जल्द ही मिलेगा लोगो को नगरवन में सैर करने का मौखा, राह सुगम बनाने एप्रोच रोड को मिली मंजूरी
गौण खनिज मद से होगा निर्माण, कलेक्टर से मिली स्वीकृति,कालभैरव से बने वाली रोड अभी कागजो में उलझी। कालभैरव मंदिर के पास से बनेगी सड़क, तालाब का भी व्यू देख सकेंगे।

आशीष यादव धार,
जिला मुख्यालय पर जल्द ही लोगों को एक अच्छी सुगम व साज घूमने के लिए नगर वन मिलने जा रहा है जिसका काम वन विभाग द्वारा तेजी से किया जा रहा है वही इसको लेकर प्रशासन के साथ अन्य विभाग भी इसको सुबह सुगम बनाने के लिए मैदान में है। वही शहर में नगर वन विकसित किया जा रहा है। बता देकि कालभैरव मंदिर के पीछे स्थित पहाड़ी पर नगर वन तैयार किया गया है, जो लगभग पूरा होने आया है। यहां पर लोगों की पहुंचमें आसानी रहे , इसलिए एप्रोच रोड यानी सड़क का निर्माण करने का रास्ता साफ हो गया है। गौण खनिज मद से सड़क निर्माण को मंजूरी मिल गई है। जल्दी विभागीय प्रक्रिया को पूरा कर नगर पालिका द्वारा सड़क का निर्माण शुरू किया जाएगा, ताकि नगर वन तक आम जन की पहुंच सुगम हो सके। गौरतलब है कि राजस्व विभाग की पहाड़ी पर वन विभाग नगर वन परियोजना के तहत करोड़ की लागत से पौधरोपण कर छोटा वन तैयार कर रहा है। इसका मकसद यह है कि शहरी क्षेत्र के लोग भी वनों की अनुभूति कर सकें और उसमें कुछ पल बिता सके। साथ ही वायु गुणवत्ता में सुधार होगा।
तालाब की पाल को लेकर चिंता:
गर वन तक पहुंच आसान न करने के लिए रिंग रोड से नटनागरा तालाब के वेस्टवियर तक सीमेंट कांक्रीट रोड बनाना प्रस्तावित की है। जबकि वेस्टवियर वाले हिस्से में बॉक्स कल्वर्ट पुलिया बनाई जाएगी, ताकि पानी आसानी से निकल जाए और रोड को नुकसान न हो। वहीं तालाब की पाल पर सड़क निर्माण को लेकर चिंता थी। ऐसे में तकनीकी रिपोर्ट लेने के बाद पाल पर पैबर्स लगाने पर विचार किया गया है। इससे पाल को नुकसान नहीं होगा
रिंगरोड से नगर वन तक निर्माण:
गर वन तक आम जनों की पहुंच के लिए सड़क न की व्यवस्था नहीं है। सीतापाट रोड से कार और वाहनों के जरीए पहुंचने का रास्ता काफी खराब है। वहीं शहर के पास शॉर्टकट सड़क कॉलभैरव तालाब की पाल से होकर पहुंचती है। यह रिंगरोड से होकर तालाब के पिछले हिस्से से होते हुए गुजरती है। वर्तमान में यह पूरी तरह खराब है। यहां कभी सडक़ अस्तित्व में थी ही नहीं, अब पहली बार सड़क बनाने की मंजूरी मिली है। गौण खनिज मद से कलेक्टर प्रियंक मिश्र ने 45 लाख रुपए की लागत से करीब 250 मीटर सडक़ बनेगी। यह सड़क रिंगरोड से होकर नगर वन तक बनाई जाएगी, जबकि 18 लाख रुपए की लागत से एक सड़क नगर वन के गेट से पहाड़ी तक एक अन्य सड़क का निर्माण भी मंजूर किया गया है।
नीलगाय बचाने के लिए पौधों:
वही नगर वन तैयार करने के लिए वन विभाग के कर्मचारी दिन-रात मैदान में डटे हुए हैं वहीं नगर वन में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाकर कार्य करवाया जा रहा है। वही डीएफओ अशोक सौलंकी जी मार्गदर्शन में नगर वन का काम चल वहीं बबीता बघेल में बताया कि नगर वन में अनेक तरह के पौधे लगे हैं जिनको हर रोज पानी दिया जाता है वहीं यहां पर जो पौधे लगे हैं उनको बचाने के लिए हमने उनको ढका है क्योंकि यहां जंगल होने के कारण नीलगाय आती रहती है जिससे पौधों को नुकसान होता है वही आने वाले समय में या एक अच्छा वन तैयार होगा जिससे शहर के लोगों को शुद्ध हवा का मिलेगी ओर यहा गुम सकेंगे।
यह भी जानिए:
50 हेक्टेयर में फैला है नगर वन
प्राचीन कालभैरव मंदिर के तालाब से लगी पहाड़ी पर विकसित किया गया है।
50 हेक्टेयर यानी 200 बीघा में फैला है।
8 हजार विभिन्न प्रजातियों के पौधे वन विभाग ने लगाए।
रोज केक्टस वैली के साथ वॉकिंग ट्रेक भी है।
जल संरक्षण के लिए चैक डेम, ट्रेंच व छोटे तालाब का निर्माण।