अहिल्या माता गोशाला में बच्छ बारस पर गोपूजन के लिए पहुंची ढाई हजार महिलाएं
परिवार सहित किया गाय-बछड़े का पूजन- हजारों व्रतधारी महिलाओं ने किया उद्यापन

इंदौर । केशरबाग रोड स्थित अहिल्या माता गोशाला पर शुक्रवार को बच्छ बारस का उत्सव धूमधाम से मनाया गया। विभिन्न समूहों में आई करीब ढाई हजार महिलाओं ने यहां विद्वान पंडितों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच गाय-बछड़े का पूजन कर उन्हें ज्वार, बाजरा, मक्का से बनी रोटियां एवं अन्य व्यंजन परोसे। सैकड़ों महिलाओं ने व्रत का उद्यापन भी आचार्य पं. मुकेश शास्त्री के निर्देशन में गोशाला में ही किया।
गोशाला प्रबंध समिति के मंत्री पुष्पेन्द्र धनोतिया एवं संयोजक सी.के. अग्रवाल ने बताया कि गोशाला पर सुबह से ही परिवारों का आगमन शुरू हो गया था। गोशाला के गो प्रेमी संघ द्वारा गोपाल नीमा के नेतृत्व में विट्ठल-रुक्मणी गार्डन पर व्रत के उद्यापन की व्यवस्था रखी गई थी। गोशाला पर गर्भ संस्कार, गो स्पर्श चिकित्सा का लाभ गोभक्तों ने लिया। गोशाला की पंचगव्य चिकित्सक डॉ. माया शर्मा एवं डॉ. राधिका माहेश्वरी ने सबको पंचगव्य चिकित्सा के लाभ बताए। अनेक महिलाओं ने यहां आकर बच्छ बारस व्रत का उद्यापन भी किया। गोशाला परिसर में निःशुल्क पूजन सामग्री, विद्वान पंडित एवं भोजन की भी व्यवस्था की गई थी। गोमाता को गो ग्रास देने हेतु हरे चारे, गो ग्रास लड्डू, सवा मण दलिया आदि का भोग भी लगाया गया। नंदी को भी छोड़ा गया। मान्यता है कि नंदी जितनी दूर जाएगा, उतना अधिक लाभ मां एवं पुत्र को होगा। गो शाला की ओर से सी.के. अग्रवाल, ओमप्रकाश पसारी, गोपाल नीमा, संदीप महाजन, महेन्द्र जैन बड़नगर एवं अन्य सहयोगी बंधुओं के सहयोग से यह उत्सव बिना किसी विघ्न के संपन्न हुआ।
मान्यता है कि बच्छ बारस के दिन महिलाएं अपनी संतान के दीर्घायु और यशस्वी होने की कामना करती हैं। अनेक महिला संगठनों ने भी सपरिवार पूजा-अर्चना की। पूजन के लिए गोशाला के सप्त गोमाता मंदिर पर गाय-बछड़े के 20 जोड़े श्रृंगारित किए गए थे। लगभग एक हजार परिवारों ने इस उत्सव का पुण्य लाभ उठाया। गोशाला स्थित सप्त गोमाता मंदिर पर गो पूजन के लिए बड़ी संख्या में महिलाओं, घर के बुजुर्गों, बच्चों और युवाओं ने भी गोशाला पहुंचकर पूचा-अर्चना कर गोसेवा का पुण्य लाभ उठाया।