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मेघालय हनीमून मर्डर केस में 112 कॉल्स की गूंज, नया चेहरा जांच के घेरे में

वारदात के बाद सोनम की यात्रा रहस्यमयी, गाजीपुर में दो अजनबी भी थे साथ

इंदौर; इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी की हत्या के मामले में हर बीतते दिन के साथ जांच की परतें और गहराती जा रही हैं। शिलांग में कथित हनीमून ट्रिप के दौरान घटित इस जघन्य अपराध में अब तक सामने आए तथ्यों ने पुलिस को कई दिशाओं में सोचने पर मजबूर कर दिया है। जहां एक ओर इस हत्या को आपसी रिश्तों की खटास और भावनात्मक प्रतिशोध का परिणाम बताया जा रहा है, वहीं अब कॉल डिटेल्स, यात्रा के संदिग्ध चरण, और घटनास्थल की फॉरेंसिक पड़ताल में जो तथ्य सामने आए हैं, वे इसे एक बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रहे हैं।

कॉल डिटेल्स से खुली नई परतें, 112 बार एक ही नंबर पर बात

मुख्य आरोपी सोनम रघुवंशी की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) रिपोर्ट से एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। रिपोर्ट के मुताबिक, सोनम ने संजय वर्मा नामक एक युवक से केवल 25 दिनों में 112 बार बातचीत की। यह संख्या इतनी असामान्य है कि जांच एजेंसियां अब संजय की भूमिका की गहनता से जांच कर रही हैं। सवाल यह है कि क्या संजय सिर्फ संपर्क में था या पूरी साजिश का हिस्सा भी? क्या उसने घटना के बाद सोनम को शरण या सहायता दी? या फिर वारदात की योजना में उसकी कोई भूमिका थी?

वाराणसी से गाजीपुर तक सोनम की रहस्यमयी यात्रा

राजा की हत्या के बाद सोनम के गंतव्य की जानकारी भी कई सवाल खड़े करती है। गाजीपुर की एक युवती उजाला यादव ने दावा किया है कि सोनम दो अजनबी पुरुषों के साथ थी, जिनमें से एक ने सफेद शर्ट पहनी थी और दोनों के चेहरे ढंके हुए थे। उजाला के अनुसार, सोनम ने उसका फोन मांगा, एक नंबर डायल किया और उसे तुरंत डिलीट भी कर दिया। यह व्यवहार सामान्य नहीं था और यह संकेत देता है कि सोनम किसी बड़े दबाव या साजिश के तहत थी।

स्थानीय लोगों के बयान और CCTV फुटेज की तलाश

काशी टी स्टॉल के मालिक साहिल यादव ने बताया कि सोनम किसी गाड़ी से वहां आई थी और उसने सामान्य ढंग से अपने भाई को फोन किया। CCTV फुटेज खंगालने की प्रक्रिया शुरू हो गई है ताकि यह पता चल सके कि उस वाहन में और कौन-कौन था और वह किस दिशा से आया था। साथ ही यह जांच की जा रही है कि क्या सोनम की वाराणसी से गाजीपुर की यात्रा संजय वर्मा की सहायता से ही संभव हुई? क्या वह वही युवक है जिसे उजाला ने देखा?

हत्या स्थल पर क्राइम सीन रिक्रिएशन और नया हथियार

पुलिस ने हाल ही में हत्या स्थल पर क्राइम सीन रिक्रिएट किया, जिसमें एक दूसरा हथियार भी बरामद हुआ है। इससे यह आशंका और बलवती हुई है कि वारदात पूरी तरह योजनाबद्ध थी। पुलिस पहले ही यह स्पष्ट कर चुकी है कि यह कोई “सुपारी किलिंग” नहीं थी, बल्कि रिश्तों के टूटने और भावनात्मक अशांति की परिणति थी।

आरोपी राज कुशवाहा ने कथित रूप से तीन असफल प्रयासों के बाद चौथी बार हत्या को अंजाम दिया। उसने अपने करीबी साथियों की मदद ली, जो अब कानून की गिरफ्त में हैं। यह केस सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि एक जटिल सामाजिक ताने-बाने की भी परछाई है, जिसमें रिश्तों, भावनाओं और अविश्वास की भूमिका प्रमुख रही है।

जांच के दायरे में और चेहरे

अब तक की जांच से स्पष्ट हो चुका है कि मामला जितना सरल दिखता है, उतना है नहीं। कॉल डिटेल्स, प्रत्यक्षदर्शियों के बयान, और घटनास्थल से मिले सुराग इस ओर संकेत कर रहे हैं कि मामले में अन्य सहयोगी या प्रायोजक भी हो सकते हैं। पुलिस अब कॉल रिकॉर्ड्स और टेक्निकल सर्विलांस के जरिए इन नए चेहरों को पहचानने की कोशिश कर रही है।

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