धार का सिरसौदा बना भारत का पहला ‘संपूर्ण रामायणपाठी’ गांव, 11,000 परिवारों को जोड़ने का लक्ष्य
शिक्षा और संस्कार का होगा समन्वय… 51 ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं के सुंदरकांड मंडल और महिलाओं के श्री राम संकीर्तन मंडल बनाए जाएंगे

आशीष यादव धार।
मध्य प्रदेश के धार जिले का सिरसौदा गांव भारत का पहला ऐसा गांव बन गया है, जहां हर घर में रामायण का पाठ हो रहा है। राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख की ग्रामीण विकास अवधारणा और मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद की आदर्श ग्राम योजना के तहत, राजवाड़ा चौक सेवा समिति द्वारा सिरसौदा को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित किया जा रहा है।
इस पहल के तहत, 6 अप्रैल 2025 (रामनवमी) से 6 मई 2025 (सीतानवमी) तक एक महीने का ‘रामोत्सव’ आयोजित किया जा रहा है, जिसमें 11,000 परिवारों को ‘श्री रामायण परिवार’ के रूप में जोड़ने का लक्ष्य है। इस अभियान के पहले चरण में, जन अभियान परिषद द्वारा चिह्नित आदर्श ग्राम सिरसौदा में, प्रत्येक परिवार को श्री रामचरितमानस भेंट की गई और नियमित रूप से रामायण पाठ शुरू किया गया।
51 ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं के सुंदरकांड मंडल और महिलाओं के श्री राम संकीर्तन मंडल बनाए जाएंगे।
जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, नशा मुक्ति, नारी शिक्षा और ग्रामीण चौपाल संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कार्य किया जाएगा। श्री रामायण से संबंधित विभिन्न विषयों पर छात्रों के लिए प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी।
विवेकानंद वाचनालय और संस्कार केंद्र स्थापित किए जाएंगे। पुरस्कार के रूप में 51 चांदी के सिक्के दिए जाएंगे, जिन पर भगवान राम के स्वरूप अंकित होंगे। शहरी क्षेत्रों में बुद्धिजीवी संगठनों और विभिन्न सामाजिक संगठनों को भी ‘श्री रामायण परिवार’ से जोड़ा जाएगा। यह संपूर्ण अभियान निशुल्क आयोजित किया जा रहा है, जिसमें सभी जाति, वर्ग और समाज के नागरिक भाग लेंगे। अंतिम चरण में ‘शबरी प्रसंग’ आयोजित किया जाएगा, जिसमें समाज के शोषित और उपेक्षित वर्ग को सम्मानित किया जाएगा।
‘श्री रामायण परिवार’ के नवनीत जैन ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य समाज में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों को दूर करना और नई पीढ़ी में संस्कारों का रोपण करना है। आयोजन के दौरान 51 ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं के सुंदरकांड मंडल एवं महिलाओं के श्रीराम संकीर्तन मंडल गठित किए जा रहे हैं। इन मंडलों के माध्यम से जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, नशामुक्ति, नारी शिक्षा तथा ग्राम चौपाल संस्कृति के पुनर्जीवन जैसे सामाजिक विषयों पर कार्य किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में इस अभियान के प्रभारी रंजीत सिसौदिया और पारस अग्रवाल होंगे।