बड़वानीमुख्य खबरे

प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस, शहीद भीमा नायक कॉलेज में चंद्रयान की चंद्र यात्रा पर वेबीनार का आयोजन

बड़वानी। राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस, शहीद भीमा नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बड़वानी में एकदिवसीय राष्ट्रीय वेबीनार च्ंेेंहम जव जीम डववद ंदक संदकपदह वद उववद का आयोजन किया गया । वेबीनार महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ वीणा सत्य के निर्देशन में आयोजित किया गया । वेबीनार के संयोजक डॉ. श्याम नाईक ने बताया कि वेबीनार में मुख्य वक्ता इसरो के वैज्ञानिक श्री नीरज कुमार सत्य थे । श्री नीरज कुमार सत्य 2003 से इसरो में कार्यरत हैं तथा अनेक भारतीय अंतरिक्ष प्रक्षेपण कार्यक्रमो में महत्वपूर्ण भूमिकाये निर्वाह कर चुके हैं ।

वेबीनार में श्री नीरज सत्य ने भारतीय चंद्रयान के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करते हुए बताया कि चंद्रमा पर पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर समय का दिन होता है तथा इतने ही समय की रात्रि होती है। रात्रि में चंद्रमा की सतह पर तापमान शून्य से लगभग 120 डिग्री नीचे चला जाता है, किंतु दिन के समय चंद्रमा की सतह का तापमान 120 से 130 डिग्री सेल्सियस होता है। चंद्रमा पर भेजे जाने उपकरण सौर ऊर्जा से कार्य करते हैं । अतः रात्रि के समय में कार्य करना बंद कर देते हैं ।



चंद्रयान को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतारते समय क्या-क्या चुनौतियां थी तथा उनका किस प्रकार समाधान किया गया, इस बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। वेबीनार ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनो प्रकार से आयोजित किया गया था। जिसमें महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ दिनेश वर्मा, डॉ आशा साखी गुप्ता, डॉ के एस बघेल, डा अभिलाषा साठे सहित विभिन्न महाविद्यालयों के प्रतिभागी सम्मिलित हुये। वेबीनार में डॉ. सत्य ने प्रतिभागियों की जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए भारत के आगामी अंतरिक्ष कार्यक्रमों के बारे में तथा अंतरिक्ष विज्ञान में कैरियर अवसरों के बारे में जानकारी दी।

वेबीनार के अंत में अध्यक्षीय उद्बोधन प्राचार्य डॉ वीणा सत्य ने दिया। आभार कॉलेज के प्रशासनिक अधिकारी डॉ. जयराम बघेल ने व्यक्त किया । वेबीनार के अंत में सभी सदस्यों ने शपथ ग्रहण की। वेबीनार को सफल बनाने में भौतिक विभाग के सदस्यों डॉ. कानू बडोले, डॉ. कपिल अहीरे, प्रो. अर्पिता पटेल, प्रा.े सपना तिवारी, प्रो. आर खरत, श्री दिनेश नरगावे, विजय, देवकृष्ण कोचे, विक्रम सिसोदिया आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!