जैन समाज त्याग और तप के लिए विश्व में विख्यात है आपके त्याग और तपस्या आपको महान बनाती है- नपाध्यक्ष यादव

सेंधवा। श्री दिगंबर जैन समाज सेंधवा द्वारा आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के प्रथम समाधि दिवस समारोह को मैकेनिक नगर स्थित चैत्यालय में अतिथियों एवं समाजजनों के सानिध्य में मनाया गया।
अतिथियों के उद्बोधन में श्रीमती बसंती बाई यादव नगरपालिका अध्यक्ष सेंधवा ने कहा की- जैन समाज त्याग और तप के लिए विश्व में विख्यात है आपके त्याग और तपस्या आपको महान बनाती है। जैन समाज के द्वारा किए जाने वाले उपवास बड़े कठोर होते हैं जो हमारे लिए प्रेरणादायक है।*
पंडित मेवालालजी पाटीदार ने अपने उद्बोधन में कहा की आचार्य गुरुवर विद्यासागर ने जिस प्रकार महावीर भगवान का दिग्दर्शन कलयुग में करवाया और हमे धैर्य, क्षमांशील, त्याग, अपरिग्रह आदि कई बहुमुल्य गुणों से परिचय करवाया है, *साथ ही आपने कहा कि द्वेष की भावना हमें जीवन में पीछे धकेलती है साथ ही यह हमें जलाती भी है इसलिए इसका त्याग अवश्य करें । हमे गुरुदेव के सिद्धांत को अपने जीवन में उतारने की कोशिश करना चाहिए तभी गुरुदेव का समाधि दिवस औपचारिक न होकर सफल हो पाएगा ।
वरिष्ठ समाजसेवी एवम संरक्षक श्री बी एल जैन ने अपने उद्बोधन में कहा कि मनुष्य पर्याय को साधारण से असाधारण की यात्रा गुरुवर विद्यासागर जी महाराज अपने जीवन से सीखा कर गए है, उन्होंने अपने वक्तव्य में अपने जीवन में गठित घटनाओं जो आचार्यश्री से मिलने पर हुई थी उसका जिक्र भी समाजजनों को किया । आचार्य श्री के बारे में बताते हुए कहा कि आपने आजीवन नमक व शक्कर सहित हरी सब्जियों खाने का त्याग तो किया ही था साथ ही आप केवल दिन में एक बार ही जल ग्रहण करते थे ऐसे तपस्वी संत के गुणगान कर उनके बताए मार्ग पर चलना है।
वरिष्ठ समाजसेवी श्री प्रेमचंद सुराणा ने कहा कि गुरुवर विद्यासागर नदी की अविरल धारा के रूप में जीवन पर्यंत प्रवाहशील रहे जिन्होंने सभी को निर्मल और पवित्र किया ।
श्री स्थानक श्वेतांबर समाज के अध्यक्ष श्री अशोक सकलेचा ने अपने उद्बोधन में कहा की आचार्य श्री ने जीवन पर्यन्त दही, दूध का त्याग एवम एक ही करवट पर सोना आदि नियम का पालन करते थे । आचार्य श्री द्वारा जो कार्य अधूरे रह गए है उन्हे समाज को पूरा करना है तभी सही अर्थों में हमारी द्वारा सच्ची विनयांजलि होगी ।
कार्यक्रम में स्थानक जैन समाज के वरिष्ठ समाजसेवी बी एल जैन , प्रेमचंद सुराणा एवम अशोक सकलेचा , छोटेलाल जोगड, तेजस शाह, नंदलाल बुरड, भूषण जैन एवम श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ से गिरीश लालका, परेश सेठिया अशोक जैन, निलेश जैन , महिला मंडल सदस्य आदि समाजजन उपस्थित रहे।
श्री दिगंबर जैन समाज के सचिव सौरभ जैन ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत मंगलाचरण से श्रीमती सोनम सौरभ जैन द्वारा की गई ।
इसके पश्चात अतिथियों द्वारा आचार्यश्री के फोटो का अनावरण एवम दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम को विधिवत प्रारंभ किया गया।
इसके पश्चात सभी अतिथियों का स्वागत दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष, योगेश पाटनी, श्रीमती ममता पाटनी, अशोक पाटनी, सौरभ जैन, श्रीमती सोनम जैन, बबिता जैन, पारस जैन, नेहा जैन, अभिनंदन जैन, चिंटू पाटनी आशीष जैन, अमन जैन द्वारा श्रीफल प्रदान करके किया गया। भजन प्रस्तुति अमन जैन, सागर, अरविंद जैन, अशोक पाटनी, श्रीमती सोनम जैन, राजेंद्र कांकरिया द्वारा दी गई !
कार्यक्रम के अंत में आचार्यश्री का अर्घ्य एवम आरती की गई । उसके पश्चात आभार प्रदर्शन श्री पारस जैन द्वारा किया गया ।