खरगोन जिला चिकित्सालय में प्लेटलेट्स मशीन खराब होने से दो माह रही बंद, प्रतिदिन 3 मरीज इंदौर हुए रेफर

खरगोन से अनूप तिवारी की रिपोर्ट
खरगोन। जिला चिकित्सालय में कुछ माह पूर्व ही ब्लड से प्लेटलेट्स बनाने की आई नई मशीन गत दिनों खराब होने से दो माह तक लगातार मरीजों को परेशान होना पड़ा। प्रतिदिन औसत 3 मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ाने की आवश्यकता होती है जिसकी सुविधा पूरे जिले में केवल जिला चिकित्सालय में ही है।इस प्रकार दो माह तक लगातार प्रतिदिन 3 मरीजों को महज प्लेटलेट्स की कमी होने पर इंदौर रेफर करना पड़ा। जिले की आबादी के हिसाब से यहां विकल्प के रूप में एक और मशीन की बहुत आवश्यकता है। स्वास्थ विभाग कर्मियों का कहना है कि हम कई बार अधिकारियों को इस बारे में अवगत करा चुके है और लिखित में भी इसके बारे में मांग की गई है।
5 दिन ही होती है प्लेटलेट्स की लाइफ
जिला चिकित्सालय के ब्लड बैंक प्रभारी सचिन चौहान ने बताया कि यहां प्लेटलेट्स की मशीन की सौगात गत वर्ष सितंबर माह में मिली थी लेकिन पूरे जिले में ये एकमात्र मशीन है जिससे इस पर कार्य का दबाव भी ज्यादा होता है। यहां हम ब्लड से प्लाज्मा और प्लेटलेट्स बनाते है। ब्लड की लाइफ 35 दिन,प्लाज्मा की 1 वर्ष और प्लेटलेट्स की मात्र 5 दिन की लाइफ होती है। हम प्रतिदिन 5 यूनिट प्लेटलेट्स का निर्माण करते है क्योंकि कम लाइफ होने से ज्यादा स्टॉक नहीं कर सकते इसलिए जरूरत होने पर स्टॉक मेंटेन करते रहते है। ये मशीन अभी दो माह बंद रही तो मरीजों को बहुत परेशान होना पड़ा। यहां विकल्प के रूप में एक मशीन की ओर आवश्यकता है जिसके लिए हम विभाग को कई बार लिखित में भी अवगत करा चुके है। प्राप्त जानकारी के अनुसार ये मशीन ज्यादा महंगी भी नहीं है अगर कोई समाजसेवी चाहे तो दान भी कर सकते है।
महज प्लेटलेट्स चढ़ाने इंदौर जाना पड़ा
शहरवासी प्रदीप बड़ोले ने बताया कि हमारे परिजन को प्लेटलेट्स की कमी बताई गई । हम जिला चिकित्सालय में आए लेकिन यहां मशीन खराब होना बताया तब मजबूरी में इंदौर जाना पड़ा जिसमें सिर्फ प्लेटलेट्स चढ़ाने में 40,50 हजार रुपए खर्च हो गए। मुकेश राठौड़ ने बताया की एक परिचित को प्लेटलेट्स कम होने पर जिला चिकित्सालय में भेजा की वहां अब प्लेटलेट्स चढ़ाने की सुविधा हो गई है लेकिन मशीन खराब होने पर वो भी मजबूरन इंदौर गए और अस्पताल का भारीभरकम बिल चुकाना पड़ा।
समस्या दूर करने के लिए करेंगे प्रयास
जिला चिकित्सालय के सांसद प्रतिनिधि जयप्रकाश पटेल से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि यहां प्लेटलेट्स मशीन की आवश्यकता थी जिसे सांसद महोदय ने पूरा करवाया लेकिन एक और वैकल्पिक मशीन की जरूरत है इसके लिए भी स्वास्थ अधिकारियों से चर्चा करेंगे। सांसद महोदय को भी अवगत कराएंगे और समस्या का शीघ्र हल करेंगे।