
बाबाश्री पारमार्थिक ट्रस्ट
लगातार खांसी और आवाज में बदलाव, त्वचा में परिवर्तन और कड़कपन जैसे लक्षणों से हो सकती है कैंसर की आशंका
छोटा बांगड़दा, एयरपोर्ट रोड स्थित बाबाश्री रिसोर्ट पर आयोजित निशुल्क शिविर में पहुंचे एक हजार से अधिक मरीज
इंदौर, । देश में प्रतिवर्ष करीब 14 लाख नए कैंसर रोगी मिलते हैं। लगातार खांसी या आवाज में बदलाव, त्वचा में परिवर्तन और कड़कपन, मुंह के अंदर या जीभ पर सफेद अथवा लाल धब्बे, बिना कारण थकान एवं बदन दर्द और लगातार बुखार जैसे लक्षणों से कैंसर की आशंका मजबूत होती है। हालांकि ये सभी लक्षण किसी सामान्य बीमारी के भी हो सकते हैं, लेकिन चिकित्सकीय परीक्षण से ही पता चलेगा कि इन लक्षणों से कैंसर की शुरुआत तो नहीं हो रही है। कैंसर का पता जितनी जल्दी लगेगा, उसका उपचार भी उतना कारगर साबित होगा।
छोटा बांगड़दा, एयरपोर्ट रोड स्थित बाबाश्री गार्डन पर बाबाश्री पारमार्थिक ट्रस्ट द्वारा शिवोदया वेलफेयर सोसायटी के सहयोग से आयोजित वृहद निशुल्क स्वास्थ्य एवं कैंसर जांच शिविर में आए चिकित्सकों ने मरीजों को उक्त जानकारियां दीं। शिविर का शुभारंभ महाराजा अग्रसेन के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलन कर समाजसेवी जगदीश गोयल बाबाश्री, शिवोदया वेलफेयर सोसायटी की प्रमुख भावना अग्रवाल, संस्था अग्र मिलन की श्रीमती तृप्ति गोयल, अनुग्रह अग्रवाल एवं नितिन एयरपोर्ट ने अरविंदों हास्पिटल के चिकित्सकों के साथ किया। शिविर में एक हजार से अधिक मरीज पहुंचे, जिनकी जांच एवं परीक्षण का मेराथन दौर करीब पांच घंटे तक चला। श्री अरविंदो हास्पिटल के 60 डाक्टर्स एवं उनके सहयोगी स्टाफ की टीम ने मेमोग्राफी मशीन की मदद से करीब 240 महिलाओं की कैंसर की जांच की, लेकिन संयोगवश केवल दो महिलाओं में कैंसर के प्रारंभिक लक्षण पाए गए। शिविर में श्री अरविंद हास्पिटल की दो बसों में कैंसर जांच हेतु उपकरण भी लाए गए थे।
शिविर के प्रमुख संयोजक एवं बाबाश्री पारमार्थिक ट्रस्ट के अध्यक्ष जगदीश गोयल बाबाश्री ने बताया कि शिविर में आए एक हजार से अधिक मरीजों में से 240 महिलाओं के अलावा 560 मरीजों की मधुमेह, रक्तचाप एवं ईसीजी की निशुल्क जांच भी की गई। शिविर में दंत रोग, हड्डी रोग, स्त्री रोग, नेत्र रोग, चर्मरोग, ईएनटी एवं जनरल फिजीशियन विशेषज्ञों ने भी अपनी सेवाएं दी और करीब 200 मरीजों की जांच कर उन्हें आवश्यक औषधियां और परामर्श प्रदान किया।
अरविंदो हास्पिटल से आए चिकित्सकों ने मरीजों को बताया कि भारत में हर वर्ष मुख कैंसर के 1 लाख 35 हजार नए मरीज मिलते हैं। लम्बे समय से तम्बाकू, सिगरेट, बीड़ी, गुटका आदि का प्रयोग करने वाले लोगों को समय-समय पर स्वमुख परीक्षण करते रहना चाहिए। अरविंदो हास्पिटल सहित शहर के प्रमुख अस्पतालों में आधुनिक मशीनों की मदद से कैंसर की जांच कराई जा सकती है। शिविर में आई एक बस में दंत रोगों एवं मुख कैंसर की जांच के लिए 2 आधुनिक डैंटल चेयर्स भी लगाई गई थी। इस बस में पंच बायप्सी की सुविधा भी उपलब्ध थी। कैंसर की जितनी जल्दी पहचान होगी, मरीज को निदान में उतनी जल्दी मदद मिलेगी।