सेंधवा। अग्रिम कर का भुगतान नहीं करने से अनावश्यक ब्याज लगता है- संयुक्त आयकर आयुक्त

सेंधवा। आयकर विभाग, सेंधवा द्वारा शिक्षा प्रसारक समिति के जोगवाडा रोड़ स्थित परिसर, सेंधवा में एक आउटरिच कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम श्री पुरूषोत्तम त्रिपुरी, प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त, भोपाल के सक्षम मार्गदर्शन एवं श्री अजय अत्री, मुख्य आयकर आयुक्त (ओएसडी)-1, इन्दौर के नेतृत्व में सम्पन्न हुआ। बैठक की अध्यक्षता श्री संजीव भगत, संयुक्त आयकर आयुक्त ने की एवं जिला आयकर अधिकारी नेमानी श्रीनिवास ने मार्गदर्शन प्रदान किया। उक्त कार्यक्रम सेंधवा, खेतिया एवं पाटी से आए अनेक व्यापारीगण, कर सलाहकार एवं चार्टड अकाउंटेंट की उपस्थिति में संपन्न हुआ।
श्री संजीव भगत, संयुक्त आयकर आयुक्त ने उपस्थित सभी करदाताओं , कर सलाहकारों एवं व्यापारियों एसोसिएशनों को यह अवगत कराया कि अग्रिम कर का भुगतान नहीं करने से अनावश्यक ब्याज देना पड़ता है। अतः अग्रिम कर के रूप में ही अपनी कर देयता सुनिश्चित करें। हमें अग्रिम कर की चारों किश्तों का उपयोग कर कर देयता में स्थिरता लाकर अनावश्यक परेशानी से बचना चाहिए साथ ही उन्होंने चर्चा की कि कुछ चार्टड अकाउंटेंट एवं कर सलाहकार करदाताओं को आयकर विवरणी दाखिल करते समय रिफंड का लालच देकर विवरणी में अनुचित डिडक्शन लेने हेतु प्रोत्साहित करते हैं, जिससे कि अनुचित रिफंड लिया जा सके। इस संबंध में सभी से अनुरोध किया गया कि आयकर विवरणी में यथोचित डिडक्शन का क्लेम दाखिल करें एवं सही कर देयता सुनिश्चित करें, क्योंकि विभाग के द्वारा इस तरह के प्रकरण की लगातार कड़ी निगरानी की जा रही है एवं अनेक स्थानों पर कार्यवाही भी की गई है।
कलेक्शन के आंकडों से अवगत कराया-
बैठक में बड़वानी जिले के आयकर अधिकारी श्री नेमानी श्रीनिवास ने बड़वानी जिले के आयकर के कर कलेक्शन के आंकडों से सभी को अवगत कराया। बैठक में चर्चा की गई कि रिफंड के अतिरिक्त कर कलेक्शन कम होने का प्रमुख कारण करदाताओं द्वारा अपने कर को अग्रिम कर के रूप में जमा ना कराकर स्व कर निर्धारण जमा कराना है। साथ ही आपने कहा कि हम अग्रिम कर का भुगतान करके विभाग कों सहयोग प्रदान करे एवं अनावश्यक लगने वाले ब्याज से भी बचें।
कार्यक्रम के अंत में बड़वानी जिले के सभी करदाताओं को उपस्थित जनों के माध्यम से आगामी 15 मार्च तक अंतिम तिमाही में अग्रिम कर के रूप में अपनी आय का उचित मूल्यांकन कर वित्तीय वर्ष में ही अपनी कर देयता सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया। कार्यक्रम का संचालन कर सलाहकार भूषण जैन ने किया।