जिम्मेदारों की लापरवाही से बीच ग्राम में खुले आम गाडियों में डल रही एलपीजी गैस

मौखिक शिकायत पर अधिकारी नहीं देते ध्यान, ग्रामीण पहुंचे थाने……
सत्याग्रह लाइव झिरन्या (दिनेश गीते):- आदिवासी बाहुल्य की ग्राम पंचायत चिरिया में अवैध रूप से एलपीजी गैस सिलेंडर गाड़ियों में भरा जा रहा है। जिसकी ग्रामीणों ने मौखिक रूप से जिम्मेदारों को अवगत भी कराया किंतु कार्यवाही नहीं होने से ग्रामीणों ने थाना चैनपुर मै जाकर थाना प्रभारी के नाम आवेदन दिया और आवेदन के माध्यम से बताया कि ग्राम में नादिया मेडागड़ रोड पर अवैध रूप से छोटी गाडियों में बीच ग्राम में एलपीजी गैस सिलेंडर से गैस डाली जा रही है जिसमें कभी कोई भी जनहानि एवम बड़ा हादसा होने की संभावना है, क्योंकि यह कार्य ग्राम के बीचों-बीच और मोहल्लों में लोगों के घरों के पास किया जा रहा है। साथ ही, इस गोरखधंधे में संलिप्त लोगों के पास बड़ी संख्या में अवैध रूप से एलपीजी गैस सिलेंडर भरे पड़े रहते हैं। भविष्य में होने वाली दुर्घटनाओं तथा जानमाल की हानि को रोकने के लिए अवैध रूप से एलपीजी भरने वालों के खिलाफ ग्रामीणों ने कार्यवाही की मांग की है।
मुख्यालय पर नहीं रहते जिम्मेदार…..
फूड विभाग के अधिकारी रविंद्र ठाकुर को झिरन्या तहसील का चार्ज दिया हुआ है जिसमें यहां होने वाली अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाई जा सके किंतु उनके द्वारा क्षेत्र में कार्यवाही के नाम पर खाना पूर्ति कर दी जाती हे जानकारी देने पर फूड विभाग के रविंद्र ठाकुर मुख्यालय पर कभी नहीं मिले खरगोन या भीकनगांव मिलते हैं। जब वो घटना स्थल पर पहुंचते हे तो उससे पहले ही तो अवैध गतिविधि को अंजाम देने वाले लोगों को जानकारी मिल जाती हे और वो उनके आने से पहले ही अपना खेल खेल लेते हे जिम्मेदारों का मुख्यालय पर नहीं रहने से इन्हें खुलेआम संरक्षण मिल जाता हे जिम्मेदार की गैर मौजूदगी में शासकीय राशन दुकान से भी अवैध तरीके से राशन सप्लाई होता हे जिसकी जानकारी भी जिम्मेदारों को अनेकों बार दी गई है लेकिन जिम्मेदार या तो फ़ोन नहीं उठाते या बाहर होने का बहाना बना लेते हैं।
कुछ दिन पहले ही हुआ था हादसा……..
ग्राम पंचायत झिरन्या में अध्यापक सुभाष जायसवाल के मकान में रहने वाले किरायेदार द्वारा छोटी 5 kg की टंकी का उपयोग घरेलू काम काज में किया जा रहा था अचानक टैंकी में ब्लास्ट हुआ और घर के कई दरवाजे टूट गए दूर दूर तक धमाके की आवाज गूंज उठी जिससे आसपास के रहने वाले लोग दहशत में आ गए ब्लास्टिंग के बाद में ना ही उस किराए दार पर कोई कार्रवाई हुई और ना ही उसके खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज की गई गनीमत रही की उस मकान में रहने वाले लगभग आधा दर्जन से अधिक किराएदार मौके पर मौजूद नहीं थे अन्यथा एक बड़ा दर्दनाक हादसा हो सकता था । इस संबंध में फूड विभाग के रविंद्र ठाकुर ने बताया कि छोटी टंकी के ब्लास्ट होने पर उस किराए दार पर कोई मामला नहीं बनता जबकि इतनी बड़ी घटना की सूक्ष्मता से जांच आवश्यक थी ।
