इंदौर

कैलाश विजयवर्गीय के जन्मदिवस पर इस बार ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान

20 वर्षों की परंपरा में नया अध्याय: वितरित किए गए हजारों पौधे, अतिथियों ने लिया देखभाल का संकल्प

कैलाश विजयवर्गीय के जन्मदिवस पर इस बार ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान

मैं ज़िंदगी का साथ निभाता चला गया: कैलासाश ने गुनगुनाए नगमे

20 वर्षों की परंपरा में नया अध्याय: वितरित किए गए हजारों पौधे, अतिथियों ने लिया देखभाल का संकल्प

इंदौर। मध्यभारत की राजनीति में, मध्यप्रदेश शासन के कैबिनेट मंत्री (नगरीय प्रशासन एवं संसदीय कार्य) कैलाश विजयवर्गीय  का विशेष स्थान है। उन्होंने सही मायनों में ‘राजनेता’ की एक प्रेरणादायक छवि बनाई है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार अक्षय तृतीया और ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार 13 मई को कैलाश  का जन्मदिन होता है। यह दिन उनके चाहने वालों के लिए विशेष उत्साह का होता है। इस वर्ष, कैलाश जी के जन्मोत्सव के शुभ अवसर पर  बड़ा गणपति स्थित हंसदास मठ परिसर में एक विशेष पारिवारिक एवं सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में हर साल की तरह इस साल भी कैलाश  सह परिवार उपस्थित हुए, और कार्यक्रम का आनंद लिया। इस दौरान कैलाश  ने स्वयं मंच पर आकर पुराने सदाबहार नगमे एवं देशभक्ति गीत गाए। 20 वर्षों से चली आ रही इस परंपरा में इस वर्ष एक विशेष कदम उठाते हुए ‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल के अंतर्गत हजारों पौधों का वितरण किया गया और अतिथियों को संकल्प दिलाया गया कि वे उन्हें रोपित कर देखभाल करेंगे।

आयोजक नगेन्द्र सिंह चौहान बताते हैं, “यह आयोजन केवल एक नेता का जन्मदिन नहीं, बल्कि एक विचार का उत्सव है। श्री कैलाश  विजयवर्गीय ने न केवल राजनीति को सेवा का माध्यम बनाया, बल्कि समाज में कर्मठता, समाजसेवा, संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण जैसे मानवीय मूल्यों को भी सशक्त रूप से स्थान दिया है। हम विगत 20 वर्षों से इस आयोजन को पारिवारिक रूप से करते आ रहे हैं। हर वर्ष इस दौरान कोई न कोई विशेष सामाजिक पहल चलाई जाती है। इस वर्ष हमने ‘एक पेड़ मां के नाम’ के तहत हजारों पौधों का वितरण किया और अतिथियों को यह संकल्प दिलाया कि वे पौधों की देखभाल भी करेंगे। यह अभियान केवल एक पर्यावरणीय संदेश नहीं, बल्कि मातृत्व के प्रति श्रद्धा और प्रकृति के प्रति हमारी ओर से एक सार्थक कदम है।”

आगे  नगेन्द्र चौहान ने कहा, “इस आयोजन के माध्यम से हम आने वाली पीढ़ियों को यह संदेश देना चाहते हैं कि राजनीति में भी समाज सेवा, संवेदना, कला और प्रकृति के प्रति उत्तरदायित्व संभव है। कार्यक्रम में, मुख्य आकर्षण के रूप में, हर साल की तरह इस बार भी कैलाश जी ने मंच पर उपस्थित होकर अपने जाने-माने अंदाज़ में गीत प्रस्तुत किए। आमतौर पर वह कार्यक्रमों में गाते नहीं है लेकिन यह पारिवारिक उत्सव है जहां उनके अपने लोग शामिल होते हैं। यह परंपरा हर वर्ष इस आयोजन की आत्मा रही है और जनता इसकी विशेष उत्सुकता से प्रतीक्षा करती है। इस वर्ष भी आयोजन सफल रहा हम कैलाश जी एवं उनके परिवार का, सभी उपस्थित लोगों और सभी साथियों का विशेष रूप से आभार प्रकट करता हूं।”

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