*श्री लक्ष्मी वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग में श्रीब्रम्होत्सव एवं रथयात्रा महोत्सव 21 जून से 27 जुन 2025 तक*
21 जुन को ध्वजारोहण के साथ होगा श्रीब्रम्होत्सव का शुभारम्भ श्रीरामानुज स्वामीजी की निकेलगी सवारी

श्रीलक्ष्मी वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग, इन्दोर
श्री ब्रह्मोत्सव एवं रथयात्रा महोत्सव 202521 जून से 27 जून 2025
*श्री लक्ष्मी वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग में श्रीब्रम्होत्सव एवं रथयात्रा महोत्सव 21 जून से 27 जुन 2025 तक
*21 जुन को ध्वजारोहण के साथ होगा श्रीब्रम्होत्सव का शुभारम्भ श्रीरामानुज स्वामीजी की निकेलगी सवारी*
*22 जुन भगवती श्रीमहालक्ष्मी जी का महाभिषेक साथ ही सभी भक्त जोड़े से करेंगे माँ की कुमकुम अर्चना*
23 जुन को प्रभु श्रीवेंकटेश जी का रजत कलशों से महाभिषेक होगा ओर छत्रीबाग में निकलेगी हनुमान वाहन पर भजनों के साथ निकलेगी छोटी रथयात्रा*
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*26 जुन को मनोहारी पुष्प बंगला में दिखेगी आधुनिक विज्ञान और प्राचीन कारीगरी का संगम*
*क्षीर सागर में प्रभु लक्ष्मी नारायण के मनोहारी दर्शन*
भक्तो को दर्शन देने रजत रथ पर निकलेंगे प्रभु वेंकटेश जी*
*इंदौर | भगवन श्रीवेंकटेश एवं पूर्व आचार्य परम पूज्य अनंत विभूषित मदजगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री केशवाचार्य महाराज एवं *स्वामी निवसाश्साचार्या महाराज की असीम कृपा उनके मंगल आशीर्वाद से परमपूज्य अनंत*श्रीविभुषित श्रीमद जगद्गुरु*रामानुजाचार्य श्रीनागोरिया*पीठाधिपति*
*स्वामी विष्णुप्रपन्नाचार्यजी महाराज के मंगला शासन में इस वर्ष भी श्री ब्रम्होत्सव एवं रथयात्रा महोत्सव का दिव्य उत्सव दिनाँक *21 जुन से 27 जुन 2025 तक श्रीलक्ष्मी वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग पर में मनाया जाएगा।*
आज पत्रकार वार्ता में उत्सव की सम्पूर्ण जानकारी देते हुए ट्रस्ट के मंत्री रविन्द्र धूत व् ब्रम्होत्सव समिति के सत्यनारायण शर्मा, दिनेश गुप्ता, दिलीप परवाल महेंद्र नीमा,भरत तोतला ,सुमीत मंत्री, शरद पसारी,प्रेम माहेश्वरी गोपाल नागोरी,बालकिशन सिंगी,कैलाश मुंगड,राजेन्द्र सोनी पंकज तोतला ने बताया की देवस्थान पर होने वाले सप्त दिवसीय महोत्सव में इस वर्ष बहुत ही सुंदर श्रंगार,व नए उत्सवों का समावेश किया जा रहा है साथ ही महोत्सव भव्यता,दिव्यता से समपन्न हो इस हेतु अनेक कार्यकर्ताओं द्वारा पिछले 2 माह से भरपूर प्रयास किय्या गया है इस महोत्सव में शामिल होने के लिए इंदौर की धर्मप्रेमी जनता के साथ सम्पूर्ण देश से उत्सव प्रेमी श्रद्धालु में बढ़ चढ़कर उत्साह है ओर वे भी सभी इन्दोर में पहुचने लगे है जिनके लिए देवस्थान द्वारा शहर में उचित व्यवस्था की गई है
वर्षो से चले आ रहे परंपरा गत महोत्सव में इस वर्ष भी देश भर से अनेक संत , महंत के साथ ही भजन गायक भी श्री ठाकुरजी के आंगन में अपनी सुमधुर प्रस्तुति देने पधार रहे है।
श्री ब्रम्होत्सव के लेकर नागोरिया पीठाधीश्वर ने कहा
हमारी भारतीय संस्कृति में उत्सव परम्परा की जड़ काफी गहरी हे , उनके सूत्र हजारों वर्ष पहले तक ढूंढे जा सकते हे | उत्सव धार्मिक संस्कारों के ही कारन भारतीय समाज हर दिन नए उत्सवो के माध्यम से उल्लास मनाता हे |
उसी क्रम में श्रीब्रम्होत्सव ध्वजारोहण से प्रारंभ होता हे उसके पूर्व उत्सव के निमित कोइल आलवर तिरुमंजन अर्थात गर्भ गृह में सुगंधीत द्रव्यों का छिडकाव किया जाता हे |
ध्वजारोहण के पश्चात अंकुरार्पन,कंकणधरण आदि क्रियायें पूर्ण होती है प्रातः भगवान के श्रीविग्रह प्रतिदिन तिरुमंजन विशेष अर्चना नीरांजन तथा रात्रि में विभिन्न वाहनों पर यात्रा निकाली जायेगी।20 जून को दोपहर सत्र से ही महोत्सव प्रारंभ हो जाएगा
महोत्सव सानंद सम्पन्न हो इस हेतु दोपहर 3 वजे से श्री वेंकटेश महिला मंडल द्वारा सामूहिक सुंदरकांड पाठ किय्या जाएगा।
सायंकाल में श्री विश्वक सेन पूजन किय्या जायेगा साथ ही गुरु चरणों का पूजन किया जायेगा व पूर्व आचार्यो का भी पूजन कर उत्सव की आज्ञा ली जाएगी
इस पूरे उत्सव को संपन्न कराने के लिए दक्षिण भारत से भटर स्वामी
की लगभग 12 सदस्यों की टीम द्वारा इंदौर आ रही है।
*21 जुन ध्वजारोहण के साथ होगा महोत्सव का शुभारंभ**साथ हीं होगा शेषावतार श्री रामानुज स्वामीजी का महाभिषेक*
श्रीब्रम्होत्सव एवं रथयात्रा महोत्सव का शुभारंभ ध्वजारोहण के साथ किया जाता है इस अक्सर पर दक्षिण भारत से पधारे भट्टर स्वामी की टीम के द्वारा दक्षिण की पद्ति अनुसार देवस्थान में स्तिथ स्वर्ण खम्ब पर गरुड़ भगवान का ध्वज चढ़ाकर प्रार्थना की जाती है कि यह सप्त दिवसीय उत्सव सानंद सम्पन्न हो।
ध्वजारोहण अनंत श्रीविभूषित श्रीमद जगद्गुरु रामानुजाचार्य श्रीनागोरिया पीठाधिपति स्वामीजी श्री विष्णुप्रपंनचार्य जी महाराज के द्वारा सम्पन्न किया जाएगा इस अवसर पर श्री रंगम से आये नादस्वरम वाद्य यंत्र भी गोविंदा गोविंदा की मधुर धुन गुंजायमान करेंगे।
साथ ही शेषावतार श्री रामानुज स्वामीजी महाराज जी का रजत कलशो की सहस्त्रधारा से महाभिषेक किय्या जाएगा
रात्रि सत्र में श्री रामानुज स्वामीजी महाराज की सवारी निकलेगी व सुमधुर भजन होंगे साथ ही विशेष श्रृंगार दर्शन होंगे
*22 जुन को भगवती श्रीमहालक्ष्मी जी का महाभिषेक साथ होगी महालक्ष्मी जी की सामूहिक कुमकुम अर्चना*
*ओर निकलेगी सवारी होंगे भजन*
प्रातः काल मेवर ॐ श्री श्रियै नमः के मंत्रोच्चार के साथ भगवती श्रीमहालक्ष्मी जी की कुमकुम अर्चना होगी।साथ ही स्वर्ण पुष्प,रजत पुष्प,रजत तुलसी,केशर,फल,डॉयफ्रूट व सभी प्रकार के पुष्पो द्वारा भी 1008 नामों से अर्चना होगी।
साथ ही इस दिन विशेह रूप से रजत कलश जिनमे दूध दही घी शकर इत्र चंदन पवित्र नदियों का जल सुगंधित द्रव्य पदार्थ से भगवती श्रीमहालक्ष्मी जी का महाभिषेक होगा।
भगवती श्रीमहालक्ष्मी जी की स्वर्ण मंगलगिरी पर शोभायात्रा निकलेगी जिसमे भजनों की प्रस्तुति होगी
*23 जुन को भगवान श्रीवेंकटेश जी का रजत कलशो से महाभिषेक होगा ओर छत्रीबाग में निकलेगी छोटी रथयात्रा*
इस दिन प्रातः काल मे प्रभु वेंकटेश जी का तिरुमंजन अभिषेक रजत कलशों की सहस्रधारा से किया जाएगा।
साथ ही संत सभा का आयोजन होगा जिसमे देश भर से आये संतों के पावन दर्शन और हनक प्रवचन कथा का लाभ सभी भक्तो को मिलेगा।
रात्रि सत्र में प्रभु वेंकटेश जी हनुमान वाहन पर छोटी रथयात्रा जो कि छत्रीबाग में भक्तों को दर्शन देने पूरे लवाजमें के साथ भ्रमण पर निकलेंगी।पूरे छत्रीबाग को दुल्हन की तरह भक्तो द्वारा सजाया जाता है।भजनों के साथ ही विशेष श्रंगार दर्शन होंगे।
*24 जुन को दक्षिण भारतीय पद्धति के विशेष – तिरुपावडा उत्सव देवस्थान में होगा साथ ही वसंतोत्सव भी मनाया जाएगा*
वसंतोत्सव में प्रभु वेंकटेश जी का चंदन पावडर ओर हल्दी आँवला अरीठा से महाभिषेक किया जाएगा तत्पश्चात तिरुपावडा दर्शन जिसमे इमली के चावल से तिरुपती बालाजी के दर्शन का निर्माण कर श्रंगार किय्या जाता है और दर्शन पश्चात भक्तों को इमली चावल का प्रसाद वितरण किया जाता है।
रात्रि सत्र में गरुड़ वाहन पर प्रभु वेंकटेश की शोभायात्रा भजनों व स्तोत्र पाठ के साथ निकलेगी जिसके मनमोहक दर्शन सभी भक्तो को होंगे।
*25 जुन को प्रभु वेंकटेश जी का कल्याण उत्सव विवाहोत्सव मनेगा जिसमे प्रभु वेंकटेश जी की बारात निकलेगी साथ ही विवाह कीमचेगी धूम*
इस दिन प्रातः काल मे प्रभु वेंकटेश जी का पूरे राजोपचार के साथ विवाहोत्सव मनाया जावेगा।प्रातः 10 बजे से प्रभु वेंकटेश जी की बारात निकलेगी साथ ही भगवती के साथ विवाह की सभी रसमें होगी
रात्री के सत्र में परकाल स्वामी की लीला का सुंदर चित्रण दर्शन होगा।जिसमे परकाल स्वामी भगवान को लूट कर ले जाते है ओर फिर प्रभु के परिकर उन्हें पकड़कर प्रभु के सन्मुख लाते है।परकाल स्वामी की कथा भी संतो के माध्यम से बतायीं जाएगी
*26 जुन को सजेगा मनोहारी पुष्प बंगला*जिसमे नजर आएगी आधुनिक विज्ञान और प्राचीन कारीगरी का अदभुत संगम*
सर्वप्रथम शहर को पुष्प बंगले की सौगात देने वाले श्री लक्ष्मी वेंकटेश देवस्थान में इस वर्ष भी वृन्दावन के मुख्य कलाकारों ओर साथ ही इंदौर के कलाकारों द्वारा सुगन्धित पुष्पों व ना ना प्रकार की वस्तुओं द्वारा प्रभु वेंकटेश का दिव्य पुष्प बंगला सजाया जाएगा।आज भी देवस्थान के दिव्यपुष्प बंगले के दर्शन हेतू सभी श्रद्धालुओं को वर्ष भर इंतजार रहता है बल्कि पूरे देश भर से आये भक्त और इंडीया के बाहर भी भक्त onlien दर्शन के लिए इंतजार रहता है ।क्योंकि यहा हर वर्ष कुछ नया होता है । इस वर्ष भी नए व अनुपम रूप में पुष्प बंगले में दर्शन करने को मिलेंगे और ऐसा अदभुत होता है कि इस दिन मंदिर का नजारा कुछ अलग ही नजर आता है।
*27 जुन को सनातन संस्कृति की परंपरागत व सम्पूर्ण मनोरथों को पूर्ण करने वाली देश की तीसरी गौरवशाली रथयात्रा देवस्थान से निकलेगी नगर भ्रमण पर*
*प्रभु आ रहे भक्तो के द्वार*
देश की तीसरी बड़ी गौरवशाली
रथयात्रा जो लगभग 76 वर्षी से परम्परागत चाहे कोरोना काल था या कर्फ्यू पर यात्रा सतत निकल रही है
इन मनोहारी रथयात्रा में प्रभु वेंकटेश जी रजत रथ पर आरूढ़ होकर भक्तों को दर्शन देने निकलते है और सभी भक्त प्रभु की अगवानी बड़े सुंदर स्वरूप में करते है।
प्रभु के इस मनोहारी रजत रथ को अनेक श्रद्धालु भारतीय वेशभूषा धारण कर अपने हाथों से खिंचते हुए चलते है ।प्रभु के आगे अनेक महिलाएं उनकी अगवानी में मार्ग को साफ करते हुए चलती है।
साथ ही इस वर्ष झांकियों के माध्यम से प्रभु भक्ति,गो माता,माँ अहिल्याबाई का 300 व वर्ष हरियाली जल संरक्षण, व दक्षिण भारत के वाद्य यंत्रों की झलक नजर आएगी ।
सभी समाजजन भी अपने अपने समितियों के साथ यात्रा में शामिल होंगे साथ ही व्यापारीगण द्वारा अनेक मंच लगाकर यात्रा का स्वागत किया जाएगा।
रथयात्रा मार्ग:
*ब्रम्होत्सव में गादी घर मे आचार्य प्रवर्तक शेषवतार श्री रामानुज स्वामीजी ओर पूर्व आचार्यो के जीवन काल पर होंगे सप्तदिवसीय दर्शन*
ब्रम्होत्सव में रामानुज सम्प्रदाय के आचार्य प्रवर्तक शेषवतार श्री रामानुज स्वामीजी के जीवन काल के साथ ही रामानुज सम्प्रदाय द्वारा धर्म प्रचार के विशेष दर्शन होंगे जिसमें भाष्यकार श्रीरामानुज स्वामीजी द्वारा भक्तो को अंधेरे से उजाले की ओर जाने का संदेश श्रीसम्प्रदाय का प्रचार के साथ पूर्व आचार्यों का भी दर्शन होगा। साथ ही दिव्य देश मे गोपुरम में सभी भक्तों को भगवान रंगनाथ के दर्शन करते हुए गादी घर मे सातो दिन पुर्व अचार्य ओ के श्रगार दर्शन सभी वैष्णव जनो को होंगे
महोत्सव में प्रति दिन प्रातः सत्र में वेंकट रमण| गोविंदा , श्रीनिवास गोविंदा नाम जप परिकृमा , भगवान/श्रीवेंकटेश जी , भगवती श्रीमहालक्ष्मी जी , श्रीभुदेवी , श्रीश्रीदेवी , श्रीगोदा महारानी सहित शेषावतार श्रीरामानुज स्वामीजी का महाभिषेक , दिव्यदेशों से पधारे संतों के प्रवचन , प्रतिदिन नित नविन ठाकुरजी के विशेष उत्सव , प्रभु वेंकटेश के दिव्य श्रंगार , आकर्षक भव्य र्रंगोलियों के निर्माण किया जा रहा हे |
इस वर्ष ठाकुरजी के देवस्थान पर विशेष रूप से विधुत सज्जा की जा रही है।साथ ही पूरे देवस्थान को पुष्पो से सुसज्जित किया जा रहा है।
*विशेष दर्शन*
इस वर्ष प्रभु के तो प्रतिदिन विशेष श्रंगार दर्शन होंगे ही साथ ही प्रभु के निज मंदिर में भी प्रतिदिन भक्तों को सुंदर झांकी का दर्शन होगा इसमे इस बार विशेष रूप से एक भव्य रंगोली के अयोधया श्री राम मंदिर के साथ ही कभी समुद्र मंथन तो कभी गोल्डन टेम्पल,कभी दीपोत्सव के साथ
हरियाली महोत्सव, फूलों की रंगोली, सजन गोठ के दर्शन,नदियों व झरनों के बीच दर्शन,नोका विहार इनमें भी सबसे प्रमुख यह रहेगा कि पेड़ो की कमी को देखते हुए लकड़ी का वृक्षो के तनों ल उपयोग कही भी नहींकिया जाएगा।
[प्रभु वेंकटेश व भगवती श्री महालक्ष्मी जी व श्री रामानुज स्वामीजी की सवारी प्रतिदिन रात्रि के समय स्वर्ण मंगलगिरी गरुड़ वाहन,गज वाहन हनुमत वाहन अश्व वाहन शेष नाग वाहन पर परिभ्रमण करेगी
प्रख्यात भजन गायक द्वारका मंत्री,हरिकिशन साबू, राजेश सांखला,सुधीर व्यास,पीयूष भावसार, काशी,गोपाल मिश्रा, विवेक मेहता अपने सुमधुर भजनों का गुणगान करेंगे।
श्री वेणुगोपाल संस्कृत पाठशाला केविद्यर्थि के साथ विद्वत जन प्रभु चरणों का गुणगान व हरिनाम संकीर्तन करेंगे।