुरुवार आधी रात से सुबह छह बजे तक छह घंटे लगातार बारिश हुई। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि वर्तमान में एक सक्रिय लो प्रेशर एरिया, तीन साइक्लोनिक सर्कुलेशन और दो ट्रफ लाइनें देशभर में एक्टिव हैं। इनमें से एक ट्रफ मध्यप्रदेश के ऊपर से गुजर रही है, जिससे राज्यभर में भारी बारिश हो रही है।
गांवों में पानी, पेड़ गिरने की घटनाएं भी
रतलाम, मंदसौर, उज्जैन, राजगढ़, अशोकनगर, हरदा, डिंडौरी, सागर, सीहोर और शाजापुर सहित कई जिलों में गुरुवार को बारिश का जोर देखने को मिला। राजगढ़ जिले के ब्यावरा, सुठालिया, मलावर, करनवास और आसपास के इलाकों में लगातार बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ। ग्वालियर में बारिश के दौरान एक चलती कार पर पेड़ गिर गया, जिसमें बैंक मैनेजर फंस गए। राहगीरों ने पेड़ काटकर उन्हें सुरक्षित निकाला।
तापमान में गिरावट, दिन-रात के अंतर में फर्क कम
बारिश के चलते कई शहरों में तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। इंदौर में दिन और रात का तापमान लगभग समान — क्रमशः 25.6 और 24.3 डिग्री — रहा। रतलाम और उज्जैन में भी यही ट्रेंड देखा गया, जहां दिन-रात का अंतर केवल दो डिग्री रहा। बालाघाट, गुना, रायसेन, धार, पचमढ़ी सहित कई क्षेत्रों में पारा 30 डिग्री से नीचे दर्ज किया गया।
अब तक 54 जिलों तक पहुंचा मानसून, भिंड में इंतजार
देशभर में इस बार मानसून आठ दिन पहले सक्रिय हो गया था और महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में यह समय से पहले पहुंच गया। अनुमान था कि मध्यप्रदेश में यह जून के पहले सप्ताह में ही सक्रिय हो जाएगा, लेकिन विभिन्न मौसमी परिस्थितियों के कारण इसमें देरी हुई। 13-14 जून को मानसून ने गति पकड़ी और अब तक प्रदेश के 54 जिलों को कवर कर लिया है। केवल भिंड जिला ही ऐसा बचा है जहां मानसून नहीं पहुंच पाया है। मौसम विभाग को उम्मीद है कि शुक्रवार को भिंड में भी बारिश की शुरुआत हो जाएगी। पिछले वर्ष यहां मानसून 21 जून को पहुंचा था, जबकि सामान्य तिथि 15 जून मानी जाती है।
जनता अलर्ट रहे, प्रशासन तैयार
मौसम विभाग और प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे निचले इलाकों से बचें, तेज बारिश के समय बाहर न निकलें और सुरक्षित स्थानों पर रहें। जिला प्रशासन ने राहत एवं बचाव दलों को अलर्ट पर रखा है।