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गोवंश वध के विरोध में निकली गो न्याय पदयात्रा, संतों ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी

गोवंश वध के विरोध में अंबाडोचर से झिरन्या तक निकली गो न्याय पदयात्रा, दो हजार से अधिक लोग हुए शामिल

खरगोन। दिनेश गीते। खरगोन जिले के अंबाडोचर में शनिवार को गोवंश वध की घटना के विरोध में हिंदू संगठनों द्वारा “गो न्याय पदयात्रा” निकाली गई। यह यात्रा सुबह 11 बजे अंबाडोचर से शुरू होकर झिरन्या के चैनपुर थाना तक पहुंची। लगभग 4 किलोमीटर की इस पदयात्रा में क्षेत्र के संतों सहित 2000 से अधिक लोग सम्मिलित हुए।

यह आंदोलन 6 जून को ईद के दिन हुए गोवंश वध की घटना के विरोध में किया गया। मामले में पुलिस अब तक 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। उन्हें जेल भेजा जा चुका है। हालांकि हिंदू संगठनों का कहना है कि घटना में कुल 9 लोग शामिल थे, जिनमें से 2 आरोपी अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।

संतों ने प्रशासनिक कार्रवाई को बताया धीमा

पदयात्रा के दौरान मौजूद संतों और हिंदू समाज के प्रतिनिधियों ने प्रशासन की कार्रवाई पर नाराजगी जताई। उन्होंने बाकी आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग करते हुए चेतावनी दी कि यदि ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है।

हस्ताक्षर अभियान और राष्ट्रव्यापी मांगें

झिरन्या के विभिन्न चौराहों पर एक हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया, जिसमें गोमाता को राष्ट्रीय पशु घोषित करने और गो हत्यारों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की गई। इस अभियान में महिलाओं, युवाओं और नागरिकों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। संगठनों ने घोषणा की है कि यह अभियान गोवंश की तेरहवीं तक जारी रहेगा, जिसके पश्चात सभी हस्ताक्षर राष्ट्रपति को भेजे जाएंगे।

संतों की उपस्थिति में निकली यात्रा

इस पदयात्रा में राघवानंद भारती, बालक दास महाराज सिरवेल, राम चैतन्य महाराज, नवनीत चैतन्य महाराज, मुक्तानंद महाराज बुरहानपुर, शुभ चैतन्य महाराज, मनोज महाराज सहित अनेक संत और हिंदू समाज के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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