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आत्मा की वृत्ति ही गोपी- गोस्वामी ब्रजोत्सव महाराज

भागवत कथा में रासलीला में भक्तों का उमड़ा सैलाब

मल्हारगंज स्थित गोवर्धननाथ मंदिर हवेली प्रांगण में जारी

इन्दौर । आत्मा की वृत्ति ही गोपी कहलाती है अर्थात जिसका मन ठाकुर जी की सेवा में रम गया वहीं गोपी है, फिर चाहे पुरूष हो या स्त्री। जिसका मन ठाकुर जी से लग गया वे सभी गोपी हैं। उक्त विचार मल्हारगंज स्थित गोवर्धन नाथ मंदिर हवेली प्रांगण में जारी भागवत कथा में गुरूवार को व्यास पीठ से गोस्वामी ब्रजोत्सव जी महाराज ने वैष्णवजनों को कथा का रसपान करवाते हुए व्यक्त किए। उन्होंने शुक्रवार ठाकुरजी लीलाओं का वर्णन कर सभी मातृशक्तियों को भाव-विभोर कर दिया। उन्होंने कथा में सेवा में रत गोप गोपियों द्वारा रचित रासलीलाल का मनोहारी प्रसंग भी सुनाया। वहीं भजन मंडली ने अपने सुमधुर भजनों की प्रस्तुति देकर सभी भक्तों को खूब थिरकाया।
पुरूषोत्तम मास महामहोत्सव समिति मनोज नागर, मनोहर महाजन एवं सुरेश ठाकुर ने बताया कि मल्हारगंज स्थित गोवर्धननाथ मंदिर हवेली प्रांगण में जारी भागवत कथा का शनिवार को समापन होगा।

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