
इंदौर, । बुद्धि एक हार्डवेयर है और मन उसका साफ्टवेयर। यदि साफ्टवेयर करप्ट होगा तो हार्डवेयर कुछ नहीं कर सकता, इसीलिए दोनों का ठीक होना आवश्यक है। मन और बुद्धि के समन्वय से ही हम जीवन के झंझावतों का मुकाबला कर सकते हैं। मन को समझाना बड़ा मुश्किल काम है। मन को गंदा करने में देर नहीं लगती, लेकिन मन को निर्मल बनाना बड़ी चुनौती है। यह काम कोई और नहीं स्वयं हमे ही करना होगा।
जगदगुरू कृपालु महाराज के शिष्य विख्यात प्रवक्ता, वैदिक विद्वान एवं भक्तिमार्गीय संत तथा आई.आई.टी. ओर आई.आई.एम. से सुशोभित स्वामी मुकुंदानंद ने जाल सभागृह में राधाकृष्ण सत्संग समिति के तत्वावधान में व्यक्त किए। मन पर विजय पाना सबसे बड़ा काम है। मनुष्य को मन पर विजय पाने के लिए बहुत ज्यादा आत्म संयम की जरूरत होती है। भगवान ने मनुष्य को जन्म के साथ ही बुद्धि भी प्रदान की है। इस बुद्धि से ही मन पर विजय प्राप्त हो सकती है। एक छोटा बच्चा जब स्कूल के रास्ते में जलेबी देखता है तो ललचा जाता है, लेकिन अपनी बुद्धि से यह समझ लेता है कि उसकी जेब में पैसे नहीं है और जलेबी को उठाकर भी नहीं खाया जा सकता, इसलिए वह अपने मन को समझाकर आगे बढ़ जाता है। हम भी यदि मौत को याद करते रहें कि जीवन में अगला क्षण मिले या न मिले तो हम मन पर नियंत्रण कर सकते हैं। कार्यक्रम में स्वामी मुकुंदानंद द्वारा लिखित पुस्तक ‘ गोल्डन रूल्स फॉर लीविंग योअर बेस्ट लाइफ ’ का लोकार्पण समाजसेवी दिनेश मित्तल एवं गीता भवन ट्रस्ट के मंत्री रामविलास राठी के आतिथ्य में संपन्न हुआ।