बड़वानी। ग्रामीण आदिवासी समुदाय के लोगों से धोखाधड़ी कर फरार होने वाले बंगाली डाक्टर को न्यायालय से 3 वर्ष का कारावास

बड़वानी। सत्याग्रह लाइव। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती संध्या मनोज श्रीवास्तव ने अपने एक फैसले में आरोपी डा. कार्तिकचंद्र मंडल उर्फ मीनल पिता पूर्णचंद्र, निवासी 24, परगना पश्चिम बंगाल को 3 वर्ष का कारावास व अर्थदंड से दंडित किया। शासन की ओर से प्रकरण में पैरवी अतिरिक्त लोक अभियोजक श्री शिवपालसिंह सिसोदिया ने की।
प्रकरण के तथ्य इस प्रकार है कि आरोपी डॉ. कार्तिकचंद्र मंडल ग्राम पलसूद में पिछले कई सालों से क्लीनिक संचालित कर डाक्टरी कर रहा था। इसी दौरान उसने लोगों का विश्वास जीतकर गिरवी गांठें का काम करने लगा। उसने 24 अप्रैल से 8 जुलाई 2020 के मध्य क्षेत्र के ग्रामीण एवं आदिवासी समुदाय के लोगों को आवश्यकता पड़ने पर 2 रूपये सैकड़ा पर रकम गिरवी रखकर उनकी रकमें तथा अन्य लोगों से रूपये उधार लेकर फरार हो गया। आरोपी द्वारा 18 किलो 500 ग्राम चांदी तथा 70 ग्राम सोना लोगों की गिरवी रख तथा लाखों रुपये उधार लेकर फरार होने का आरोप है।
इस सम्बन्ध में आरोपी के विरुद्ध शिकायत पर पुलिस पलसुद द्वारा धारा 406, 418, 420 भादंसं धारा 61 मध्यप्रदेश निक्षेपको के हितो का संरक्षण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया। आरोपी के विरुद्ध शासन द्वारा अपने साक्ष्य, दस्तावेज के आधार पर अभियोजक ने न्यायालय में प्रकरण सिद्ध किया गया। जिस पर न्यायालय द्वारा आरोपी को 3 वर्ष कारावास व अर्थदंड से दंडित किया गया । गौरतलब है कि शासन के निर्देश के बाद भी साहुकारों द्वारा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में जनजाति समुदाय के लोगों से रकम गिरवी रखकर ऊंची ब्याज दर पर वसुली कर वारे न्यारे का काम आज भी जारी है, डाक्टर जैसे लोग इसके उदाहरण हैं ।
