बड़वानी। जिला स्तरीय तंबाकू नियंत्रण कार्यशाला का हुआ आयोजन

बड़वानी। जिला स्तरीय तंबाकू नियंत्रण कार्यशाला का आयोजन जिला पंचायत कार्यालय, बड़वानी के सभागार में सोमवार को किया गया । कार्यशाला के दौरान स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, पंचायत विभाग सामाजिक न्याय विभाग, जनजाति कल्याण विभाग एवं अन्य विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।
कार्यशाला की अध्यक्षता कलेक्टर सुश्री गुंचा सनोबर द्वारा की गई। कार्यशाला के दौरान श्री आनंद वर्मा, श्रीमती सोनम विधानी मध्य प्रदेश वोलंटरी हेल्थ एसोसिएशन एवं सदस्य जिला एवं राज्य स्तरीय समिति ने तंबाकू नियंत्रण कानून की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करते हुए कहा के मध्य प्रदेश 13 से 14 लाख लोगों की मृत्यु तंबाकू सेवन से होने वाली बीमारियों के कारण होती है। वैश्विक वयस्क तंबाकू सर्वेक्षण (2016-17) के अनुसार मध्य प्रदेश में 34 प्रतिशत वयस्क किसी न किसी रूप में तंबाकू सेवन करते हैं, और वैश्विक युवा तंबाकू सर्वेक्षण 2019 के अनुसार मध्य प्रदेश में 13-15 वर्ष के 3-9 प्रतिशत विद्यार्थी किसी न किसी रूप में तंबाकू सेवन करते हैं। तंबाकू समस्या को नियंत्रित करने के लिए भारत सरकार द्वारा तंबाकू नियंत्रण कानून सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा उत्पादन, आपूर्ति और वितरण का विनियमन) अधिनियम 2003 (कोटपा – 2003) बनाया गया है। इस कानून की धारा-6 के अनुसार नाबालिगों को/द्वारा तंबाकू उत्पाद की बिक्री दंडनीय अपराध है। शैक्षिक संस्थानों की 100 गज दूरी में किसी भी प्रकार के तंबाकू उत्पाद की बिक्री प्रतिबंधित है।
इसी के साथ उन्होंने यह भी बताया की तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान – भारत सरकार की तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान गाईडलाइन्स, राज्य सरकार के आदेश एवं भारतीय तम्बाकू नियंत्रण कानून की विभिन्न धाराओं के अनुसार जिले के समस्त शिक्षण संस्थानों को तम्बाकू मुक्त बनाया जाए⃓ इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट प्रतिषेध अधिनियम, 2019 के अनुसार सिगरेट पूर्णतः प्रतिबंधित है⃓ प्रतिषेध कानून 2019 की धारा 4 के अनुसार ई दृ सिगरेट का उत्पादन, विनिर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, विक्रय, वितरण, विज्ञापन पर प्रतिषेध है⃓ जिले में यदि कोई भी व्यक्ति प्रत्यक्षतः या परोक्ष रूप से इसमें लिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ उचित दंडात्मक कार्यवाही की जा सकती⃓ राज्य सरकार ने हुक्का बार प्रतिबंधित किया है यदि कोई हुक्का बार संचालित करते हुए पाया जाता है तो दंडात्मक कार्यवाही के रूप में आर्थिक हर्जाना एवं कारावास का प्रावधान है।
डॉ. सुरेखा जामरे मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी बड़वानी ने राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम की जानकारी साझा करते हुए कहा की समिति की बैठक हर तिमाही राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के दिशा-निर्देशों के अनुसार आयोजित की जाएगी एवं जिले के समस्त विभागों के साथ समन्वय कर कार्यक्रम को सशक्त बनाया जावेगा।
कलेक्टर सुश्री गुंचा सनोबर ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा सार्वजनिक स्थानों को धूम्रपान मुक्त करें। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं नोडल अधिकारी द्वारा जिला तम्बाकू नियंत्रण समिति की बैठक नियमित रूप से आयोजित की जाए। पुलिस विभाग की जिला स्तरीय अपराध बैठक में तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम की धारा 4, 5, 6, एवं 7 के अंतर्गत की गई कार्रवाई की समीक्षा की जाए। नगर पालिका / निगम अधिकारी धारा 5 के तहत तम्बाकू उत्पादों के प्रदर्शित विज्ञापनों को हटाने की कार्रवाई करें। की धारा 6(ब) के तहत शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज (300 फीट) के दायरे में आने वाली सभी तम्बाकू उत्पादों की दुकानों को हटाया जाए। उल्लंघन की स्थिति में दंडात्मक कार्रवाई की जाए। धारा 6(अ) के अंतर्गत सुनिश्चित किया जाए कि तम्बाकू उत्पाद नाबालिगों को न तो बेचे जाये ना ही नाबालिगों को न बेचे जाएं। उल्लंघन की स्थिति में दंडात्मक कार्रवाई की जाए। धारा 4 एवं 6 के अंतर्गत की गई कार्रवाई से प्राप्त अर्थदंड को स्वास्थ्य विभाग के स्टेट हेल्थ सोसाइटी के अकाउंट में जमा किया जाए। भारत सरकार एवं राज्य सरकार की “तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान गाइडलाइन्स” के अनुसार जिले के समस्त शिक्षण संस्थानों को तम्बाकू मुक्त बनाया जाए। जिले में महीने में 1 से 2 बार सार्वजनिक स्थान, शैक्षणिक संस्थान, तम्बाकू उत्पाद की दुकानों का उपरोक्त अनुसार निरीक्षण करें एवं उल्लंघन की स्थिति में धारा 4, 5, 6 एवं 7 के अंतर्गत कार्रवाई करें। विभाग की बैठकों एवं जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक के एजेंडा में तम्बाकू नियंत्रण / राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत उक्त कार्यवाही की समीक्षा को शामिल किया जाए।