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स्पंदन डॉक्टर्स ने पेश की डॉक्टर की प्रेम गाथा

इंदौर। डॉक्टर्स डे की पूर्व संध्या पर आज लाभ मंडपम में स्पंदन डॉक्टर्स कल्चरल ग्रुप ने अनूठा संगीत कार्यक्रम प्रस्तुत किया शादी .कॉम शीर्षक से। एक डॉक्टर भी आम मनुष्य होता है, उसके जीवन में भी प्रेम इश्क शादी रुसवाई शहनाई वैसी ही होती है। बड़ी ही खूबसूरती से इसे मंच से प्रस्तुत किया गया। स्पंदन डॉक्टर्स की यह 132 वी प्रस्तुति थी जिसे भारत की जीत और सुनहरी बारिश ने उचाइया दी।
पंकज उधास की इश्क की गहराइयों की गजलों से कार्यक्रम आरंभ हुआ। आज मदहोश हुआ जाए रे — डा मनोज डा पिनाक भटनागर, पांच रुपया बारा आना— डा हेमंत मंडोवरा डा रुचि शाह, ओ मेरे राजा खफा ना होना— डा शैलक्षी वर्मा डा निकिता भटनागर, लेकर हम दीवाना दिल – डा प्रमोद नीमा डा मून जैन, चेहरे से जरा आंचल — डा अनुराग श्रीवास्तव, नाचे मन मोरा — डा अतुल भट्ट, शादी के लिए रजामंद – डा संजय लोंढे, चाहिए थोड़ा प्यार डा अमित वर्मा द्वारा गाए गईं 28 गीतो की लड़ी में उनसे मिली नजर, सामने ये कौन आया, बचना ए हसीनो, पिया बावरी, तौबा ये मतवाली चाल, हुजूर इस कदर भी ना इतरा, बड़े मियां दीवाने ऐसे ना बनो,आ जाने जा, ये माना मेरी जा जैसे गाने भी प्रस्तुत हुए।

जहां डा अतुल भट्ट, डा हेमंत मंडोवरा ने गीतो को क्लासिकल टच दिया वही डा अमित वर्मा, डा प्रमोद नीमा ने किशोर जी से, डा मनोज भटनागर- डा संजय लोंढे ने रफी सा, डा अनुराग श्रीवास्तव ने मुकेश जी, दो शैलेक्शी ने कैलाश खेर से नजदीकियां बढ़ाई।
डा पिनाक भटनागर, डा मून जैन, डा रुचि शाह, डा निकिता भटनागर के शोख अंदाज ने मोहब्बत से लबरेज गीतो को और हसीन बना दिया।

भारत की जीत की खुशी में कार्यक्रम का आगाज देशभक्ति गीत बार बार हो की समूह प्रस्तुति से से हुई।

डा संजय लोंढे के संचालन ने कई बार चुटीले संवादों से श्रोताओं की तालिया बटोरी। संगीत संयोजन कपिल राठौर, अभिजीत गौड़ का था। कई दिनों तक इस कार्यक्रम की गूंज श्रोताओं के जेहन में होंगी।

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