12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन होंगे एक ही स्थान पर, रूद्राभिषेक के साथ ही होगा अभिमंत्रित रूद्राक्ष का वितरण
4 दिवसीय हरिहर उपासना महापर्व आज से

इंदौर से विनोद गोयल की रिपोर्ट:-
29 जुलाई से 1 अगस्त तक होंगे धार्मिक अनुष्ठान, 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शनों के साथ ही भजन संध्या एवं राम नाम लेखन महोत्सव भी मनाया जाएगा
इन्दौर । देवी अहिल्या की नगरी इन्दौर शहर के पश्चिमी क्षेत्र में 4 दिवसीय हरिहर उपासना महापर्व बड़े ही उत्साह पूर्वक मनाया जाएगा। पुरूषोत्तम मास में आयोजित इस महोत्सव अंतर्गत रूद्राभिषेक, सिद्ध रूद्राक्ष वितरण, बृजवासी बंधुओं की भजन संध्या एवं राम नाम लेखन कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। जिसमें इन्दौर की शहर की जनता के साथ ही साधु-संतों भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे।
संस्था अखंड भारत अध्यक्ष गंगा पाण्डे ने बताया कि रणजीत हनुमान प्रांगण में आयोजित हो रहे इस 4 दिवसीय हरिहर उपासना महापर्व की शुरूआत शनिवार को सुबह 10 बजे रूद्राभिषेक कार्यक्रम के साथ की जाएगी। जिसमें विद्वान पंडि़तों के सान्निध्य में सभी भक्त रूद्राक्ष का अभिषेक करेंगे। वहीं शाम को 7 बजे ब्रजवासी बंधुओं की भजन संध्या का आयोजन जिसमें मातृशक्तियों के साथ ही शहर के कई गणमान्य नागरिक भजन संध्या में शामिल होंगे। रविवार 30 जुलाई को सुबह 10 बजे भक्तों द्वारा रूद्राभिषेक किया जाएगा। सोमवार 31 जुलाई को दोपहर 1 बजे से अभिमंत्रित सिद्ध रूद्राक्ष का वितरण साधु-संतों के सान्निध्य में होगा। 4 दिवसीय हरिहर उपासना महापर्व का मुख्य महोत्सव राम नाम लेखन का होगा जो मंगलवार 1 अगस्त शाम 4 बजे से प्रारंभ होगा। कार्यक्रम की शुरूआत सामूहिक हनुमान चालीसा के पाठ से होगी एवं इसके पश्चात सभी राम भक्त राम नाम का सामूकि लेखन करेंगे।
10 हजार भक्तों का किया पंजीयन –
अध्यक्ष गंगा पाण्डे ने बताया कि शहर के पश्चिमी क्षेत्र में आयोजित हो रहे इस चार दिवसीय महोत्सव के तहत रणजीत हनुमान मंदिर प्रांगण में 15 हजार स्के फीट का भव्य वाटर प्रूफ पांडाल बनाया गया है। जिसमें 15 हजार से अधिक भक्त सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ एवं राम नाम लेखन करेंगे। संस्था द्वारा राम नाम लेखन महोत्सव के लिए 10 हजार भक्तों का पंजीयन किया जा चुका है।
12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन होंगे एक ही स्थान पर-
रणजीत हनुमान मंदिर परिसर में आयोजित हो रहे इस 4 दिवसीय हरिहर उपासना महापर्व के अंतर्गत वाटर प्रूफ पांडाल में 12 ज्योतिर्लिंगों की झांकी भी सजाई गई है। जिसमें सोमनाथ (गुजरात), मल्लिकार्जुन (आंध्र प्रदेश), महाकालेश्वर (उज्जैन), ओंकारेश्वर (खंडवा), केदारनाथ (उत्तराखंड), भीमाशंकर (महाराष्ट्र), विश्वनाथ (वाराणसी), त्रयंबकेश्वर (नासिक), नागेश्वर (गुजरात), बद्रीनाथ (झारखंड), रामेश्वरम (तमिलनाडू), घृष्णेश्वर महादेव (औंरंगाबाद) की प्रतिकृति बनाई गई है। जो यहां आने वाले भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र रहेगी।