हम भेड़-बकरी नहीं, अपना हक मांगने के लिए लाल किले पर पहुंच कर हिस्सेदारी मांगने के लिए तैयार रहें
सहाय का आव्हान- -इंदौर में विधि प्रकोषठ का शुभारंभ
इंदौर,। पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री एवं अ. भा. कायस्थ महासभा के अध्यक्ष सुबोधकांत सहाय ने कहा कि कायस्थ समाज की राजनीति के क्षेत्र में घोर उपेक्षा हो रही है। हम भेड़-बकरी नहीं है। केंद्र सरकार में एक वक्त तीन-तीन केबिनेट मंत्री कायस्थ समाज के रहे हैं, अब एक भी नहीं है। उत्तर प्रदेश में मेयर के चुनाव में हमारे समाज के एक भी प्रत्याशी को किसी पार्टी ने टिकट नहीं दिया। इंदौर में महापौर के चुनाव में समाज के प्रत्याशी का टिकट ऐन वक्त पर काट दिया। क्या इस स्थिति को हमें बर्दाश्त करना चाहिए? हमें सारे देश में फैले अपने समाज बंधुओं को संगठित कर दिल्ली के लाल किले पर पहुंच कर नेतृत्व के कान में अंगुली डाल कर अपनी हिस्सेदारी मांगना पड़ेगी, इसके लिए तैयार रहना होगा। समाज को दोनों पैरों पर खड़े होकर मुट्ठी बांधकर अपना हक मांगना होगा।
सहाय रविवार को अ.भा कायस्य महासभा की इंदौर जिला एवं प्रदेश इकाई द्वारा मधुर मिलन गार्डन में आयोजित देश के विधिवेत्ताओं के सम्मेलन, समाजसेवी बंधुओं के सम्मान एवं कायस्थ समागम में अध्यक्षीय उदबोधन दे रहे थे। सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायमूर्ति दीपक वर्मा के मुख्य आतिथ्य में महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष डा. मुकेश श्रीवास्तव, डा. ए.के. श्रीवास्तव, राष्ट्रीय महामंत्री विश्वमोहन कुलश्रेष्ठ, संगठन मंत्री पी.सी.एल. श्रीवास्तव, महासभा के प्रदेशाध्यक्ष मेजर जनरल (से. नि.) श्याम श्रीवास्तव, राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप माथुर ने भगवान चित्रगुप्त के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर इस समागम का शुभारंभ किया। संचालन किया श्रीमती आभा ने।
न्यायमूर्तियों का सम्मान- इस मौके पर मप्र उच्च न्यायालय के न्यामूर्ति रहे जस्टिस मैथिलीशरण, जस्टिस एके कुलश्रेष्ठ, जस्टिस एस.पी. खरे, जस्टिस ए.पी. श्रीवास्तव एवं जस्टिस आई.एस. श्रीवास्तव को मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति दीपक वर्मा एवं मुख्य अतिथि सुबोधकांत सहाय ने स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
अभिभाषकों का भी सम्मान-कार्यक्रम में समाज से जुड़े वरिष्ठ अभिभाषकों को भी अतिथियों ने सम्मानित किया। पूर्व महाधिवक्ता आनंद मोहन माथुर का सम्मान उनकी बेटी डा. पूनम माथुर ने ग्रहण किया। उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अभिभाषक पी. के. सक्सेना, पीयूष माथुर, अरविंद निगम, सतीश श्रीवास्तव एवं सुश्री आभा सिपाहा को भी सम्मानित किया गया। इंदौर अभिभाषक संघ के 12 बार अध्यक्ष रहे सुरेंद्र वर्मा भी सम्मानित किए गए।
पूर्व जिला अध्यक्ष भी हुए सम्मानित-इस मौके पर कायस्थ महासभा के पूर्व जिलाध्यक्ष महेश श्रीवास्तव, सुबोध वर्मा, विजय श्रीवास्तव, सुशील निगम, सुरेश सक्सेना अजनबी एवं सुरेश सक्सेना का भी सम्मान किया गया।
विधि प्रकोष्ठ का शुभारंभ- कार्यक्रम के दौरान समाज के उन छात्रों की मदद के लिए एवं मार्गर्शन के लिए विधि प्रकोष्ठ के गठन की घोषणा भी प्रदेशाध्यक्ष मेजर जनरल (से. नि.) श्याम श्रीवास्तव ने की, जो कानून की पढ़ाई करते हुए विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम समाज के प्रत्येक बंधु एवं बालक की मदद करना चाहते हैं, चाहे वह किसी भी क्षेत्र में काम करने का इच्छुक हो। न्यायमूर्ति एवं मुख्य अतिथि दीपक वर्मा ने अपने न्यायिक सेवाकाल के प्रेरक संस्मरण सुनाए और समाजबंधुओं को आव्हान किया कि भीड़ में अपनी अलग पहचान बनाएं। अध्यक्षता कर रहे राष्ट्रीय अध्यक्ष सहाय ने ओजस्वी उदबोधन में समाज के सभी संगठनों को साथ लेकर काम करने का आग्रह किया और कहा कि समाज का कोई व्यक्ति रुठे नहीं, कोई छूटे नहीं। राष्ट्रगान के साथ समापन हुआ।




