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बाबा साहब की मृत्यु के बाद भी द्धेष रखते थे पं. नेहरू-डॉ. मोहन यादव

करोड़ों भारतीयों को अधिकार देने वाले महान व्यक्तित्व थे बाबा साहब-श्रीमती वसुंधरा राजे सिंधिया

-पं. नेहरू ने बाबा साहब के साथ हमेशा भेदभाव किया
-बाबा साहब की मृत्यु के बाद भी द्धेष रखते थे पं. नेहरू- मोहन यादव

-कांग्रेस ने बाबा साहेब की हमेशा ही उपेक्षा की, भाजपा ने आदर्श माना
-करोड़ों भारतीयों को अधिकार देने वाले महान व्यक्तित्व थे बाबा साहब-श्रीमती वसुंधरा राजे सिंधिया

-बाबा साहब का संघर्ष दलितों और पिछड़ों को अधिकार दिलाने के लिए था- कैलाश विजयवर्गीय

इंदौर। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमती वसुंधरा राजे सिंधिया एवं प्रदेश सरकार के मंत्री  कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर के रवींद्र नाट्य गृह में डॉ. अंबेडकर सम्मान अभियान के अंतर्गत आयोजित संगोष्ठी को संबोधित किया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस और तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ने डॉ. अंबेडकर के साथ हमेशा भेदभाव किया और उन्हें चुनाव हराने के लिए लगातार प्रयास किए। बाबा साहब की मृत्यु के बाद भी पं. नेहरू उनसे द्धेष रखते थे। भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस की सरकारों ने हमेशा बाबा साहब की उपेक्षा की। भाजपा ने उन्हें अपना आदर्श माना और उन्हें वो सम्मान दिया, जिसके बाबा साहब अधिकारी थे। प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री   कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि दुनिया में अनेक नेता हुए हैं, जिन्होंने अलग-अलग लक्ष्यों के लिए संघर्ष किया। बाबा साहब अंबेडकर का संघर्ष दलितों और पिछड़ों को अधिकार दिलाने के लिए था। संगोष्ठी को प्रदेश शासन के मंत्री श्री तुलसी सिलावट ने भी संबोधित किया।
बाबा साहब ने समाज को शिक्षित व जागरूक बनाने लड़ाई शुरू की- डॉ. मोहन यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि बाबा साहब ने समाज को शिक्षित एवं जागरूक बनाने के लिए लड़ाई शुरु की। बाबा साहब का सरनेम सकपाल था, लेकिन उन्होंने अपने ब्राह्मण गुरु के सरनेम अंबेडकर को जीवन भर अपने नाम के साथ रखा। बाबा साहब ने कहा कि देश की हर चीज़, हर संसाधन पर सभी का समान अधिकार है, चाहे वह किसी भी वर्ग से आता हो। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि कांग्रेस और तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने बाबा साहब के साथ हमेशा भेदभाव किया। जब यह तय हो गया कि बाबा साहब ही संविधान सभा के अध्यक्ष होंगे, तो पं. नेहरू ने इसे लंबे समय तक टाला। वहीं, चुनाव में अंबेडकर जी को हराने में लगे रहे। उन्होंने कहा कि जीवित रहते हुए तो मनमुटाव हो सकता है, लेकिन मृत्यु के उपरांत तो भेदभाव और रंजिश छोड़ देना चाहिए। लेकिन पं. नेहरू ने बाबा साहब की मृत्यु के बाद भी उनसे द्वेष रखा और दिल्ली में उनका अंतिम संस्कार नहीं होने दिया। जिस विमान से बाबा साहब की पार्थिव देह मुंबई भेजी गई, उसका किराया चुकाने के लिये भी बाबा साहब की पत्नी को बिल थमा दिया गया। बाबा साहब के साथ इतना द्वेष पूर्ण व्यवहार करने के बाद भी कांग्रेस पार्टी आज बाबा साहब के नाम पर ही वोट मांग रही है, संविधान यात्रा निकालने का ढोंग कर रही है, जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।
बाबा साहब सिर्फ दलितों के नहीं, हम सभी के नेता थे-श्रीमती वसुंधरा राजे सिंधिया
भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे सिंधिया ने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर सिर्फ दलितों के नेता नही थे, बल्कि वे हम सभी के नेता थे। उनका कहना था कि शिक्षा बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा था कि हम में से कोई किसी भी जाति का हो, कोई भी काम करता हो, लेकिन हम सब बराबर हैं। ईश्वर भी किसी से भेदभाव नहीं करते और वे सभी के हैं। उन्होंने कहा कि आज देश के हर गरीब, हर पिछड़े व्यक्ति के मन में यह आत्मविश्वास है कि जिन्होंने देश का संविधान बनाया, वो बाबा साहब हमारे बीच से ही थे। यह आत्मविश्वास बाबा साहब ने ही जगाया। बाबा साहब ने सभी वर्गों को एक नज़र से देखा और उनके द्वारा लिखा गया संविधान मात्र कानून की किताब नहीं है, बल्कि जीवन जीने का एक माध्यम है। उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने कहा था कि हिम्मत इतनी बड़ी रखो कि किस्मत छोटी लगने लगे और जीवन लंबा रखने की बजाए महान रखो। सफ़लता कभी पक्की नही होती, न ही अंतिम होती है। बुरा अच्छा समय सबके जीवन मे आता है, लेकिन रुकना नही है। अपने जीवन के संघर्ष को, मेहनत को इतिहास बनाओ। लड़ते जाओ और धैर्य के साथ आगे बढ़ते जाओ। उन्होंने कहा कि अगर अच्छा काम करोगे तो तुम्हारा समय भी आएगा। काम के साथ पहचान भी मिलेगी, यही जीत है। श्रीमती वसुंधरा राजे सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस ने बाबा साहेब की हमेशा ही उपेक्षा की। कांग्रेस ने उन्हें दलित माना, जबकि भाजपा ने उन्हें ललित मानकर सम्मान दिया।

कांग्रेस ने बाबा साहब को हराने में पूरी ताकत लगा दी थी-भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमती वसुंधरा राजे सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस ने बाबा साहेब को चुनाव हराने के लिए उस समय के मशहूर क्रिकेटर को चुनाव में उतारा, लेकिन जीत सच्चाई की हुई। कांग्रेस ने पूरी ताकत लगा दी बाबा साहब को हराने में, लेकिन बाबा साहब जीते। बाबा साहब सच की आवाज़ थे। लेकिन बाबा साहब ने कांग्रेस सरकार के तौर तरीकों से दुखी होकर इस्तीफा दे दिया। उनकी मृत्यु के बाद भी कांग्रेस ने दिल्ली में उनका दाह संस्कार नहीं होने दिया जबर्दस्ती मुंबई में दाह संस्कार करवाया। भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने दिल्ली सहित बाबा साहब के जीवन से जुड़े स्थानों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित कराया। संसद में उनका चित्र स्व. अटलबिहारी वाजपेयी जी ने लगावाया। मुंबई में बाबा साहेब का स्टेच्यू ऑफ़ इक्वलिटी बनाने का काम चल रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा बाबा साहेब की जयंती के अवसर में 120 देश मे गोष्ठियां कराई गई। बाबा साहब सिर्फ राजनीतिक चेहरा नहीं हैं, बल्कि करोड़ो भारतीयों को अधिकार देने वाले महान व्यक्तित्व हैं। देश उन्हें युगों-युगों तक याद करेगा।

कांग्रेस ने बाबा साहब को लोकप्रियता नहीं मिलने  कैलाश विजयवर्गीय
प्रदेश शासन के मंत्री  कैलाश विजयवर्गीय ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया में अनेक ऐसे नेता हुए हैं, जिन्होंने समाज के कमजोर वर्ग के लिए लड़ाई लड़कर उनका कल्याण किया है। नेल्सन मंडेला ने अश्वेत नस्लवाद के खिलाफ सँघर्ष किया। लगभग 2 करोड़ अफ्रीकन के हक के लिए लड़ाई लड़ी और सफलता भी हासिल की। मार्टिन लूथर किंग ने दासप्रथा समाप्त करने के लिए संघर्ष किया। वहीं, भारत मे बाबा साहब अंबेडकर ने दलित और पिछड़े वर्गों को अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष किया। बाबा साहब को विश्व स्तर पर जो सम्मान मिलना चाहिए था, वो नहीं मिला क्योंकि कॉंग्रेस ने सिर्फ अपने परिवार को आगे बढ़ाया। कांग्रेस ने बाबा साहब के नाम पर राजनीति तो की लेकिन बाबा साहब को लोकप्रियता नहीं मिलने दी। उन्होंने कहा कि भाजपा ने बाबा साहब के आदर्शों पर चल कर दिखाया और बाबा साहब को सम्मान दिलवाया। बाबा साहब की जयंती के अवसर पर भाजपा ने 10 दिवसीय बाबा साहब सम्मान अभियान चलाया और बाबा साहब के कार्यां को विश्वव्यापी पहचान औऱ सम्मान दिलाया। बाबा साहब के कार्यो को जन जन तक पहुँचाने का कार्य भाजपा कर रही है।

मध्यप्रदेश के केबिनेट मंत्री  तुलसी सिलावट ने संगोष्ठी में कहा कि बाबा साहब सिर्फ राष्ट्र के नही विश्व के नायक है।बाबा साहब का संकल्प उनकी सोच यह थी कि समाज का हर व्यक्ति चाहे वह किसी भी वर्ग या जाती से आता हो वह शिक्षित हो।वह कहते थे कि एक दिन खाओ एक दिन उपास करो और भूखे रहलो लेकिन समाज शिक्षित होना चाहिए।हमारे देश मे भाजपा की डबल इंजिन की सरकार बाबा साहब के इस संकल्प को पूरा कर रही है।समाज के अंतिम व्यक्ति को सम्मान और समानता देने का कार्य बीजेपी कर रही है।कांग्रेस के लोग संविधान यात्रा निकाल रहे है यह वही है जिन्होंने बाबा साहब की विचारधारा को आम जनता तक पहुँचने से रोका।बीजेपी ने बाबा साहब को देश का सर्वोच्च सम्मान दिया।बाबा साहब का सपना कमजोर व दलित तबके को आरक्षण देने का था वह बीजेपी ने पूरा किया।आज अनुसूचित जाति के कई विधायक महापौर सांसद भाजपा के शासन में बने है।हमारे मुख्यमंत्री बाबा महाकाल के बेटे है औऱ उन्होंने बाबा साहब के संकल्प ने पूरा किया है।हमे हर वर्ग को अपने साथ रखना है परिवार की तरह और हमारे परिवार, हमारे समाज को शिक्षित करना है।

नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी बाबा साहब के सामाजिक समरसता के संदेश को हर नागरिक तक पहुंचाने का कार्य कर रही है। बाबा साहब की जन्म जयंती 14 अप्रैल से लगातर कार्यक्रम बीजेपी के द्वारा आयोजित किया जा रहे हैं बाबा साहब की जन्म जयंती पर इंदौर में जहां-जहां भी बाबा साहब की प्रतिमाएं हैं वहां पर विशेष स्वच्छता अभियान चलाया गया एवं सेवा अभियान भी चलाया गया एवं शहर के सभी 340 शक्ति केंद्रों पर बाबा साहब के जीवन चरित्र पर आधारित कार्यक्रम आयोजित किये गए एवं बस्ती चलो अभियान भी सभी कार्यकर्ताओं ने सफल बनाया। आज इसी तारतम्य में बाबा साहब सम्मान अभियान के अंतर्गत इंदौर में संगोष्ठी भी आयोजित की गई है। भारतीय जनता पार्टी के द्वारा बाबा साहब के कार्यों को आम जनता के बीच पहुंचा जा रहा है और उनको विश्व व्यापी सम्मान भी दिलाया जा रहा है बाबा साहब के जीवन के प्रसंग से जुड़े हर स्थान को भारतीय जनता पार्टी और हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने पंच तीर्थ के रूप में स्थापित किया है वही बाबा साहब की जन्म जयंती को राष्ट्रीय अवकाश भी प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित किया गया है कांग्रेस के द्वारा बाबा साहब के नाम पर हमेशा से राजनीति की गई लेकिन उनका कोई सम्मान नहीं दिया गया भारतीय जनता पार्टी के द्वारा ही बाबा साहब को मरणोपरांत भारत रत्न जो कि भारत का सर्वोच्च सम्मान है इससे भी सम्मानित किया गया।

बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित थे।

 

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