हंसदास मठ देर रात तक गूंजती रही डंडियों की झंकार
शादी विवाह मांगलिक कार्यक्रमों में पारंपरिक परिधान मे शामिल होने का लिया संकल्प शत प्रतिशत मतदान का संकल्प

पुरस्कारों की झड़ी, प्रतिभागियों के चेहरे खिल उठे
इंदौर। संस्कार संस्कृति और पारंपरिक त्योहार हमको हमारे मूल से जोड़े रखते हैं वर्तमान परिदृश्य में संस्कारों में आ रहे हास को दूर करना होगा, शादी विवाह और मांगलिक कार्यक्रमों में पारंपरिक परिधान पहनकर संस्कृति से नई पीढ़ी को जोड़े रखता है इसके साथ ही पश्चात्य परिधान और संस्कार खामियों को बच्चों के बीच घर परिवार में रखना जरूरी है इस पर चर्चा कर बच्चों को हमारी संस्कृति से जोड़ ने के लिए घर-घर अभियान चलाना होगा तब जाकर अपने वाली पीढ़ी को पुरखा की विरासत सौप पाएंगे।
यह विचार विश्व ब्राह्मण समाज संघ द्वारा आयोजित परशु हंस गरबा महोत्सव प्रतियोगिता में अतिथियों ने संबोधन के दौरान व्यक्त किए। विश्व ब्राह्मण समाज संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व राज्य मंत्री दर्जा मध्य प्रदेश सरकार पंडित योगेंद्र महंत, विश्व ब्राह्मण समाज संघ के प्रदेश संयोजक पंडित पवन दास महाराज ने बताया कि प्रतिवर्षण अनुसार इस वर्ष भी दशहरा के दूसरे दिन परशु हंस गरबा महोत्सव प्रतियोगिता का आयोजन किया था, कार्यक्रम का शुभारंभ परशुराम के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलन के साथ अतिथियों ने किया शाम 7:00 बजे से गरबा प्रस्तुतियों का दौर शुरू हो गया जिसमें दो दर्जन से ज्यादा टिम अपनी-अपनी एक से बढ़कर एक पारंपरिक प्रस्तुतियां देकर दर्शकों का मन मोह लिया। कार्यक्रम में विशेष सानिध्य महामंडलेश्वर 1008 श्री रामचरण दास जी महाराज एवं संत महात्माओं का रहा ।इस अवसर पर आचार्य रामचंद्र शर्मा वैदिक ने सभी को संस्कृति और संस्कार के बारे में विस्तार से बताया। महिला प्रकोष्ठ की श्रीमती सावित्री अग्रावत, श्रीमती वर्षा शर्मा श्रीमती अर्पणा जोशी, श्रीमती अनीता व्यास , श्रीमती नीता शर्मा ने बताया कि बुधवार को गरबा प्रतियोगिता में सभी तकरीबन 800 से ज्यादा मातृ शक्तिया और बालिकाएं पारंपरिक वेशभूषा में शामिल हुए, देर रात तक चले इस भव्य आयोजन में हजारों की संख्या में ब्राह्मण समाज जन अपने अपने परिवार के साथ मौजूद हुए। शहर की ख्यात में सामाजिक राजनीतिक शख्सियत भी शामिल हुई जिन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव में शत प्रतिशत मतदान करने का संकल्प सभी को दिलाया। परशु हंस गरबा महोत्सव दो दर्जन से ज्यादा प्रतिभागियों को 1100 से लगाकर 21000 तक की पुरस्कार किए गए श्रेष्ठ गरबा प्रदर्शन के अलग-अलग पुरस्कार भी देर रात तक प्रतिभागियों को मिलते रहे जिस चेहरे पर रौनक साफ झलक रही थी।