लाखों खर्च होने के बाद भी बीमार है धार का जिला अस्पताल! आए दिन होते होते विवाद मरीज होती परेशानी।
चिलचिलाती गर्मी से मरीज और परिजन बेहाल फर्श पर लेटाकर मरीज का हो रहा इलाज।

आशीष यादव धार।
जहां एक और सरकार स्वास्थ्य सुविधाओ के नाम पर करोड़ों के बजट जिले में आवंटित करती है मगर जमीनी स्तर पर उनको जिम्मेदार अधिकारी बट्टा लगा देते हैं वहीं काम के नाम पर करोड रुपए के भ्रष्टाचार हो जाते हैं व मरीज को उनका हक नहीं मिल पाता है क्यों क्या हुआ।
जिला मुख्यालय पर स्थित भोज हॉस्पिटल सब कुछ होते हुए भी अपनी अव्यवस्था के आंसू बहा रहे है, व्यक्ति जब बीमार होता हैं, तो अस्पताल जाता हैं ये सोचकर की वहां उसका इलाज अच्छा होगा, लेकिन जब इलाज करने वाला अस्पताल ही बीमार हो तो क्या उम्मीद किससे करेंगे? धार का भोज अस्पताल की व्यवस्थाएं देखकर सब हैरान हैं, जिला अस्पताल में गर्मी से मरीजों का हाल बेहाल है, ठंडी हवा को मरीज और उनके परिजन तरस रहे हैं, यहां पुरुष सर्जिकल वार्ड में बेड के बिना फर्श पर ही मरीजों का इलाज हो रहा है, सिविल सर्जन इसे सामान्य बात कह रहें है, इधर धार में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है, कई जिलों में गर्मी की वजह से जनजीवन प्रभावित है, इस गर्मी के बीच भोज हॉस्पिटल के हाल बेहाल हैं, यहां की व्यवस्थाओं को देखकर लगता है मरीजों की तरह ये जिला अस्पताल भी बीमार हो गया है, क्योंकि मरीज फर्श पर लेटकर इलाज कराने को मजबूर हैं, न गर्मी से राहत के लिए ठंडी हवा, आखिर ऐसा क्यों?
अधिकारी के निरीक्षण के वक्त ही दुरुस्त की जाती है व्यवस्थाएं:
जिले के कलेक्टर हो या अन्य अधिकारी जिला अस्पताल का निरीक्षण करने आते हैं तो जिम्मेदार अधिकारियों के सामने अपने नंबर बढ़ाने के लिए व्यवस्था ठीक कर दी जाती है लेकिन बाद में फिर वहीं अंधेरी रात हो जाती है, ज्ञात हों कि कुछ माह पूर्व धार के कलेक्टर रहे पंकज जैन वार्डो को आर्दश बनाने के लिए जीतोड़ मेहनत की लेकिन उनके जाने के बाद जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ते गए नतीजा यह रहा कि आज मरीज का जमीन पर लेटाकर इलाज करना पड़ रहा है। बल्कि आज भी जिला अस्पताल में आज भी करोड़ो की राशि से मेंटेनेंस और व्यवस्था पानी की तरह बहाई जाती है।
शौचालय की स्थिति की बद से बदतर:
संपूर्ण भारत देश में स्वच्छ भारत अभियान चल रहा हो संक्रमण से बचने के लिए सरकारें बड़ी मात्रा में धनराशि खर्च कर रही है, लेकिन हॉस्पिटल जैसी महत्वपूर्ण बॉडी में ये हाल है जबकि हॉस्पिटलों से ही सबसे ज्यादा लोग और मरीज में रिश्तेदार संक्रमित होते है लेकिन धार जिले में स्थित शौचालय में फैली गंदगी भी जिला अस्पताल में जिम्मेदार से ठीक नहीं हो पा रही है। यहा साफ सफाई की व्यवस्था की ओर कोई ध्यान देते है।
बंद पंखे गर्मी में तपते मरीज:
धार जिले में तापमान 42 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच चुका है, ऐसे में जिला अस्पताल में भर्ती मरीज और उनके परिजनों से बात की तो भोज अस्पताल की सारी पोल खुल गई, परिजनों ने बताया कि गर्मी से परेशानी हो रही है, राहत के लिए कोई माकूल इंतजाम नहीं है, कई बेड़ों के पंखे भी बंद पड़े है, मरीज फर्श पर लेटकर उपचार कराने को विवश हैं, उन्हें बेड तक नसीब नहीं हो पा रहा है, मरीज के साथ उनके परिजन भी काफी परेशान हो रहे हैं। मरीजों ने कहा दिन हो या रात यहां की व्यवस्थाओं का एक जैसा ही हाल है।
आये दिन होते विवाद:
जिले मुख्यालय अस्पताल में आए दिन मरीजों के परेशानों से जिम्मेदार डॉक्टर व अन्य लोग विवाद करते हुए नजर आते हैं वही विवाद का मुख्य कारण है पेशेंट को सही से इलाज न मिलाना ओर अधिकांश डॉक्टर अस्पताल छोड़कर घर पर क्लीनिक चलाना है। जिसके कारण व्यवस्था बिगड़ी हुई है वहीं जिला अस्पताल में अधिकांश डिलीवरी को लेकर आए दिन विवाद होते हैं वहीं पूर्व में 2022 महिला नर्स ज्योति विश्वकर्मा व अन्य कर्मचारियों के हाथ माँ की डेट ह्यो गई। वही हर महीने जिला अस्पताल विवादों से गिरा रहता है। वही गुरुवार को की एक गर्भवती महिला के पेट में बच्चे की मौत से गुस्साए परिजन ने जमकर हंगामा किया। परिजन ने न डॉक्टर व स्टाफ पर इलाज में न लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। वही डॉक्टर ने चक्कर से परिजनों को मारने की बात कही।
जल्द ही स्थाई व्यवस्था:
जिला अस्पताल की व्यवस्था सुधारने के लिए जल्दी स्थाई सिविल सर्जन की व्यवस्था करेंगे। मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी नही आने दी जायेगी।
नीना विक्रम वर्मा विधायक धार।