
इंदौर देश की एवं मालवा की लोक संस्कृति को संरक्षित व संवर्धित करने एवं लोक कला को पुनः स्थापित करने के उद्देश्य को लेकर लोक संस्कृति मंच पूर्ण वर्ष भर कई कार्यक्रमों का आयोजन करता है लोक संस्कृति मंच के संयोजक एवं सांसद शंकर लालवानी के नेतृत्व में एवं इंदौर नगर निगम के सहयोग से महापौर पुष्यमित्र भार्गव युवा ऊर्जावान चेहरे के साथ इस वर्ष आदिवासी नृत्य को समर्पित मालवा उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। कई वर्ष पूर्व पोद्दार प्लाजा से शुरू हुआ यह सफर लालबाग पर फल फूल रहा है। उत्सव 12 जून से 18 जून तक चलेगा।
लोक संस्कृति मंच के संयोजक शंकर लालवानी ने बताया मालवा उत्सव के दौरान के लोक नृत्य एवं लोक गायन दोनों का संगम देखने को मिलेगा जहा लोक नृत्य में ढीमराई, कानडा, बधाई, नौरता, राई आदि नृत्य देखने को मिलेंगे तो वही भारिया ,कोरकु, बैगा, भील, गोंड एवं कोल जनजाति के नृत्य भी यहां पर देखने को मिलेंगे गायन में कबीर गायन सुनने को मिलेंगे। मंच व्यवस्था एवं लोक कलाकारों की व्यवस्था हेतु जिम्मेदारी दिलीप शारदा रितेश पिपलिया एवं साथियों को दी गई है।
आदिवासी शिल्पो का रहेगा आकर्षण
विशाल गिदवानी ने बताया कि शिल्प बाजार में इस वर्ष मुख्य आकर्षण के रूप में आदिवासी शिल्प रहेगा जिसमें लगभग पूरे देश भर से आए ट्राइबल शिल्प के करीब 100 से अधिक स्टॉल यहां होंगे, पोचमपल्ली साड़ियां ,जूट वर्क की कलाकृतियां सहित छत्तीसगढ़ का पीतल वर्क, महेश्वरी साड़ियां, नागालैंड का ड्राई फ्लावर ,पंजाब की फुलकारी ,हरियाणा का टेराकोटा, पोकरण से मिट्टी शिल्प आकर्षण का केंद्र रहेंगे।
आदि चित्रा पेंटिंग एवं प्रदर्शनी
मंच की मुद्रा शास्त्री, रितेश पाटनी एवं रितेश पिपलिया ने बताया कि इस वर्ष आदिवासी थीम पर आधारित आदि चित्रा पेंटिंग एवं प्रदर्शनी भी यहां मुख्य रूप से होगी जो देश भर के आदिवासी कलाकृतियां पर आधारित होगी साथ ही गुजरात का गुजरात पवेलियन एक मुख्य आकर्षण होगा जहां पर गुजराती शिल्प देखने एवं खरीदने को मिलेगा।
लोक संस्कृति मंच के कमल गोस्वामी, कपिल जैन एवं कमल आहूजा ने बताया कि इस वर्ष एंटीक फर्नीचर भी मालवा उत्सव में आएगा साथ ही मुख्य रूप से जोधपुर का प्रसिद्ध जोधपुर फर्नीचर भी यहां पर होगा