सेंधवा; गुरु नानक देवजी के 555वें प्रकाश पर्व पर गुरु के चोले की सेवा कर अटूट लंगर हुआ

सेंधवा। शहर में गुरु नानक देवजी के 555वें प्रकाश पर्व पर शुक्रवार सुबह सहेज पाठ की समाप्ति पर गुरु के चोले की सेवा की गई। इसके बाद ज्ञानीजी द्वारा कथा कीर्तन किया गया। कथा कीर्तन के बाद गुरु का अटूट लंगर हुआ। समाज के केप्टन छाबड़ा ने बताया कि प्रकाश पर्व पर सुबह 9 बजे गुरुद्वारे में सहज पाठ का समापन हुआ। जिसके बाद कमलजीत कौर छाबड़ा के परिवार की ओर से निशान साहेब की चोला बदलने की सेवा की गई। जिसमे सभी समाजजन शामिल हुए। इसके बाद सुबह 11.30 बजे से दोपहर 1.15 बजे तक ज्ञानी मोहन सिंह जी द्वारा सतगुरु नानक प्रगटिया मिटी धुंध जग चानण होया… शबद कीर्तन गायन किया गया। साथ ही सभी के लिए गुरुनानक देव जी के तीन उपदेश बताते हुए कहा कि मनुष्य को हमेशा अच्छे कर्म करना चाहिये एवं हमेशा परमात्मा का नाम सिमरन करना चाहिए और ईमानदारी से कमाई को मिल जुलकर कर जरूरतमंदों में सांझा करना चाहिए। उसके उपरांत गुरु का अटूट लंगर हुआ। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसादी ग्रहण की।

रात में सजा बच्चों का कवि दरबार-
शुक्रवार रात 8.30 बजे से दीवान सजा और बच्चों का कवि दरबार लगा। बच्चो ने गुरु नानक देव जी के जन्म एवं उनके जीवन पर प्रकाश डाला। रात रात 1 बजे तक जन्म प्रकाश का प्रोग्राम चलता रहा।
समाजजन उपस्थित रहे-
प्रकाश पर्व के समस्त आयोजन में समाज के दर्शन सिंह राजपाल, परमजीत सिंह राजपाल, गुरप्रीत सिंह छाबड़ा (मेजर) हरपाल सिंह छाबड़ा, विवेक छाबड़ा, रूपल राजपाल, दीपक राजपाल, मनमीत राजपाल, रंजीत सिंह छाबड़ा, संदीप सिंह छाबड़ा, इश्मीत छाबड़ा, अजीत भाटिया, जयदीप राजपाल, संतवीर भाटिया, अजितसिंह खनूजा, हरचरण सिंह भाटिया, राजेश चावला, मिंटू भाटिया, नवीन जुनेजा, सोनू भाटिया, नन्दसिंह वासु, संदीप छाबड़ा (पानसेमल),
नमन भाटिया, प्रभज्योत भाटिया, अजयपाल सेठी, अमरजीत सिंह सेठी, गुरदयाल सिंह पंवार, ऋषि भाटिया सहित अन्य समाजजन मौजूद रहे।
