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माया के जनक हैं भगवान शंकर – आचार्य पं. हर्षित शास्त्री

सुखलिया स्थित भारत माता मंदिर में जारी शिव महापुराण कथा में सैकड़ों भक्तों ने किया कथा का रसपान

इन्दौर । परम भगवान शिव हर चीज से परे हैं। वह बेदाग, सर्वज्ञ, प्रकृति के तीन गुणों और परम ब्रह्म से ऊपर है। वह अजन्मा है और वही सबका मूल है। शिव या महेश्वर माया के निर्माता है। उक्त विचार गुरूवार को सुखलिया स्थित सुखेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में प्रारंभ हुई शिव महापुराण कथा के प्रथम दिन आचार्य पं. हर्षित शास्त्री ने भक्तों को कथा का रसपान कराते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कथा में शुक्रवार को बिल्व पत्र व रूद्राक्ष के बारे में विस्तार से समझाया तथा इनके उपयोग व लाभ की जानकारी दी। श्री शिव महापुराण कथा महोत्सव समिति आयोजक सुरजीतसिंह-जसप्रीत वालिया एवं ठाकुर बृजकिशोरसिंह-हेमलता राजावत ने बताया कि सुखलिया स्थित भारत माता मंदिर परिसर में शिव महापुराण कथा प्रतिदिन 3 से 6 बजे तक आयोजित की जा रही है। शुक्रवार को शिव महापुराण कथा में शिव विवाह प्रसंग का मनोहारी चित्रण किया जाएगा। जिसमें प्रतिदिन मातृशक्तियां कथा का श्रवण कर रही हैं। शुक्रवार को कथा शुभारंभ के पूर्व व्यासपीठ का पूजन उत्तमसिंह वालिया, अन्नू जादौन, एसपी जायसवाल, अन्नू जादौन, प्रदीप द्विवेदी, पवन राजौरिया, नीलेश जायसवाल, जितेंद्र राठौर ने किया। शिव महापुराण कथा के साथ ही मातृशक्तियों द्वारा पार्थिव शिवलिंग निर्माण भी किए जाएंगे जिसका विद्वान पंडि़तों के सान्निध्य में अभिषेक-पूजन भी किया जाएगा।

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