सोलह श्रृंगार में सजी-धजी अग्रवाल समाज की एक हजार से अधिक महिलाओं ने एक साथ किए चांद और पति के दर्शन

गोयल पारमार्थिक ट्रस्ट के तत्वावधान में करवा चौथ उजमन का उत्सवी आयोजन – अनेक रोचक स्पर्धाएं भी हुई
इंदौर,। हाथों में मेहंदी और माथे पर बिंदिया सहित सुहागन के सोलह श्रृंगार में सजी-धजी अग्रवाल समाज की 71 महिलाओं और उनके आमंत्रण पर उत्सव में शामिल एक हजार महिलाओं ने गोयल पारमार्थिक ट्रस्ट की मेजबानी में राजीव गांधी चैराहा स्थित शुभकारज गार्डन पर करवा चौथ व्रत का आनंद बड़े उत्साह, जोश और गरिमा के साथ लिया। चांद के दर्शन की प्रतीक्षा के दौरान महिलाओं के लिए अंताक्षरी, वन मिनट गेम्स, कपल गेम्स, कलश सज्जा, तंबोला और रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी रखा गया था।
गोयल पारमार्थिक ट्रस्ट के प्रमुख प्रेमचंद गोयल, विजय गोयल ने बताया कि इस अवसर पर विजेता महिलाओं को पुरस्कृत भी किया गया। उद्यापन करने वाली 71 महिलाओं के साथ उनके रिश्तेदारों को भी जोड़े सहित आमंत्रित किया गया था, लिहाजा एक हजार से अधिक महिलाओं ने एक साथ पति और चांद के दर्शन कर अपना व्रत खोला। इस दौरान भजन गायिका पूजा पालीवाल ने अपने भजनों से सभी महिला-पुरुषों को आनंदित बनाए रखा। इसके पूर्व कार्यक्रम स्थल पर अनेक दिलचस्प और प्रेरक स्पर्धाएं भी सौल्लास संपन्न हुई। गोयल ट्रस्ट की ओर से व्रतधारी महिलाओं के लिए कलश, पूजन सामग्री, सुहाग सामग्री एवं गीत-संगीत के बाद स्वादिष्ट भोजन की व्यवस्था रखी गई थी। सांय 6 बजे से ही महिलाओं के आगमन का क्रम शुरू हो गया था। श्रीमती कनकलता-प्रेमचंद गोयल, श्रीमती कृष्णा विजय गोयल के मार्गदर्शन में महिलाओं का उत्साह तब देखने को मिला, जब दिनभर निर्जला व्रत के बावजूद गीत-संगीत की दावत में ‘गंगा मैया में जब तक पानी रहे, मेरे सजना तेरी जिंदगानी रहे…’ ‘तुम्हे और क्या दूं मैं दिल के सिवाय, तुमको हमारी उमर लग जाए…’ ‘जनम-जनम का साथ है निभाने को…’ ’वादा कर ले साजना तेरे बिना मै न रहूं….’ ‘पिया पिया बोले मेरा जिया…’ ‘सौ बार जनम लेंगे हम…’ जैसे पति-पत्नी के अटूट प्रेम को अभिव्यक्त करने वाले गीतों से समूचा माहौल माधुर्य और मस्ती में डूबा रहा। गीतों के साथ नृत्य के जोश ने निर्जला उपवास की थकान भी भुला दी। पतियों के समूह ने भी इस पूरे उत्सव का आनंद लिया। रात को 8. 18 बजे जैसे ही चतुर्थी के चांद के दीदार हुए, सुहागनों ने कलश लेकर पहले चंद्रमा को अर्ध्य दिया, फिर पति के दर्शन और चरण स्पर्श कर उनके हाथों से जल का घूंट लेकर इस उत्सव एवं अपने उपवास को सार्थक बनाया।
इस अवसर पर एक हजार से अधिक महिलाओं द्वारा एक साथ चंद्रमा एवं पति के दर्शन का दृश्य देखने लायक था। गार्डन पर विशेष रूप से सेल्फी पाइंट भी चंद्रमा की पृष्ठभूमि में बनाया गया था जहां देर रात तक सुहागन महिलाओं ने सैकड़ों तस्वीरें अपने मोबाइल कैमरों में कैद की। इसके पूर्व अतिथियों ने महाराजा अग्रसेन के चित्रपूजन के साथ उत्सव का शुभारंभ किया। उजमन में शामिल महिलाओं को अनेक उपहार सामग्री भी भेंट की गई। देर रात तक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां चलती रही।