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गुर्दे की बीमारियाँ – डरा सकती हैं, लाइलाज नहीं – डॉ. असद रियाज़


इंदौर, पूरी दुनिया में विश्व किडनी दिवस मनाया जा रहा है। लोगों को गुर्दे या किडनी बीमारियों के विषय में जागरूकता बढ़ाने के लिए यह दिवस हर साल मार्च के दूसरे गुरुवार को पूरे विश्व में मनाया जाता है। इस दिन अधिकांश लोगों को किडनी के महत्व और इसके संदर्भ में जागरूक किया जाता है। क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) या एक्यूट किडनी इंजरी (AKI) के मरीज विश्व स्तर पर और विशेष रूप से भारत जैसे विकासशील देशों में बढ़ रहे हैं।. जो भारतीय उपमहाद्वीप सहित दक्षिण पूर्व के देशों में बढ़ रहा है। इसलिए आम जनता को इस खतरनाक बीमारी के बारे में सही जानकारी होनी चाहिए। इसी को ध्यान में रखकर शैल्बी मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल, इंदौर विश्व किडनी दिवस मनाया और लोगो को जागरूक किया l

इस अवसर पर शैल्बी हॉस्पिटल्स के किडनी रोग विशेषज्ञ (नेफ्रोलॉजिस्ट) डॉ. असद रियाज़ ने बताया कि गुर्दे की बीमारियाँ, अपने आप में एक नाम है जो किसी को भी डरा सकती है और जिसके कारण कई भ्रांतियाँ हैं. क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) का मतलब किडनी की बनावट में लम्बे समय के लिए और अपरिवर्तनीय क्षति होना है यह वर्तमान में दुनिया भर में लगभग 85 करोड़ लोगों को प्रभावित करता है जो कि सामान्य आबादी का लगभग 14% है। हर दस में से एक व्यक्ति क्रॉनिक किडनी डिजीज का शिकार है और हर साल 20 लाख से अधिक लोग किडनी फेलियर से मर जाते है। क्रॉनिक किडनी डिजीज के 5 चरण हैं। दुर्भाग्य से अधिकांश रोगियों का निदान 4-5 चरणों में बहुत देर से किया जाता है, जहां इसे रोकने के उपाय विफल रहते हैं और मरीज के पास डायलिसिस या किडनी प्रत्यारोपण ही इलाज बचता है।

डॉ रियाज़ ने आगे बताया कि शैल्बी हॉस्पिटल्स की मल्टी- डिसिप्लिनरी टीम यह सुनिश्चित करती है कि प्रत्येक किडनी रोगी को सारी फैकल्टी के अनुभव का लाभ मिले। इसमें सभी किडनी रोग विशेषज्ञो के साथ-साथ संबद्ध क्षेत्रों (जैसे: मूत्ररोग विशेषज्ञ) चिकित्सक शामिल हैं। नेफ्रोलॉजिस्ट के उपचार द्वारा मामले का विवरण प्रस्तुत किया जाता है। समूह तब निदान, जांच और अगले चरणों की चर्चा करता है। अंतिम उपचार निर्णय तब प्रकाशित दिशा-निर्देशों, प्रासंगिक साहित्य और साथ ही हमारी अत्यधिक योग्य, सक्षम और अनुभवी टीम के सामूहिक अनुभव से आता है।

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