धार जिले में नर्सिंग कॉलेज के पैमाने पर एक कॉलेज उतरा खरा बाकी कॉलेज प्रकिया में जिले में थे एक दर्जन नर्सिंग कॉलेज
जिले में एक दर्जन नर्सिंग कॉलेज को मान्यता अब जांच के बाद हौगी प्रकिया 15 जनवरी तक नर्सिंग कॉलेजों में होंगे एडमिशन।

आशीष यादव धार- जिले के साथ साथ पूरे मध्यप्रदेश को बदनाम करने वाले हाईप्रोफाइल नर्सिंग घोटाले की जांच के बीच सरकार नया निर्णय ले रही है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी है वही 15 जनवरी तक नर्सिंग कॉलेजों में प्रवेश हो सकेगा।
मध्य प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए 15 जनवरी 2025 की समय सीमा तय की गई है। यह फैसला हाईकोर्ट के आदेश के आधार पर लिया गया है। उप मुख्यमंत्री और लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इस समय सीमा के अंदर प्रवेश प्रक्रिया पूरी करवाने की बात पिछले दिनों की गई है। दरअसल, बहुचर्चित नर्सिंग कालेज घोटाले अंतर्गत कठघरे में नर्सिंग कालेज याचिका के जरिए हाई कोर्ट आए हैं। उनका दावा है कि सीबीआइ जांच में पाई गई कमियों को दूर कर दिया गया है। इसके बावजूद सत्र 2024-25 की मान्यता प्रदान नहीं की गई है। यही नहीं, वर्तमान में संचालित काउंसलिंग में सम्मिलित नहीं किया जा रहा है। लिहाजा निवेदन है कि सत्र 2024-25 की काउंसलिंग में सशर्त सम्मिलित होने की अनुमति दी जाए।

जिले के सभी कॉलेजों नहीं उतरे नियम पर खरे:
वहीं जिले में लगभग एक दर्जन से अधिक कॉलेजों का संचालित हो रहा था उसमें से मात्र जिले में एक कॉलेज सरकार के नियमों पर खरा उतरा है। बाकी के कॉलेज को अभी मानता नहीं मिली है वहीं पांच कॉलेज अभी भी प्रक्रिया में चल रहे हैं सीबीआइ जांच में प्रदेश के जिन नर्सिंग कालेजों में कमियां पाई गई हैं, उन्हें हाई कोर्ट द्वारा गठित कमेटी को संतुष्ट करने स्वतंत्र कर दिया गया है। हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी व न्यायमूर्ति अनुराधा शुक्ला की युगलपीठ ने अपने आदेश में साफ कर दिया है कि ऐसा किए जाने पर ही इन नर्सिंग कालेजों को काउंसलिंग प्रक्रिया में सम्मिलित होने की राहत मिल पाएगी। हाई कोर्ट ने कमेटी को निर्देश दिया है कि जो नर्सिंग कालेज सीबीआइ जांच में रेखांकित हुई, कमियों को पूरा क्ररने का प्रमाण प्रस्तुत करे, उन्हें उपयुक्त श्रेणी में रखकर मान्य करते हुए काउंसलिंग में सम्मिलित किया जाए।

15 कॉलेजों में एक को मिली थी अनुमति:
जिले में एक समय में नर्सिंग कॉलेजों की संख्या 15 थी, जिनमें हर साल लगभग 2 हजार विद्यार्थी एडमिशन लेते थे। लेकिन अब स्थिति यह हो गई है कि सीबीआई जांच के बाद कहि कॉलेजों को बंद कर दिया गया है। वहीं तीन कॉलेजों ने खुद सरेंडर कर दिए। अभी तक जिले में LSC कॉलेज धार अनुमित मिली है। जिले केवल एक कॉलेज ही चलने योग्य रह गया है। कॉलेजों में फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद नर्सिंग की ओर विद्यार्थियों का रुझान बहुत कम हो गया है। वहीं नए सत्र के लिए कही कॉलेज को अभी तक मान्यता नहीं मिली है। धार जिला कभी नर्सिंग के लिए जाना जाता था। यहां पर हर साल लगभग दो हजार विद्यार्थी एडमिशन लेकर पढ़ करते थे और प्रदेशभर के अस्पतालों में सेवाएं दे रहे हैं। लेकिन फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद सीबीआई जांच में जिले के 7 कॉलेज अपात्र पाए गए। इन कॉलेजों को बंद कर दिया गया है। इनमें एसएस कॉलेज, रोशन कॉलेज, निमाड़ कॉलेज, प्रयागराज कॉलेज, नवरत्न कॉलेज और सद्भावना कॉलेज शामिल हैं। जब सीबीआई ने जांच की तो इनमें काफी कमियां पाई गई थी, जिसके चलते इन सभी को बंद कर दिया गया था। इसके बाद इनके विद्यार्थियों को दूसरे कॉलेजों से परीक्षा देने की अनुमति दी गई थी। जांच रिपोर्ट के बाद इन कॉलेजों की पूरी तरह से मान्यता खत्म कर उन्हें बंद कर दिया गया।
आर्थिक स्थिति के कारण बंद हुए:
जिले में नर्सिंग कॉलेज संचालकों की स्थिति फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद से ही खराब हो गई है। दो साल से अधिक समय से न तो नए एडमिशन हुए हैं और न ही पुराने विद्यार्थियों की परीक्षाएं हुई हैं। इसके कारण कॉलेज का संचालन करना उन्हें काफी खर्चीला पड़ रहा था। जिसके चलते जिले में तीन कॉलेज संचालकों ने खुद ही सरेंडर कर दिया और लिखकर दे दिया कि वे आगे से कॉलेज का संचालन नहीं कर पाएंगे। इसके चलते उनके कॉलेज के विद्यार्थियों की परीक्षाएं तो होंगी, लेकिन उनमें नए विद्यार्थी एडमिशन नहीं ले पाएंगे। वही सभी कॉलेज विद्यार्थियों को मिलने वाली स्कॉलरशिप से ही संचालित होते हैं। लेकिन बीते तीन साल से अधिक समय से किसी भी विद्यार्थी को स्कॉलरशिप नहीं मिली है। जिसके कारण कॉलेजों को फीस ही नहीं मिल पाई। वहीं कॉलेजों को खर्च लगातार चलने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई। ऐसे में केवल वे ही कॉलेज संचालक बच पाए हैं, जिनके पास खुद का भवन है और सभी तरह के संसाधन मौजूद हैं।
ऑनलाइन हो रही काउंसलिंग:
जिले के नर्सिंग कॉलेजों में 31 दिसंबर 2024 से काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जो 14 जनवरी 2025 को पूरी होगी। सभी सरकारी और गैर सरकारी नर्सिंग कॉलेजों के लिए ऑनलाइन काउंसलिंग की व्यवस्था लागू की गई। काउंसलिंग की प्रक्रिया सभी सरकारी और निजी नर्सिंग कॉलेजों के लिए ऑनलाइन होगी। यह कदम न केवल प्रवेश प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए है, बल्कि छात्रों को भी आसानी से अपनी पसंद के कॉलेज में एडमिशन लेने का मौका मिलेगा।
नर्सिंग कालेजों की स्थिति:
जिले में 12 से अधिक कालेज
जिले 1 कॉलेज पात्र है बस
अभी 5 कॉलेज प्रकिया मे