बड़वानी। ऐसी नल-जल योजना जो कि पूर्ण हो चुकी है, उन्हे ग्राम पंचायते तभी हेण्डओवर करे जब तक कि संबंधित ठेकेदार समस्त कार्य पूर्ण कर कार्य पूर्णता का प्रमाण पत्र नही दे। -कलेक्टर सुश्री गुंचा सनोबर

बड़वानी। रमन बोरखड़े। शासन द्वारा चलाये जा रहे सीएम हेल्प लाईन एवं जनसुनवाई जनता की समस्याओं के निराकरण के सशक्त माध्यम है। इन दोनों योजनाओं का उद्देश्य है जनता की समस्याओं का शासकीय अधिकारियों द्वारा गंभीरता के साथ निराकरण करते हुए आवेदक एवं शिकायतकर्ता की संतुष्टि। अधिकारी सीएम हेल्प लाईन में गुणवत्ता के साथ जवाब दर्ज करे, वही जनसुनवाई में भी अधिकारी स्वयं उपस्थित हो, जनसुनवाई में प्रतिनिधि मान्य नही किये जायेंगे। कलेक्टर ने यह भी कहा कि ऐसी नल-जल योजना जो कि पूर्ण हो चुकी है, उन्हे ग्राम पंचायते तभी हेण्डओवर करे जब तक कि संबंधित ठेकेदार समस्त कार्य पूर्ण कर कार्य पूर्णता का प्रमाण पत्र नही दे।
कलेक्टर सुश्री गुंचा सनोबर ने उक्त बाते सोमवार को कलेक्टर कार्यालय बड़वानी में आयोजित समय सीमा बैठक के दौरान कही। समय सीमा बैठक के दौरान कलेक्टर ने अधिकारियों को सख्त लहजे में कहा कि समय सीमा बैठक अति महत्वपूर्ण होती है, इसमें प्रति सप्ताह शासन की महत्वपूर्ण कार्याे एवं योजनाओं की समीक्षा की जाती है। अतः अधिकारी बैठक को गंभीरता से ले। बैठक का ऐजेण्डा पूर्व से ही जारी कर दिया जाता है। अधिकारी बैठक में आये तो अपडेट जानकारी लेकर आये, रटे रटाये एवं पूर्व से दिये जाने वाले जवाब हर बैठक में न दे। अधिकारी अपनी कार्यप्रणाली में सुधार कर ले अन्यथा कि स्थिति में उनके विरूद्ध उच्च स्तर पर प्रस्ताव भेजा जायेगा।
लापरवाही बरतने वालों पर होगी कार्यवाही
समय सीमा बैठक के दौरान कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे जनसुनवाई में दर्ज आवेदनों का शीघ्रता से निराकरण करे। जनसुनवाई में लंबित प्रकरणों का निराकरण नही करने वाले अधिकारियों को शोकाज नोटिस जारी किया जायेगा।
वही बैठक के दौरान कलेक्टर ने जाति प्रमाण पत्रों की समीक्षा करते हुए जिला परियोजना समन्वयक को निर्देशित किया कि ऐसे बीआरसी जो जाति प्रमाण पत्र बनाने के कार्य में लापरवाही बरत रहे है, उनकी आगामी वेतन वृद्धि रोकने का प्रस्ताव बनाकर प्रेषित किया जाये।
बैठक में दिये गये अन्य निर्देश
– लोकसेवा गारंटी अधिनियम में दर्ज प्रकरण समय सीमा बाह्य न हो, सभी पदाभिहित अधिकारी इस बात को विशेष ध्यान रखे। लोक सेवा अधिनियम के कार्याे को भी दैनिक किये जाने वाले कार्याे में शामिल करे।
– विकासखण्ड में पदस्थ पंचायत के सचिव, जीआरएस एवं सीएचओ आपसी समन्वय के साथ आयुष्मान कार्ड बनाने का कार्य घर-घर जाकर पूर्ण करे।
– प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना के तहत अपूर्ण कार्याे को पूरा किया जाये। साथ ही पूर्ण कार्याे का उपयोगिता प्रमाण पत्र भी संबंधित विभाग को प्रेषित किया जाये।
– स्वास्थ्य विभाग द्वारा मोतियाबिंद मरीजों के जांच, उपचार एवं चिन्हांकन हेतु पीएचसी एवं सीएचसी पर कैम्प लगाये जाये।
– जिले के स्वास्थ्य केन्द्रों में आने वाले टीबी मरीजो एवं ऐसे मरीज जिनमें टीबी के लक्षण पाये जाये उनके परिवार के लोगों के भी सैम्पल लिये जाये।
– महाविद्यालयों में संचालित गांव की बेटी एवं प्रतिभा किरण योजना के लंबित आवेदनों का निराकरण किया जाये।
– ऐसी नल-जल योजना जो कि पूर्ण हो चुकी है, उन्हे ग्राम पंचायते तभी हेण्डओवर करे जब तक कि संबंधित ठेकेदार समस्त कार्य पूर्ण कर कार्य पूर्णता का प्रमाण पत्र नही दे।
बैठक में जिला पंचायत सीईओ सुश्री काजल जावला, अपर कलेक्टर श्री केके मालवीय, संयुक्त कलेक्टर श्री सोहन कनाश, डिप्टी कलेक्टर श्री शक्तिसिंग चौहान सहित विभिन्न विभागों के जिलाअधिकारी उपस्थित थे। वही विकासखण्ड स्तरीय अधिकारी वीसी के माध्यम से जुड़े थे।