कांटाफोड़ मंदिर पर बन रही खस से निर्मित रामदरबार की झांकी –चार दिनी विवाह उत्सव शुरू
आज लगेगी दूल्हेराजा को मेहंदी, कल उबटन, परसों केसर जल से स्नान के बाद संध्या को झांकी के दर्शन

मनकामेश्वर कांटाफोड़ शिव मंदिर, नवलखा
इंदौर, । नवलखा स्थित मनकामेश्वर कांटाफोड़ शिव मंदिर पर इस बार महाशिवरात्रि पर्व के पावन अवसर पर कोलकाता के सिद्धहस्त दस कलाकारों द्वारा अयोध्या के सतरंगी महल में रामदरबार की झांकी का निर्माण किया जा रहा है। मंदिर पर मंगलवार से चार दिवसीय शिव-पार्वती विवाह उत्सव की शुरुआत भगवान को हल्दी लगाने के साथ हो गई। सैकड़ों भक्तों ने कतारबद्ध होकर अपने आराध्य भगवान शिव को दूल्हे के रूप में हल्दी लगाकर श्रृंगारित किया।
मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष विष्णु बिंदल, टीकमचंद गर्ग, संयोजक बी.के. गोयल एवं सचिव अजय खंडेलवाल ने बताया कि मंदिर पर सुबह से ही भगवान को दूल्हा बनाकर हल्दी लगाने के लिए विशाल पात्र में हल्दी घोलकर रख ली गई थी। कतारबद्ध भक्तों का कारवां आता गया और भगवान के साथ उनके त्रिशूल और डमरू को भी हल्दी लगाने की स्पर्धा चलती रही। इस बीच भगवान शिव के जयघोष के उदघोष भी गूंजते रहे। बाद में भगवान को पंचामृत से अभिसिक्त किया गया। मंदिर पर भगवान को बुधवार, 6 मार्च को सुबह 10 बजे से मेहंदी, गुरुवार 7 मार्च को सुबह 9 बजे से उबटन-लेपन की रस्म होगी। महाशिवरात्रि के मुख्य महापर्व पर शुक्रवार 8 मार्च को शिवजी को केसर जल से स्नान कराया जाएगा । संध्या को बंगाल से आए कलाकारों द्वारा पिछले आठ दिनों से बनाई जा रही सतरंगी महल की झांकी में विराजित श्रीराम दरबार के दर्शन होंगे। बुधवार को मेहंदी की व्यवस्था मंदिर पर ही उपलब्ध रहेगी।
यह सतरंगी महल खस घास से कुटी के रूप में बनाया गया है, जिसमें प्रभु श्रीराम, माता जानकी, भाई लक्ष्मण और हनुमानजी के दर्शन होंगे। झांकी के दर्शन प्रारंभ होने के पूर्व सायं 6.30 बजे क्षेत्र के विधायक गोलू शुक्ला के आतिथ्य में आरती होगी। शनिवार, 9 मार्च को रात्रि 1.30 बजे से बाबा भोलेनाथ का रूद्राभिषेक एवं उसके पश्चात सुबह 5 बजे महाकाल की तर्ज पर महाभस्म आरती का आयोजन राज्य के शहरी विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के आतिथ्य में किया जाएगा।