स्वदेशी वस्तुओं से निर्मित सबसे बड़ी 40 इंच बाय 40इंच की राखी विश्व प्रसिद्ध भगवान खजराना गणेश को को अर्पित
अपरेश सिंदूर से प्रेरित...चायना - टर्की निर्मित सामग्री का बहिष्कार करती....

अपरेश सिंदूर से प्रेरित…चायना – टर्की निर्मित सामग्री का बहिष्कार करती….
स्वदेशी वस्तुओं से निर्मित सबसे बड़ी 40 इंच बाय 40इंच की राखी विश्व प्रसिद्ध भगवान खजराना गणेश को को अर्पित
आचार्य पंडित पुजारी के साथ वैदिक मंत्र उपचार से कुंज उठा मंदिर परिसर
80 हजार चिढ़ के मोती, 1000 रुद्राक्ष, 200 से ज्यादा सोने के वर्क से सजी सुपारीया भव्य राखी की शोभा को लगा रहे चार चांद
3 महीने से पालरेचा परिवार बना रहा इस 40 इंच बाय 40 इंच की भव्य राखी को
इंदौर। प्रधानमंत्री का स्वदेशी अपनाओ अभियान, ऑपरेशन सिंदूर के बाद ओर अमेरिका के लगातार बढ़ते प्रतिबंधों के बीच इंदौर में विष प्रसिद्ध भगवान खजाना गणेश को अ 40 इंच बाय 40 इंच की सबसे बड़ी राखी स्वदेशी अपनाओ की प्रेरणा के साथ अर्पित की गई , मुख्य पुजारी पंडित और आचार्य के मंत्र उपचार और जय घोष से मंदिर परिसर सुबह गूंजाय मान रहा। भव्य राखी को बनाने में तकरीबन 3 महीने का समय पालरेचा परिवार को लगा है शनिवार सुबह 7बजे यह राखी भगवान गणेश को प्रदान अर्पित की गई।
स्वच्छता के साथ इंदौर देश में स्वदेशी सामान अपनाने और इससे निर्मित राखी के माध्यम से देश प्रेम का संदेश देने जा रहा है। इंदौर का पालरेचा परिवार विगत 21 वर्षों से भगवान खजराना गणेश को सबसे विशाल राखी अर्पित करता आया है, शांतू पालरेचा और पुंडरीक पालरेचा ने बताया कि भगवान खजराना गणेश को दो दशक से अर्पित की जा रही भव्य राखी अब इंदौरी परंपरा हो गई है इस बार राखी के माध्यम से देश के प्रधानमंत्री डॉ नरेंद्र मोदी के स्वदेशी अपनाओ आव्हान को अंगीकृत करते हुए देश में निमित स्वदेशी सामानों को अपनाने के उद्देश्य से बनाई गई है। इस भव्य 40 इंच बाय 40 इंच की राखी का निर्माण पालरेचा परिवार के सदस्यों ने मई के आखिरी सप्ताह में शुरू कर दिया था, इस राखी की थीम ऑपरेशन सुंदर, और स्वदेशी सामग्री से निर्माण का विचार विगत 3/4 महीनो में देश में बने हालातो को लेकर लिया गया है। पिछले तीन चार महीनो चीन और टर्की के समान का बहिष्कार का जो माहौल सामने आया, इसी को लेकर चायना मुक्त राखी बनाई गई है। 9अगस्त रक्षाबंधन से शुभ मुहूर्त में मुख्य पुजारी अशोक भट्ट पुनीत जी भट्ट, जयदेव जी सतपाल महाराज आदि द्वारा विधि विधान पूर्वक भगवान को अर्पित कराई गई यह पूर्णत: स्वदेशी सामग्री से निर्मित भव्य राखी को भगवान खजराना गणेश को अर्पित हुई।
चांदी की कलश और सोने की वर्क…
18 बड़े नारियल जटाए,17 चांदी के कलश, फोम, जरदोशी की बूटियां, चीड़ की मोतियों की लड़े ,इसको शोभायमान कर रही है, इसके साथ ही गत्ता पर मखमल की कारीगरी गोटा किनारी स्वास्तिक इसकी छठा बड़ा रहे है।
देवालयों में अर्पित राखियां
उज्जैन चिंतामन गणेश, बड़ा गणपति, वीर अलिजा सरकार, मणिभद्र जी , मल्हागंज छोटे गणपति जी को भी रक्षाबंधन के दिन इसी स्वरूप की 24 इंच की राखियां अर्पित की गई।