संत सियाराम बाबा ने देह त्यागी, अंतिम संस्कार आज शाम

खरगोन। निमाड़ सहित देशभर में पहचाने जाने वाले संत सियाराम बाबा ने बुधवार अलसुबह देह त्याग दी। 11 दिसम्बर सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर बाबा ने अंतिम सांस ली। आज बुधवार शाम 4 बजे भट्यान में नर्मदा तट पर अंतिम संस्कार होगा। बता दे बुधवार को मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव बाबा का स्वास्थ्य जान लेने पहुंचने वाले थे। बाबा के निधन से पूरे निमाड़ सहित भक्तो में शोक की लहर छा गई।
बता दे पिछले दिनों से निमाड़ के संत सियाराम बाबा की तबियत बहुत खराब चल रही थी। उनके स्वास्थ्य लाभ की कामना को लेकर श्रद्धालु अनुष्ठान, पूजन में जुटे हुए थे। संत सियाराम बाबा के अनुयायी बड़ी संख्या में दर्शन करने आश्रम पहुंच रहे थे। इसी कड़ी में इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव और कांग्रेस नेता व पूर्व केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री अरूण यादव ने भी सोमवार को आश्रम पहुंचकर बाबा के दर्शन किए थे। मंगलवार को संत सियाराम बाबा का स्वास्थ्य जानने एमपी के प्रसिद्ध कथाकार कमल किशोर नागर भी आश्रम पहुंचे थे।

नर्मदा किनारे 10 वर्षों तक खड़े रहकर मौन तपस्या की–
अनुयायियों ने बताया कि संत सियाराम बाबा का असली नाम कोई नहीं जानता। वह 1933 से नर्मदा किनारे रहकर तपस्या कर रहे थे। उन्होंने अपने तप और त्याग से लोगों के हृदय में जगह बनाई। बाबा ने नर्मदा किनारे 10 वर्षों तक खड़े रहकर मौन तपस्या की थी। उसके बाद पहली बार उनके मुंह से सियाराम का उच्चारण हुआ था। तब से लोग उन्हें संत सियाराम बाबा के नाम से पुकारते हैं।
सियाराम बाबा ने बड़वानी जिले के नागलवाड़ी धाम और खारघर इंदौर की सीमा स्थित जामगेट के पास स्थित विंध्यवासिनी मां पार्वती मंदिर में निर्माण में व अन्य कार्य के लिए राशि भेंट की है।