हमे कमल निशान और मोदीजी को देख्कर मतदान कराना है
-भाजपा की बैठक में बूथ विस्तारक शैलेंद्र आजगे ने कहा।

सेंधवा।
संगठन में व्यक्ति बड़ा नहीं होता। पार्टी व उसका चिन्ह बड़ा होता है। इसलिए यह महत्व नहीं रखता की कौन व्यक्ति चुनाव लड़ रहा है। हमे तो केवल कमल निशान देखना व मोदी जैसे नेता को देख कर मतदान कराना है। भाजपा राष्ट्रीय चिंतन करने वाली पार्टी है। भारतीय जनता पार्टी एकमात्र एक ऐसी पार्टी है, जो भारत माता की जय का घोष करती है। बाकी दल सिर्फ अपने नेता का जयकारा लगाया जाता है। यह बात धूलिया महाराष्ट्र से आए बूथ विस्तारक शैलेंद्र आजगे ने नगर व सेंधवा ग्रामीण मंडल की बूथ विस्तारक की बैठक में कही।
भाजपा प्रवक्ता सुनील अग्रवाल ने बताया कि आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा ने अपनी सक्रियता बढाते हुए विधानसभा क्षेत्र में कार्यकर्ताओं की बैठक का दौर प्रारंभ कर दिया है। बैठक में मतदान केंद्र के मैदानी कार्यकर्ताओं से रूबरू होकर चुनावी योजनाओं को लेकर अभी से जूट जाने का आह्वान किया है । इस संबंध में भाजपा की नगर मंडल व सेंधवा ग्रामीण मंडल की बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं का सम्मेलन देवझिरी कालोनी की एक धर्मशाला में आयोजित किया गया। जिसमे अल्पकालीन केंद्र से कार्यकर्ता दत्तू भाई बोरसे, शैलेंद्र आजगे व सुनील उपाध्याय ने कार्यकर्ताओं को मार्गदर्शन दिया। बैठक में भाजपा नेता विकास आर्य ने विधानसभा क्षेत्र से संबंधित जानकारी देते हुए बताया की पार्टी द्वारा जिन कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई है, वे पूर्ण रूप से सक्रिय होकर कार्य कर रहे है। पूर्णकालीन विस्तारक सुनील उपाध्याय ने कहा की यह भूमि रामचंद्र विट्ठल बड़े की कर्मभूमि है। जिन्होंने आदिवासियो के हित की लड़ाई लड़ी थी वे आज कारगीर साबित हो रही है। आदिवासियो जो भूमिहीन है उन्हे नवाड के पट्टे दिए गए। जन्म से लेकर मृत्यु तक की योजनाएं भाजपा सरकार द्वारा चलाई जा रही है। आम व्यक्ति इसका लाभ ले रहा है। बैठक प्रारंभ होने से पूर्व भारत माता वी पंडित दीनदयाल उपाध्याय, श्यामाप्रसाद मुखर्जी के चित्र पर पूजन किया गया। अथिति का स्वागत मंडल अध्यक्ष राहुल पवार व बंटी जमरे ने किया आभार गणेश राठौड़ ने व्यक्त किया । इस अवसर पर नपाध्यक्ष बसंती बाई यादव, पार्शदगण लक्ष्मी शर्मा, लता चौधरी, कृष्णा पालीवाल, नीलेश अग्रवाल, विक्की छाबडा, श्याम पाटिल सहित बड़ी संख्या में नगर व ग्रामीण कार्यकर्ता उपस्थित थे ।
