सिकल सेल जागरूकता दिवस पर राष्ट्रपति का संदेश: 2047 तक भारत को सिकल सेल मुक्त बनाने का आह्वान, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जताया आभार

भोपाल। विश्व सिकल सेल रोग जागरूकता दिवस के अवसर पर भारत की महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देशवासियों के नाम विशेष पत्र लिखा है। अपने पत्र में उन्होंने सिकल सेल उन्मूलन के प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण अभियान बताया और वर्ष 2047 तक भारत को सिकल सेल रोग से मुक्त करने का संकल्प व्यक्त किया।
राष्ट्रपति ने पत्र में लिखा कि सिकल सेल एनीमिया एक गंभीर बीमारी है, जो विशेष रूप से जनजातीय समुदायों और पिछड़े इलाकों में पीढ़ी दर पीढ़ी चलती आ रही है। इस बीमारी से मुक्ति के लिए सामूहिक प्रयास, समयबद्ध पहचान और व्यापक जागरूकता अत्यंत आवश्यक है।
राष्ट्रपति ने पत्र में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा बड़वानी जिले में आयोजित विश्व सिकल सेल रोग जागरूकता दिवस कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय सिकल सेल उन्मूलन मिशन के तहत केंद्र सरकार द्वारा नि:शुल्क जांच और समय पर इलाज की सुविधा जनजातीय समुदाय तक पहुंचाई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने जताया आभार
राष्ट्रपति के इस प्रेरणादायी पत्र के लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेशवासियों की ओर से आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति के संदेश से सिकल सेल उन्मूलन अभियान को नई दिशा और नई ऊर्जा मिली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार प्रदेश को सिकल सेल मुक्त बनाने के लिए पूरी निष्ठा, समर्पण और तत्परता से कार्य कर रही है। राज्य के दूरस्थ और आदिवासी बहुल क्षेत्रों में सघन स्क्रीनिंग, जागरूकता कार्यक्रम और निःशुल्क इलाज की सुविधाएं तेजी से बढ़ाई जा रही हैं।
राष्ट्रपति ने दिए महत्वपूर्ण संदेश
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने पत्र में इस बीमारी से निपटने के लिए सभी को मिलकर सतत, समर्पित और मानवीय दृष्टिकोण से कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए देशवासियों का स्वस्थ जीवन सबसे पहली प्राथमिकता है।
राष्ट्रपति ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत को सिकल सेल मुक्त बनाने के लिए सभी जिम्मेदारियों का त्वरित और समयबद्ध तरीके से निर्वहन आवश्यक है।