होसलो की उड़ान; हाथ पैर गल गए, चलती है घुटनों से, लिखती है कोहनी से, ममता के हौसलो के आगे हारी निशक्तता

खरगोन से इसहाक पठान की रिपोर्ट।
जिले के महेश्वर तहसील के करही मे 15 वर्ष पूर्व जब ममता का जन्म हुआ था तो उसके घर परिवार ने खूब खुशिया मनाई गई। जन्म से महज 6 माह की उम्र में ही नन्ही सी ममता को एक ऐसी लाइलाज बिमारी ने अपनी ने अपनी गिरफ्त में लिया की वह आज तक भी अपने पेरो पर नतो चल पाई और न ही हाथो से कुछ कर पाई। जिस उम्र में ममता को घर आंगन मस्ती की किलकारियां गुंजनी थी उसी घर में उसकी बीमारी को लेकर माता पिता उसके इलाज के लिए भटकते रहे ।पर इस लाइलाज बीमारी का उपचार नही हो सका ।
दोनों हाथ तथा दोनों पैर घुटने-कोहनी तक गलने के बावजूद भी ममता ने कभी हार नही मानी ।
खरगोन जिले के वणी गाव के कैलाश टटवारे की एक लोती बेटी ममता के हाथ तथा पैर 6 माह की उम्र में गल गए । परिजनों ने उसे करही , महेश्वर , बड़वाह , धामनोद , इन्दोर, सहित अनेक जगहों के डाक्टरों , हकीमो , वैद्यो से काफी इलाज करवाया पर कहि से भी ममता बिमारी ठीक नही हो पाई ।
हाथ पैर ने जब साथ छोड़ दिया तो ममता के माता पिता ने उसकी हिम्मत बढाई । दूसरे बच्चों की तरह पढ़ने की इच्छा रखने वाली ममता का एडमिशन गाव की ही शा प्रा शाला में हुआ जहां पर ममता ने अपनी पारम्भिक पढाई की शुरुआत की शाला के शिक्षको ने भी ममता का होसला कम नही होने दिया। दोनों कोहनियो से चाक या पेन्सिल पकड़कर वह कॉपी या स्लेट पर आसानी से खूबसूरत हैंडराइटिंग में लिख लेती थी। ममता वर्तमान में ममता 10 वी की छात्रा है उसका सपना डाक्टर या फिर शिक्षक बनकर अपनी तरह लोगो की निस्वार्थ सेवा करना है । ममता के माता पिता दोनों ही मजदूरी कर जीवन यापन करते है ।
करही की निजी स्कुल में पढ़ती है ममता
करही की वसुधा विद्या विहार में निशुल्क शिक्षा प्राप्त कर रही ममता को वणी अपने धर से आने जाने के लिए स्कुल द्वारा वाहन सुविधा के साथ ही पाठ्यपुस्तकें ,यूनिफार्म आदि चीजे निशुल्क दी जा रही है । कक्षा यू के जी से पढ़ाई शुरू करने वाली ममता अब 10 वी की बोर्ड परीक्षा दे रही है स्कूल की प्राचार्य मेरी जोजू ने बताया 2012 में नवीन एडमिशन के लिए स्कूल के शिक्षक वणी गांव गए थे तब ममता तथा उसके परिजनों से मिले थे उसका हौसला देख कर संस्था ने उसे निशुल्क शिक्षा देने की बात कही उसके बाद से ममता स्कूल ने शिक्षा ले रही है ।वह कार्यक्रमो में भी बढ़ चढ़ के हिस्सा लेती है । तथा पुरस्कारों से सम्मनित भी होती है ।
जब परीक्षा केंद्र पहुंची ममता
1 मार्च को 10 वी बोर्ड की परीक्षा शुरू हो गई है ममता भी शासकीय कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल अपनी मां के साथ पहुंची ।ममता को देख कर कहा वहा उपस्थित केंद्रा अध्यक्ष विष्णु पाटीदार,भारती जोशी ,प्राचार्य राजेश खेडेकर, शिक्षको ने देखकर उसके हौसले को सराहना की ।ममता ने बिना किसी की मदद के दोनो कोहनियों के बीच पेन को पकड़कर हिंदी का पहला पेपर हल किया । शिक्षको ने बताया ममता के हौसले की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है
अब ठीक नही हो सकती ममता
करही प्राथमिक स्वास्थ केंद्र के सेवा निवृत्त मेडिकल आफिसर डा. श्रेणिक छाजेड़ ने बताया ममता को टेट्रा एमिलिया नाम की बिमारी है यह बिमारी लाखो में से किसी एक में पाई जाती है । इस बिमारी में रक्त प्रवाह सही नही होता हाथ पैर गल जाते हे । हालांकि एक ख़ास अवस्था के बाद हाथ पैर गलने की प्रक्रिया बन्द हो हाती हे । साधारण लोग जल्दी होसला हार जाते हे । लेकिन बालिका की हिम्मत काबिले तारीफ़ है । उसके हाथ पैर और ज्यादा नही गलेगे लेकिन उसे ठीक नही किया जा सकता ।