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सेंधवा। नशाखोरी चरित्र निर्माण के साथ करियर के मार्ग में सबसे बड़ी बाधा – डॉ संगीता परमार

सेंधवा। नशे की प्रवृत्ति मानव समाज के सामने सबसे बड़ी समस्या है, नशाखोरी चरित्र निर्माण के साथ-साथ करियर के मार्ग में भी सबसे बड़ी बाधा है युवाओं को इस प्रवृत्ति से दूर रहना चाहिए साथ ही सामाजिक स्तर पर नशा उन्मूलन के लिए प्रयासरत रहना चाहिए, तभी एक सभ्य, स्वस्थ और समृद्ध समाज का निर्माण संभव है, उक्त विचार डॉ. संगीता परमार ने मुख्य वक्ता के रूप में वीर बलिदानी खाज्या नायक शासकीय महाविद्यालय, सेंधवा में आयोजित नशे की प्रवृत्ति कैरियर निर्माण में बाधक विषय पर आयोजित विशेष व्याख्यान में रखें। उन्होंने कहा कि कैरियर निर्माण के दौरान कुछ युवा जब कोई सफलता प्राप्त करते हैं सेलिब्रेशन के नाम पर मित्रों के साथ शराब जैसी चीजों का नशा करते हैं और यही कार्य आगे आदत बनकर उनके करियर मार्ग की सबसे बड़ी बाधा बनता है। वहीं कुछ युवा असफलता प्राप्त होने पर तनाव ग्रस्त होकर नशाखोरी की प्रवृत्ति में पड़ जाते हैं। संकल्प शक्ति और दृढ़ निश्चय से नशा उन्मूलन किया जा सकता है। कार्यक्रम के दौरान डॉ जितेंद्र साईंखेड़िया ने विद्यार्थियों को बताया कि युवा अपनी संगति के कारण भी नशाखोरी का शिकार हो जाते है, इसलिए अपनी संगति पर विशेष ध्यान देना चाहिए। किसी भी प्रकार की शारीरिक थकान एवं मानसिक तनाव का निदान नशे से नहीं हो सकता है, नशे से कोई समस्या दूर हो ऐसे पूर्वाग्रह से दूर रहना चाहिए।
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मानसिक रोग हो सकते हैं-
व्याख्यान के अंत में विद्यार्थियों ने भी अपने विचार साझा किये, विज्ञान संकाय के छात्र आशीष चौहान ने कहा नशा करने से व्यक्ति का स्वास्थ्य खराब हो जाता है उसे हृदय रोग, फेफड़े- किडनी का कैंसर, मानसिक रोग हो सकते हैं। कला संकाय की छात्रा कोमल मालवीया ने कहा की नशे की प्रवृत्ति का बच्चों के मन पर दुष्प्रभाव पड़ता है, अवलोकन मात्र से बच्चे इस प्रवृत्ति की ओर खींच जाते हैं। छात्र गोपाल सूर्यवंशी ने कहा नशा की आदत परिवार विघटन का कारण बनती है, इस प्रवृत्ति से दूर रहना चाहिए। कला संकाय के छात्र गोविंद रावत ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में नशाखोरी के कारण कई वाहन दुर्घटनाएं होती है। इसमें कई लोगों की मृत्यु हो जाती है एवं कई शारीरिक रूप से अपंग हो जाते हैं, हमें किसी भी प्रकार का नशा नहीं करना चाहिए।

यह रहे मौजूद-
इस अवसर पर वरिष्ठ प्रो डॉ एम एल अवाया, सहसंयोजक वीरेंद्र मुवेल, प्रभारी प्रो दीपक मरमट सहित कई विद्यार्थी उपस्थित थे। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ जीएस वास्कले ने बताया कि शासकीय निर्देशों के अनुसार स्वामी विवेकानंद करियर मार्गदर्शन द्वारा इस व्याख्यान का आयोजन किया गया, युवाओं को नशे की प्रवृत्ति से दूर रहना चाहिए, नशा उन्मूलन एक समृद्ध समाज का आधार है।
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