श्री श्रीविद्याधाम पर इक्कीस विद्वानों एवं 151 बटुकों ने मंत्रोच्चार के बीच कराया शिव-पार्वती विवाह

इंदौर। विमानतल मार्ग स्थित श्री श्रीविद्याधाम परिसर पर नौ दिवसीय शिव नवरात्रि महोत्सव में शुक्रवार सुबह अभिषेकात्मक रूद्राभिषेक एवं संध्या को शिव-गिरिजा कल्याणोत्सव में भगवान शिव और पार्वती का विधिवत विवाह संस्कार भी आयोजित किया गया। अंगूर एवं पाइनेपल के फलों तथा रंगीन गुब्बारों से मंडप का मनोहारी श्रृंगार किया गया। महामंडलेश्वर स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती के सानिध्य में शिव पार्वती विवाह की सारी रस्में आचार्य पं. राजेश शर्मा, आचार्य पं. राहुल कृष्ण शास्त्री, आचार्य पं. योगेश पाराशर, पं. आशीर्वाद शर्मा सहित 21 विद्वानों एवं 151 वेदपाठी बटुकों ने संपन्न कराई। सामूहिक शिव महिम्न स्त्रोत और लक्ष्यार्चन आराधना में सैक़ड़ों भक्तों ने भाग लिया। संध्या को महाआरती के बाद चारों प्रहर विशेष आराधना का क्रम शुरू हुआ।
आश्रम परिवार के सुरेश शाहरा, यदुनंदन माहेश्वरी, पं. दिनेश शर्मा एवं राजेन्द्र महाजन ने बताया कि रूद्राभिषेक में 21 विद्वानों ने भाग लिया। सुबह भगवान भवानी शंकर का विशेष श्रृंगार दर्शन, गोदुग्ध से अखंड अभिषेक एवं महाआरती के अनुष्ठानों में भक्तों का सैलाब बना रहा। संध्या को शिव-गिरिजा कल्याणोत्सव का अनूठा आयोजन भी भक्तों के लिए आकर्षण और श्रद्धा का केन्द्र बना रहा। विवाह के लिए लग्न मंडप बनाकर शिव-पार्वती के विग्रह को वहां विराजित किया गया था। विद्वान आचार्यों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच सात फेरों के साथ यह विवाह भगवान के जयघोष के बीच संपन्न हुआ। हजारों श्रद्धालु इस विवाहोत्सव के साक्षी बने। आश्रम परिवार के रमेश पसारी, रमेश राठौर, सुश्री उमा शुक्ला, रेणु गुप्ता, संजय पंडित, चंदन तिवारी सहित अनेक श्रद्धालुओं ने सभी व्यवस्थाएं संभाली।
संध्या को सामूहिक शिव महिम्न स्त्रोत एवं लक्ष्यार्चन आराधना तथा शिव उपासना महामंत्र के नियमित अनुष्ठानों में भी सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए। चारों प्रहर पूजा में भगवान का आम, अंगूर, अनार, संतरा, गन्ना, पान एवं अन्य फलों के रस से रूद्राभिषेक किया गया। चारों प्रहर की पूजा में सैकड़ों शिवभक्त सपरिवार भाग ले रहे हैं। महाशिवरात्रि पर आश्रम स्थित सभी देवालयों एवं भगवान शिव के पुत्र गणेशजी के सपरिवार स्वरूप का मनोहारी श्रृंगार भी किया गया।