*”मै भी अहिल्या” के जयघोष के साथ मातृशक्ति ने सम्हाला इन्दौर का यातायात प्रबंधन*
लोकमाता अहिल्याबाई त्रिशताब्दी समारोह समिति के द्वारा आज इन्दौर शहर के 34 चौराहों पर मातृशक्ति ने सायं 5:00 से 7:00 के बीच यातायात प्रबंधन में सहयोग किया।

*”मै भी अहिल्या” के जयघोष के साथ मातृशक्ति ने सम्हाला इन्दौर का यातायात प्रबंधन*
लोकमाता अहिल्याबाई त्रिशताब्दी समारोह समिति के द्वारा आज इन्दौर शहर के 34 चौराहों पर मातृशक्ति ने सायं 5:00 से 7:00 के बीच यातायात प्रबंधन में सहयोग किया।
इन्दौर के इतिहास में यह अभूतपूर्व अवसर था जब इन्दौर की माता-बहिनों ने शहर के व्यस्ततम चौराहों पर यातायात व्यवस्था को अपने परिवार की भांति सम्हाला।
अनेक स्थानो पर मातृशक्ति अपने हाथों में नागरिक कर्तव्य संबंधित नारे लिखी तख्तियों को लेकर उपस्थित थीं। इन्होने सभी मुख्य चौराहों पर स्नेहपूर्वक वाहन चालकों को यातायात नियमों के पालन करने का अनुरोध किया तथा नियम पालन करने के सार्वजनिक लाभ भी बताए।
मुख्य रूप से पलासिया,मृगनयनी,बड़ा गणपति,राणा प्रताप,देवास नाका,विजय नगर,लोटस,जवाहर मार्ग,नंदलालपुरा चौराहों पर मातृशक्ति ने व्यवस्था को अत्यन्त नियोजित तरीके से सम्हाला।
इस हेतु व्यवस्था में लगी सभी कार्यकर्ता बहनों का प्रशिक्षण कार्यक्रम भी विगत सप्ताह हुआ था।
आज कुल 34 चौराहों पर 1500 से अधिक संख्या में महिलाओं ने इस पुनीत कार्य में अपना योगदान दिया तथा लोकमाता अहिल्याबाई होलकर का स्मरण कर उनके प्रति अपनी आदरांजलि प्रगट की। ज्ञातव्य है कि लोकमाता अहिल्याबाई के स्वयं के जीवन तथा उनके राजकार्य में अनुशासन का सर्वोच्च महत्व रहा है।
*मैं भी अहिल्या* -इस भाव को आत्मसात कर सभी बहिनों ने आज इन्दौर के वासियों के समक्ष लोकमाता अहिल्याबाई के शासनकाल का चित्र प्रस्तुत किया।
इस अनूठे यातायात प्रबंधन का शहर वासियों ने भी पूर्ण आदर के साथ अनुसरण किया तथा भविष्य में स्व-स्फूर्त भाव से यातायात नियमों के पालन का संकल्प भी लिया।