खंडवामुख्य खबरे

खंडवा एग्रीकल्चर कॉलेज में रैगिंग का मामला, एबीवीपी नेता से मारपीट कर बुलेट गाड़ी तोड़ी

खंडवा। मुश्ताक मंसूरी। खंडवा के भगवंतराव मंडलोई शासकीय कृषि कॉलेज में एक बार फिर रैगिंग का मामला सामने आया हैं जो अब तूल पकड़ता जा रहा है। मंगलवार को रैगिंग से परेशान छात्रों ने मदद के लिए एबीवीपी नेता को बुलाया, लेकिन सीनियर छात्रों ने उन्हें कॉलेज में घुसने नहीं दिया और उल्टा उन्हें सड़क पर दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। उनकी बुलेट बाइक को भी तोड़ दिया गया।

घटना का विवरण-
मामला मंगलवार सुबह तब बिगड़ा, जब रैगिंग से परेशान छात्रों ने एबीवीपी नेता रोहित गवली को कॉलेज बुलाया। रोहित गेट पर पहुंचे ही थे कि करीब 40 सीनियर छात्रों ने उन्हें घेर लिया और मारपीट शुरू कर दी। रोहित ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई।
पुलिस को सूचना मिलते ही डायल 100 मौके पर पहुंची। पीड़ित छात्रों और घायल एबीवीपी नेता ने कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई।

b37b287d 1802 4eea 96a6 a43d5066be8e

कॉलेज प्रशासन का बयान-
कॉलेज डीन दीपक हरि रानाड़े का कहना है कि उन्हें रैगिंग की कोई शिकायत नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि सीनियर बैच अभी कॉलेज आया ही नहीं है, और जो भी घटना हुई, वह कॉलेज परिसर में हुई है।

छात्रों के गंभीर आरोप-
बीएससी प्रथम सत्र के छात्रों ने बताया कि सीनियर उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं। जबरन हॉस्टल में रहने का दबावरू छह हजार रुपए दिलवाकर हॉस्टल में रहने को मजबूर किया गया। गर्दन झुकाकर घंटों खड़ा करने, लड़कियों के नंबर लाने और अश्लील बातें सुनने को मजबूर किया गया। हॉस्टल छोड़ने पर घर तक पहुंचकर धमकाया।

पुलिस कार्रवाई-
सीएसपी अभिनव बारंगे ने घटना के बाद थाने में पीड़ितों, कॉलेज डीन, और स्टाफ से पूछताछ की। एफआईआर दर्ज करने और मेडिकल जांच के निर्देश दिए गए हैं। इससे स्पष्ट है कि पुलिस मामले को गंभीरता से ले रही है।

कॉलेज प्रशासन की निष्क्रियता-

कॉलेज में यह पहला मामला नहीं है। दो साल पहले भी एक छात्र ने रैगिंग से परेशान होकर आत्महत्या का प्रयास किया था। फिर भी कॉलेज प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए। यह प्रशासन की उदासीनता और छात्रों की सुरक्षा में कमी को उजागर करता है।

रैगिंग का बढ़ता आतंक

रैगिंग से जुड़े आरोप गंभीर हैं। सीनियर छात्रों पर मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना, धमकियां, और अश्लील हरकतें करने के आरोप लगाए गए हैं। यह कॉलेज परिसर में अनुशासन और कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है।

समस्या का समाधान

रैगिंग जैसी घटनाओं को रोकने के लिए कॉलेज प्रशासन और पुलिस को मिलकर कड़े कदम उठाने होंगे। छात्रों के लिए हेल्पलाइन, काउंसलिंग, और निगरानी तंत्र जैसे उपाय जरूरी हैं।

साइन ऑफ-
यह मामला केवल छात्रों की सुरक्षा का नहीं, बल्कि शैक्षणिक संस्थानों में अनुशासन की कमी का भी प्रतीक है। प्रशासन की निष्क्रियता और रैगिंग का बढ़ता आतंक गंभीर चिंता का विषय है। यह स्पष्ट करता है कि प्रभावी कार्रवाई और जवाबदेही सुनिश्चित किए बिना इस समस्या का समाधान संभव नहीं है।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button