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बड़वानी; सीखने की कोई उम्र नही होती है-श्रीमती सुनिता काग

बड़वानी;  जिले की श्रीमती सुनीत काग की कहानी उन सभी महिलाओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है जो एक उम्र के बाद कुछ भी नया सीखने में हिचकिचाती है और मुश्किल समय में हौसला खोकर अपने सपनों को बीच में ही छोड़ देती है।

श्रीमती सुनीता काग का जन्म बड़वानी जिले के ग्राम नांगलवाडी में हुआ। स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद कम उम्र में ही उनका विवाह हो गया एवं उनके दो बच्चें भी है वह 2005 से शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लोनसरा खुर्द में शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं । वर्ष 2022 उन्हें पैरालिसिस का अटैक आया, समय पर सही उपचार व देखभाल के बाद ठीक होने पर उन्होंने अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने का सकंल्प करते हुए अपने घर के नजदीक ही जीम जॉइन किया । जिम के कोच ने उनका स्टेमिना एवं पावर देखकर उन्हें पॉवर लिफ़्टिंग के बारे में बताया जिसके बाद उन्होंने कम समय में ही अभ्यास कर जून 2022 में पॉवर लिफ़्टिंग के क्षेत्र में पहली बार राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लिया जिसमें उन्हें सिल्वर मेडल प्राप्त हुआ । तब से लगभग तीन वर्ष में उन्होंने इस क्षेत्र में सक्रियता से कार्य करते हुए कुल 31 मेडल एवं अन्य शील्ड व सम्मान प्राप्त किये है। कई प्रतियोगिताओं में उन्होंने अपने बेटे के साथ भी भाग लिया जिसमें माँ बेटे की जोड़ी ने एक साथ मैडल अपने नाम किए

सुनीता जी को अपने सपने में पूरे करने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा जैसे कई बार समाज के लोग उन्हें टोकते और अच्छी नौकरी और परिवार का हवाला देकर इसे छोड़ने हेतु जोर देते लेकिन सुनीता जी ने इस ओर ध्यान न देकर अर्जुन की भांति अपने लक्ष्य की ओर ध्यान केंद्रित कर अभ्यास करती रहती है । अब उनका सपना पावर लिफ्टिंग में गोल्ड मेडल लाना है जिसके लिए वह अपने घर, स्कूल और जिम सहित दैनिक दिनचर्या का अच्छे से समय प्रबंधन करतीं हैं।

सुनीता जी कि यह कहानी उनके साहस, संघर्ष और संकल्प का पर्याय है, महिलाओं को उनके जीवन से प्रेरणा लेते हुए अपने जीवन कभी भी सीखना कभी बंद नही करना चाहिए क्यो कि सीखने की कोई उम्र नही होती है।

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